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Bundi : बूंदी में भारी बारिश से बिगड़ रहे हालात, 24 घंटे में 500 एमएम दर्ज हुई वर्षा; चार लाख लोग प्रभावित
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बूंदी
Published by: बूँदी ब्यूरो
Updated Sun, 24 Aug 2025 07:59 AM IST
सार
Rajasthan News : बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं। बूंदी में लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। जिले में करीब 50 घंटे से रुक-रुककर हो रही बारिश से कई नदी और नाले उफान पर हैं। संपर्क मार्ग कट चुके हैं। वहीं, प्रशासन की टीम बचाव और राहत कार्य में जुटी हुई है।
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Flood : बाढ़ से बिगड़े हालात, राहत एवं बचाव कार्य में जुटा प्रशासन।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बूंदी जिले में 3 दिन से हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। आसपास के उपखण्ड तहसील कस्बे व गांव में भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं। वहीं, नैनवा केशोरायपाटन कापरेन रायथल लाखेरी क्षेत्र में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। 50 घंटे से भी अधिक समय से हो रही रुक-रुककर भारी बारिश के चलते जिले के नदी नाले बांध ओवर फ्लो होकर उफान पर हैं, जिसके चलते चार लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है।
बाढ़ के चलते सेना को मोर्चा संभालना पड़ा
कापरेन व केशोरायपाटन में हालात इस कदर बिगड़ गए की बाढ़ के चलते सेना को मोर्चा संभालना पड़ा। वहीं, जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा क्षेत्र में मोर्चा संभाले हुए हैं। जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हर परिस्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वहीं, एसडीआरएफ एनडीआरएफ व सेना के जवानों ने रेस्क्यू अभियान चला रखा है। भारी बारिश से घोड़ा पछाड़ नदी की पुलिया पर 5 से 7 फीट पानी आ जाने से श्यामू हरिपुरा गांव का मार्ग अवरुद्ध हो गया और एक दर्जन गांव का मुख्यालय से संपर्क कट गया वहीं खटकड़ मेज नदी की पुलिया पर 24 फीट पानी आ जाने से क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए ,लाखेरी क्षेत्र में भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं, नैनवा के दुगारी में कनक सागर तालाब ओवर फ्लो होने से बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं।
नागदी ओवर फ्लो होकर तेज गति से बह रही
बांसी दुगारी मार्ग अवरुद्ध हो गया है। वहीं, लगातार हो रही बारिश से नवल सागर जेतसागर तालाब भी ओवर फ्लो हो गए हैं और नागदी ओवर फ्लो होकर तेज गति से बह रही है। शहर के महावीर कॉलोनी जनता कॉलोनी लाइन पुलिस रोड केसरी सिंह नगर गणेश बाग क्षेत्र में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। घरों में पानी घुस गया है। वहीं, नावों के द्वारा लोगों को घरों से सुरक्षित स्थान पर निकाला जा रहा है प्रशासन पूरे हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं, लोगों से सुरक्षित स्थान पर रहने तेज बहाव वाले व पानी के भराव वाले क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है। भारी बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा विद्यालय में अवकाश घोषित कर रखा है। रविवार को होने वाली आरएससीआईटी की हिंडोली नेनवा लाखेरी केशोरायपाटन बूंदी कुल 6 केन्दों पर परीक्षा स्थगित कर दी है।
खाल के तेज बहाव में बहने से वृद्ध महिला की मौत
हिंडोली के दबलाना थाना क्षेत्र के रेण गांव मे शनिवार को बारिश के चलते खाल में बहने से वृद्ध महिला की मौत हो गई।सुबह कुएं पर जाते समय रेण गांव निवासी 50 वर्षीय कैलाशी बाई पत्नी केशरी लाल की तेज बहाव में बहने से मौत हो गई।
अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का जिला कलेक्टर ने लिया जायजा
जिले में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद नैनवां उपखंड में उत्पन्न हुए बाढ़ जैसे हालातों का जायजा लेने के लिए शनिवार को जिला कलक्टर अक्षय गोदारा और पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने मौके पर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को युद्ध स्तर पर काम करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर अक्षय गोदारा ने स्थिति की गंभीरता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, पिछले दो दिनों में नैनवां, केशवरायपाटन और रायथल में बहुत ज्यादा बारिश हुई हैं। अकेले नैनवां में 24 घंटे में 500 एमएम से अधिक बारिश दर्ज की गई हैं, जिसने एक गंभीर स्थिति पैदा कर दी हैं।
