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Banswara: डूंगरपुर कलेक्टर ने तीन दिन में मांगी जर्जर भवनों की रिपोर्ट, ऐसी जगहों का उपयोग न करने के निर्देश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांसवाड़ा
Published by: बांसवाड़ा ब्यूरो
Updated Fri, 25 Jul 2025 10:49 PM IST
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सार
स्कूल भवन हादसे के बाद आज डूंगरपुर के जिला कलेक्टर ने अधिकारियों की बैठक लेकर तीन दिन में ऐसे भवनों की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही किसी भी विभाग से संबंधित जर्जर अवस्था में पहुंच चुके राजकीय या निजी भवनों का उपयोग नहीं करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री की वीसी में मौजूद जिला कलेक्टर और स्तरीय अधिकारी ।
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विस्तार
झालावाड़ में स्कूल भवन ढहने की घटना और मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद डूंगरपुर के जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने शुक्रवार शाम जिला एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने किसी भी विभाग से संबंधित राजकीय अथवा निजी भवनों में संचालित हो रहे कार्यालयों, विद्यालय, आंगनवाड़ी, सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटर के जर्जर भवन अथवा कक्षों का उपयोग नहीं करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने पंचायती राज विभाग, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा राजकीय विभागों के अधिकारियों को पूरी गंभीरता के साथ अपने विभाग से संबंधित विद्यालय भवनों, आंगनवाड़ी, मां बाड़ी, सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटर, सामुदायिक भवन, अन्य राजकीय कार्यालय का सघन निरीक्षण कर उनके जर्जर होने, क्षतिग्रस्त होने, अनुपयोगी होने की वस्तु स्थिति की रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जर्जर अथवा क्षतिग्रस्त कक्षा कक्ष में बच्चों को न बैठाएं तथा साथ ही उस क्षेत्र को प्रतिबंधित करते हुए सूचना चस्पा करें ताकि कोई अनजाने में भी उधर ना जाए।
ये भी पढ़ें- ‘बच्चे कहते रहे कि छत गिर रही, पर मैडम ने लगा दी कुंडी’, झालावाड़ हादसे में खुलासा
उन्होंने उपखंड अधिकारियों, सीबीईओ, सीडीपीओ से जानकारी लेकर भवन के क्षतिग्रस्त या जर्जर होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो भवन नाकारा घोषित है, उन पर ताला लगाया जाए। उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, तकनीकी विशेषज्ञ तथा संबंधित विभाग के अधिकारी की समिति बनाते हुए सघन निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रणछोड़ डामोर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अलंकर गुप्ता, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग पंकज द्विवेदी ने अपने ब्लॉक लेवल अधिकारियों को जर्जर भवनों का निरीक्षण कर सूची भेजने, भवन की स्थिति, वैकल्पिक व्यवस्था आदि की विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए।
22 भवन पूरी तरह खंडहर
डूंगरपुर जिले में 22 स्कूल पूरी तरह खंडहर हैं। इनमें बिछीवाड़ा में प्रावि संचिया, प्रावि राताघाटा मालामाथा, प्रावि हिंडवा घाटी आमझरा, प्रावि छाबड़ी गामड़ी अहाड़ा, प्रावि कामडीदरा मेवाड़ा, प्रावि नया तालाब सेकंड, सीनियर सेकेंडरी स्कूल तलैया, प्रावि डामोर फला तलैया, प्रावि कोटेड फला, प्रावि कोटेड फला सेकंड लाम्बा भाटड़ा, प्रावि नारफला बौखला पाल, सागवाड़ा ब्लॉक में प्रावि टीमुरवा वगैरी और प्रावि जामुखंड फला सुखा पादर, आसपुर ब्लॉक में यूपीएस गड़ा एकलिंगजी, दोवड़ा में प्रावि तोरणिया खेमपुर, चिखली में प्रावि कावेरी बड़ी दरियाटी, सीमलवाड़ा में प्रावि डामोर फला सरथुना, झोंथरी में प्रावि वजेपुरा उदेया, प्रावि तलावडी फला गांधवा पाल, उप्रावि ऊपर गामिया वासुआ, उप्रावि कुंडली रेंटा, प्रावि सफुलिया फला सुराता के भवन शामिल हैं।

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कलेक्टर ने पंचायती राज विभाग, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा राजकीय विभागों के अधिकारियों को पूरी गंभीरता के साथ अपने विभाग से संबंधित विद्यालय भवनों, आंगनवाड़ी, मां बाड़ी, सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटर, सामुदायिक भवन, अन्य राजकीय कार्यालय का सघन निरीक्षण कर उनके जर्जर होने, क्षतिग्रस्त होने, अनुपयोगी होने की वस्तु स्थिति की रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जर्जर अथवा क्षतिग्रस्त कक्षा कक्ष में बच्चों को न बैठाएं तथा साथ ही उस क्षेत्र को प्रतिबंधित करते हुए सूचना चस्पा करें ताकि कोई अनजाने में भी उधर ना जाए।
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उन्होंने उपखंड अधिकारियों, सीबीईओ, सीडीपीओ से जानकारी लेकर भवन के क्षतिग्रस्त या जर्जर होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो भवन नाकारा घोषित है, उन पर ताला लगाया जाए। उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, तकनीकी विशेषज्ञ तथा संबंधित विभाग के अधिकारी की समिति बनाते हुए सघन निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रणछोड़ डामोर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अलंकर गुप्ता, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग पंकज द्विवेदी ने अपने ब्लॉक लेवल अधिकारियों को जर्जर भवनों का निरीक्षण कर सूची भेजने, भवन की स्थिति, वैकल्पिक व्यवस्था आदि की विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए।
22 भवन पूरी तरह खंडहर
डूंगरपुर जिले में 22 स्कूल पूरी तरह खंडहर हैं। इनमें बिछीवाड़ा में प्रावि संचिया, प्रावि राताघाटा मालामाथा, प्रावि हिंडवा घाटी आमझरा, प्रावि छाबड़ी गामड़ी अहाड़ा, प्रावि कामडीदरा मेवाड़ा, प्रावि नया तालाब सेकंड, सीनियर सेकेंडरी स्कूल तलैया, प्रावि डामोर फला तलैया, प्रावि कोटेड फला, प्रावि कोटेड फला सेकंड लाम्बा भाटड़ा, प्रावि नारफला बौखला पाल, सागवाड़ा ब्लॉक में प्रावि टीमुरवा वगैरी और प्रावि जामुखंड फला सुखा पादर, आसपुर ब्लॉक में यूपीएस गड़ा एकलिंगजी, दोवड़ा में प्रावि तोरणिया खेमपुर, चिखली में प्रावि कावेरी बड़ी दरियाटी, सीमलवाड़ा में प्रावि डामोर फला सरथुना, झोंथरी में प्रावि वजेपुरा उदेया, प्रावि तलावडी फला गांधवा पाल, उप्रावि ऊपर गामिया वासुआ, उप्रावि कुंडली रेंटा, प्रावि सफुलिया फला सुराता के भवन शामिल हैं।
मुख्यमंत्री की वीसी में मौजूद जिला कलेक्टर और स्तरीय अधिकारी ।