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Banswara News: मां ने बेटे और बेटी को कुएं में फेंका, दोनों की मौत; बड़ी बेटी ने भागकर बचाई जान, जानें मामला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांसवाड़ा
Published by: बांसवाड़ा ब्यूरो
Updated Fri, 18 Jul 2025 01:14 PM IST
सार
महिला अपनी छह साल की बेटी को भी फेंकने वाली थी, लेकिन बच्ची हाथ छुड़ाकर भाग निकली और ग्रामीणों ने उसे बचा लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।
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डूंगरपुर अस्पताल में भर्ती वर्षा।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
डूंगरपुर जिले के सदर थाना क्षेत्र के मोकरवाडा गांव में गुरुवार को बीमारी से परेशान एक मां ने अपने चार वर्ष के बेटे और दो महीने की बेटी को कुएं में फेंक दिया। इससे दोनों की मौत हो गई। एक बेटी मौके से भाग निकली जिस कारण उसकी जान बच गई। महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के अनुसार गुमानपुरा ग्राम पंचायत के बुयेला गांव निवासी महिला वर्षा पत्नी सुनील डामोर गुरुवार को अपनी बेटी उर्मिला (6), बेटे जीतू (4) और 2 महीने की बच्ची को लेकर अपने घर से पांच किलोमीटर दूर मोकरवाडा गांव पहुंचीं। वहां उसने नदी के किनारे एक बिना मुंडेर के कुएं में जीतू और दो महीने की मासूम को फेंक दिया।
हाथ छुड़ाकर भागी बड़ी बेटी
सहायक उप निरीक्षक भवानी सिंह ने बताया कि वर्षा 6 साल की बेटी उर्मिला को भी कुएं में फेंकने वाली थी, लेकिन वह मां का हाथ छुड़ाकर भाग गई। इससे उसकी जान बच गई। उसे भागता देख वर्षा भी उसके पीछे दौड़ी। आसपास खेतों में काम कर रहे लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और बच्ची को बचा लिया।
सन्न रह गए ग्रामीण
कुएं में दो बच्चों के फेंके जाने की जानकारी पर ग्रामीण सन्न रह गए। उन्होंने कुएं में फेंके बच्चों को बचाने के प्रयास किए, किंतु दोनों बच्चों की डूबने से मौत हो गई। सूचना पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद दोनों बच्चों के शव बाहर निकाले गए। वहीं लोगों ने वर्षा को पुलिस को सौंप दिया।
असहनीय दर्द से परेशान
पुलिस की पूछताछ में वर्षा ने बताया कि 2 महीने पहले उसका बच्चेदानी का ऑपरेशन करवाया गया था। उसके बाद से पेट में असहनीय दर्द रहता है। इस कारण उसने सोचा कि यदि उसकी मौत हो गई तो बच्चों का क्या होगा। यही बात उसके दिमाग में घर कर गई। वह तीन बच्चों के साथ कुएं में कूदने गई थी। 2 बच्चों को फेंकने के बाद बड़ी बेटी के भाग जाने से वह बच गई। वर्षा को जिला अस्पताल के महिला मेडिकल वार्ड में भर्ती कराया है। महिला पुलिसकर्मी समेत 2 कांस्टेबल भी वहां तैनात हैं।
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पुलिस के अनुसार गुमानपुरा ग्राम पंचायत के बुयेला गांव निवासी महिला वर्षा पत्नी सुनील डामोर गुरुवार को अपनी बेटी उर्मिला (6), बेटे जीतू (4) और 2 महीने की बच्ची को लेकर अपने घर से पांच किलोमीटर दूर मोकरवाडा गांव पहुंचीं। वहां उसने नदी के किनारे एक बिना मुंडेर के कुएं में जीतू और दो महीने की मासूम को फेंक दिया।
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हाथ छुड़ाकर भागी बड़ी बेटी
सहायक उप निरीक्षक भवानी सिंह ने बताया कि वर्षा 6 साल की बेटी उर्मिला को भी कुएं में फेंकने वाली थी, लेकिन वह मां का हाथ छुड़ाकर भाग गई। इससे उसकी जान बच गई। उसे भागता देख वर्षा भी उसके पीछे दौड़ी। आसपास खेतों में काम कर रहे लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और बच्ची को बचा लिया।
सन्न रह गए ग्रामीण
कुएं में दो बच्चों के फेंके जाने की जानकारी पर ग्रामीण सन्न रह गए। उन्होंने कुएं में फेंके बच्चों को बचाने के प्रयास किए, किंतु दोनों बच्चों की डूबने से मौत हो गई। सूचना पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद दोनों बच्चों के शव बाहर निकाले गए। वहीं लोगों ने वर्षा को पुलिस को सौंप दिया।
असहनीय दर्द से परेशान
पुलिस की पूछताछ में वर्षा ने बताया कि 2 महीने पहले उसका बच्चेदानी का ऑपरेशन करवाया गया था। उसके बाद से पेट में असहनीय दर्द रहता है। इस कारण उसने सोचा कि यदि उसकी मौत हो गई तो बच्चों का क्या होगा। यही बात उसके दिमाग में घर कर गई। वह तीन बच्चों के साथ कुएं में कूदने गई थी। 2 बच्चों को फेंकने के बाद बड़ी बेटी के भाग जाने से वह बच गई। वर्षा को जिला अस्पताल के महिला मेडिकल वार्ड में भर्ती कराया है। महिला पुलिसकर्मी समेत 2 कांस्टेबल भी वहां तैनात हैं।