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Rajasthan: बारिश से खिल उठा बिजौलिया, भड़क्या माता का झरना बना आकर्षण का केंद्र
न्यूज डेस्क, अमर उजाला,भीलवाड़ा
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Thu, 19 Jun 2025 02:55 PM IST
सार
भीलवाड़ा जिले के बिजौलिया क्षेत्र में मानसून की समय से पहले दस्तक से प्राकृतिक सौंदर्य फिर से जीवंत हो गया है। भड़क्या माता जलप्रपात गुरुवार को बहने लगा, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों में हर्ष का माहौल है।
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भीलवाड़ा में झरनों की वापसी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बिजौलिया क्षेत्र में मानसून की समय से पहले दस्तक ने क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को नया जीवन दे दिया है। गुरुवार को क्षेत्र का प्रसिद्ध भड़क्या माता जलप्रपात लगभग 30 फीट ऊँची चट्टान से बहता दिखाई दिया, जिससे पूरे इलाके में उत्साह और खुशी का माहौल बन गया।
पिछले दो दिनों से हो रही रुक रुक कर बारिश के चलते झरनों, तालाबों और बांधों में पानी की आवक शुरू हो गई है। विशेषकर भड़क्या माता का झरना, जो धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से खास महत्त्व रखता है, मानसून की पहली ही बारिश में बहने लगा है। यह झरना न केवल स्थानीय निवासियों बल्कि पर्यटकों के लिए भी बड़ा आकर्षण बन गया है।
धार्मिक स्थल और प्रकृति का मिलन
भड़क्या माता जलप्रपात बिजौलिया से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां भड़क्या माता का एक प्राचीन मंदिर भी है, जो इस स्थल को धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण बनाता है। झरने की कलकल ध्वनि और शीतल जलवर्षा के बीच आने वाला हर पर्यटक यहां प्रकृति की गोद में खुद को ताजा महसूस करता है।
यहां भी पढ़ें: राजस्थान पीटीईटी परीक्षा की उत्तर कुंजी जारी; तुरंत इस लिंक से करें डाउनलोड
मेनाल झरने में भी बढ़ा बहाव
इसी के साथ साथ बिजौलिया का ही एक और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, मेनाल जलप्रपात, भी सक्रिय हो गया है। मेनाल क्षेत्र अपनी ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत के लिए जाना जाता है और मानसून के दौरान यहां पर्यटकों की भीड़ बढ़ जाती है।
प्रशासन अलर्ट, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
वन्यजीवों की उपस्थिति वाले इस क्षेत्र में प्रशासन ने पर्यटकों से सतर्कता बरतने की अपील की है। भड़क्या जलप्रपात और आसपास के इलाकों में सुरक्षा उपायों की शुरुआत कर दी गई है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।
कृषि कार्यों को मिलेगा बल
लगातार हो रही बारिश से जहां तापमान में गिरावट आई है, वहीं क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर भी राहत की लहर दौड़ गई है। खेतों में हरियाली दिखने लगी है और जल्द ही खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है।
मानसून ने समय से पहले पकड़ी रफ्तार
इस बार मानसून ने राजस्थान में निर्धारित समय से लगभग एक सप्ताह पहले दस्तक दी है। मौसम विभाग के अनुसार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने दबाव के कारण मानसून ने तेज़ी से प्रदेश में प्रवेश किया है। भीलवाड़ा जिले में मानसून की एंट्री पहले ही हो चुकी है। गुरुवार को मौसम विभाग ने भीलवाड़ा समेत पांच जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और आगामी तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
पर्यटन को मिल सकती है नई रफ्तार
झरनों में जलप्रवाह शुरू होने के साथ ही बिजौलिया क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की संभावना है। हर वर्ष मानसून के दौरान हजारों पर्यटक भड़क्या और मेनाल जैसे स्थलों का रुख करते हैं। प्रशासन द्वारा पर्यटन स्थलों तक पहुंचने वाले रास्तों को सुधारने और मूलभूत सुविधाएं विकसित करने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है।
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धार्मिक स्थल और प्रकृति का मिलन
भड़क्या माता जलप्रपात बिजौलिया से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां भड़क्या माता का एक प्राचीन मंदिर भी है, जो इस स्थल को धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण बनाता है। झरने की कलकल ध्वनि और शीतल जलवर्षा के बीच आने वाला हर पर्यटक यहां प्रकृति की गोद में खुद को ताजा महसूस करता है।
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मेनाल झरने में भी बढ़ा बहाव
इसी के साथ साथ बिजौलिया का ही एक और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, मेनाल जलप्रपात, भी सक्रिय हो गया है। मेनाल क्षेत्र अपनी ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत के लिए जाना जाता है और मानसून के दौरान यहां पर्यटकों की भीड़ बढ़ जाती है।
प्रशासन अलर्ट, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
वन्यजीवों की उपस्थिति वाले इस क्षेत्र में प्रशासन ने पर्यटकों से सतर्कता बरतने की अपील की है। भड़क्या जलप्रपात और आसपास के इलाकों में सुरक्षा उपायों की शुरुआत कर दी गई है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।
कृषि कार्यों को मिलेगा बल
लगातार हो रही बारिश से जहां तापमान में गिरावट आई है, वहीं क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर भी राहत की लहर दौड़ गई है। खेतों में हरियाली दिखने लगी है और जल्द ही खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है।
मानसून ने समय से पहले पकड़ी रफ्तार
इस बार मानसून ने राजस्थान में निर्धारित समय से लगभग एक सप्ताह पहले दस्तक दी है। मौसम विभाग के अनुसार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने दबाव के कारण मानसून ने तेज़ी से प्रदेश में प्रवेश किया है। भीलवाड़ा जिले में मानसून की एंट्री पहले ही हो चुकी है। गुरुवार को मौसम विभाग ने भीलवाड़ा समेत पांच जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और आगामी तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
पर्यटन को मिल सकती है नई रफ्तार
झरनों में जलप्रवाह शुरू होने के साथ ही बिजौलिया क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की संभावना है। हर वर्ष मानसून के दौरान हजारों पर्यटक भड़क्या और मेनाल जैसे स्थलों का रुख करते हैं। प्रशासन द्वारा पर्यटन स्थलों तक पहुंचने वाले रास्तों को सुधारने और मूलभूत सुविधाएं विकसित करने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है।