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IAS टीना डाबी: रील स्टार विवाद में ABVP नेताओं को थाने में बैठाया, मामला गरमाने पर पुलिस ने माफी मांगकर छोड़ा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बाड़मेर
Published by: बाड़मेर ब्यूरो
Updated Tue, 23 Dec 2025 02:42 PM IST
सार
बाड़मेर में फीस बढ़ोतरी के विरोध के दौरान कलेक्टर टीना डाबी पर टिप्पणी के बाद पुलिस एबीवीपी नेताओं को थाने ले आई। इससे विवाद बढ़ गया। प्रशासन और पुलिस की वार्ता के बाद माफी मांगकर मामला शांत कराया गया।
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एबीवीपी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने माफी मांगकर छोड़ा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बाड़मेर में राजकीय कन्या महाविद्यालय के बाहर शनिवार को फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्रों का धरना प्रदर्शन चल रहा था। प्रशासन की ओर से आश्वासन दिए जाने के बाद यह प्रदर्शन शांत हो गया। इसी दौरान कॉलेज परिसर के पास एबीवीपी से जुड़े कुछ पदाधिकारियों को पुलिस गाड़ी में बैठाकर कोतवाली थाने ले आई, जिससे मामला अचानक तूल पकड़ गया।
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प्रशासनिक अधिकारी की टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद
प्रदर्शन के दौरान समझाइश के लिए पहुंचे जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कथित तौर पर जिला कलेक्टर टीवा डाबी को रोल मॉडल बताया। आरोप है कि इसके जवाब में एबीवीपी के छात्र नेताओं ने कलेक्टर टीना डाबी को “रील स्टार” कह दिया और यह टिप्पणी की कि वह सफाई अभियान में रील बनाने पहुंच जाती हैं, लेकिन चार घंटे से धरने पर बैठी छात्राओं की सुध लेने नहीं आईं। इसी टिप्पणी के बाद पुलिस छात्र नेताओं को थाने ले आई।
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थाने में बैठाने के बाद बढ़ा तनाव
छात्र नेताओं को थाने लाए जाने के बाद एबीवीपी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी बड़ी संख्या में कोतवाली थाने पहुंच गए। थाने लाए गए पदाधिकारियों का कहना था कि उन्हें यह स्पष्ट नहीं किया गया कि किस आरोप में उन्हें वहां लाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई अपराध हुआ है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। इस मांग के साथ ही थाने के बाहर और भीतर माहौल और अधिक गर्म हो गया।
प्रशासन और पुलिस की दखल के बाद वार्ता
स्थिति को गंभीर होता देख अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह चांदावत और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीना कोतवाली थाने पहुंचे। थाने में कई घंटे तक वार्ता का दौर चला। अधिकारियों ने छात्रों और एबीवीपी पदाधिकारियों से बातचीत कर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया।
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माफी के बाद शांत हुआ मामला
लंबी बातचीत के बाद पुलिस अधीक्षक की ओर से माफी मांगे जाने के बाद विवाद शांत हुआ और थाने लाए गए पदाधिकारियों को छोड़ दिया गया। एबीवीपी विभाग संगठन मंत्री पवन ऐचरा ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आया कि उन्हें किस कारण से थाने लाया गया था। उन्होंने बताया कि यदि कोई गंभीर आरोप होता तो एफआईआर दर्ज होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अंततः प्रशासन ने माफी मांगी।
एबीवीपी नेताओं ने रखा अपना पक्ष
प्रांत सह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्र शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे। इसी दौरान प्रशासनिक अधिकारी की टिप्पणी के जवाब में छात्रों ने अपनी बात रखी थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि छात्रों के लिए उनके रोल मॉडल अहिल्याबाई होल्कर और रानी लक्ष्मीबाई हैं। शर्मा ने बताया कि पुलिस उन्हें, विभाग संगठन मंत्री पवन ऐचरा, विभाग संयोजक करणपाल सिंह और इकाई अध्यक्ष महिपाल सिंह राठौड़ को थाने लेकर गई थी, लेकिन बाद में प्रशासन को अपनी गलती का एहसास हुआ।