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हाईवे कांड: गुनाह हिमालय जैसा, दलीलें गरीबी की... अदालत ने ठुकराई रहम की गुहार; दोषियों ने की ये विनती

अमर उजाला नेटवर्क, बुलंदशहर Published by: शाहरुख खान Updated Tue, 23 Dec 2025 02:47 PM IST
सार

बुलंदशहर हाईवे कांड में कोर्ट ने कहा कि गुनाह 'हिमालय' जैसा और दलीलें 'गरीबी' की। न्यायालय ने दोषियों की रहम की गुहार ठुकरा दी। दोषियों ने खराब आर्थिक स्थिति और परिवार का रोना रोया। सीबीआई ने कड़ी सजा की मांग की थी।

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Highway incident crime is Himalayan in scale arguments are based on poverty court rejected plea for mercy
bulandshahr Highway incident - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
बुलंदशहर हाईवे कांड में सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान दोषियों ने अदालत के सामने रहम का कार्ड खेलने की पुरजोर कोशिश की। अभियोजन पक्ष ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए कठोरतम दंड की मांग की। वहीं, दोषियों ने खराब आर्थिक स्थिति, बूढ़े माता-पिता और छोटे बच्चों का हवाला देकर कम से कम सजा देने की याचना की।


हालांकि, न्यायालय ने अपराध की प्रकृति को देखते हुए इन दलीलों को दरकिनार कर दिया। अदालत में सजा पर बहस के दौरान दोषी ठहराए गए अपराधियों की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि वे अत्यंत गरीब और बेरोजगार हैं। उनके पास खेती के लिए कोई जमीन नहीं है। 
 
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Highway incident crime is Himalayan in scale arguments are based on poverty court rejected plea for mercy
हाईवे कांड मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आरोपी धर्मवीर, सुनील व नरेश - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
वे पिछले आठ वर्ष से जेल में बंद हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह टूट चुकी है। पैरवी करने वाला कोई नहीं होने की बात कह उन्होंने भविष्य के प्रति नरमी बरतने की गुहार लगाई।
 
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हाईवे कांड के दौरान जांच करने पहुंचे तत्कालीन नवनियुक्त एसपी सिटी व देहात कोतवाली प्रभारी(फाइल फोटो) - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बचाव पक्ष की इन दलीलों का विरोध करते हुए सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजक व पॉक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजक ने कड़ा रुख अपनाया। अभियोजन पक्ष ने कहा कि जिस दरिंदगी के साथ इस अपराध को अंजाम दिया गया है, उसमें दोषियों की सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि को आधार बनाकर नरमी नहीं दिखाई जा सकती। यह अपराध मानवता के विरुद्ध है। समाज में कड़ा संदेश देने के लिए दोषियों को उनके कृत्य के अनुरूप ही दंड मिलना न्यायसंगत होगा।
 
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हाईवे कांड की जांच करने पहुंची सीबीआई टीम। फाइल फोटो। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
दोषियों ने दीं ये दलीलें
- जुबैर ने बताया कि उसकी मां की मृत्यु हो चुकी है और पिता 75 वर्ष के हैं।
- साजिद ने दावा किया कि उसके माता-पिता की मृत्यु हो गई है। दुनिया में उसका कोई सहारा नहीं है।
- धर्मवीर ने छोटे-छोटे बच्चों की दुहाई देते हुए कम सजा की मांग की।
- सुनील ने बताया कि उसकी चार बहनें, पत्नी और माता-पिता हैं।
- नरेश ने तर्क दिया कि उसके दो छोटे बच्चे हैं। पिता नहीं हैं और मां वृद्ध हैं।
 
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हाईवे कांड मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आरोपी जुबेर व साजिद - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
शिनाख्त परेड, सीमन जांच और घटनास्थल की शिनाख्त बनी अहम कड़ी
हाईवे पर हुई दरिंदगी के मामले में दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का रास्ता आसान नहीं था। इस जघन्य वारदात को अंजाम देने वाले शातिरों तक पहुंचने और उन्हें कोर्ट में दोषी साबित करने में शिनाख्त परेड, सीमन जांच व घटनास्थल का मिलान अहम कड़ी साबित हुए। सीबीआई की ठोस जांच और वैज्ञानिक साक्ष्यों से बदमाशों के पास बचने का कोई रास्ता नहीं बचा।
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