उन्होंने बताया कि कई गांवों में जलभराव हो गया है और रास्ते कट गए हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है और इसमें सेना की भी मदद ली जा रही हैं। फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम प्राथमिकता के साथ किया जा रहा हैं।
आमजन से सुरक्षित रहने की अपील
जिला कलेक्टर ने आमजन से अपील की है कि वे जलभराव की स्थिति में पूरी तरह सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें। उन्होंने कहा, लोग किसी भी आवश्यक कार्य को फिलहाल टाल दें और अपनी जान जोखिम में न डालें। किसी भी तरह की आपात स्थिति में तत्काल जिला नियंत्रण कक्ष को सूचित करें, ताकि शीघ्र राहत और बचाव कार्य शुरू किया जा सके।
कार्यक्रम निरस्त कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा
इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का शनिवार शाम का बूंदी का प्रस्तावित दौरा रद्द कर दिया गया। बिरला यहां सर्किट हाउस में जनसुनवाई और तीज महोत्सव के कवि सम्मेलन में शामिल होने वाले थे, लेकिन बाढ़ जैसे हालात को देखते दौरा निरस्त कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों भीया, अड़़ीला, अरनेठा केशवरायपाटन व कापरेन का दौरा किया। बिरला न3 पाटन के बाद कापरेन आश्रय स्थल पहुंचकर प्रभावित परिवारों से मुलाकात कीओर हाल जाने।उन्होंने अधिकारियों के साथ कापरेन के मुख्य बाजार दुकानों व घरों में भरे हुए पानी की स्थिति का जायजा लिया ओर नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए।इस दौरान उन्होंने अड़ीला गांव में बस्तियों एवं विद्यालय का भी निरीक्षण किया।
लोगों को किया रेस्क्यू
इधर, जिले से पानी के दो वीडियो वायरल हो रहे हैं. इनमें एक वीडियो लाखेरी मंदिर में दर्शन करने गया दंपती का है, जो अचानक तेज बहाव में फंस गया. इसे एसडीआरएफ और लोगों ने रस्सी की मदद से बड़ी मुश्किल से निकाला.वहीं, दूसरा वीडियो गरढदा की रीवा नदी पर पुलिया बहने का है। पुलिया के दूसरी ओर फंसे लोगों को जान जोखिम में डालकर रस्सी के सहारे निकाला गया।
विधायक ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा देखे हालात सुनी समस्या
तेज बारिश और बाढ़ जैसे हालात ने राजनीतिक गतिविधियों पर असर डाल दिया. कांग्रेस की स्मार्ट मीटर मुद्दे पर बुलाई बैठक आखिरी वक्त पर रद्द करनी पड़ी. विधायक हरिमोहन शर्मा ने कार्यकर्ताओं से साफ कहा कि यह बैठक का नहीं बल्कि आमजन की मदद करने का समय है. कार्यकर्ताओं से प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में जुटने की अपील की. शर्मा ने शनिवार को खटखट और आसपास के गांवों में हालात देखे. ग्रामीणों की समस्याएं सुनी.
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मालियों की बाड़ी में टापू पर फंसे 162 लोग
अतिवृष्टि के कारण नदी-नाले उफान पर हैं और कई निचले इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। सबसे विकट स्थिति मालियो की बाड़ी में देखने को मिली, जहां खेत और बस्तियां एक टापू में तब्दील हो गईं और बड़ी संख्या में ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए पानी के बीच फंस गए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा और पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा तत्काल मौके पर पहुंचे। स्थिति का जायजा लेने के बाद उन्होंने तुरंत एक बड़े संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन का निर्देश दिया। सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की टीमें देवदूत बनकर मौके पर पहुंचीं।कलेक्टर और एसपी की निगरानी में बचाव कार्य शुरू हुआ। सेना के 3 कॉलम के जवान, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक-एक टीम अपनी-अपनी बोटों और बचाव उपकरणों के साथ पानी के तेज बहाव के बीच फंसी जिंदगियों को बचाने में जुट गई। घंटों की कड़ी मशक्कत और सूझबूझ के बाद, बचाव दलों ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित कुल 162 लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
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हमारी पहली प्राथमिकता हर एक नागरिक की जान बचाना है- डीएम
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने के बाद उनकी अटकी हुई सांसें वापस लौटीं और उन्होंने प्रशासन व सेना का आभार व्यक्त किया। मौके पर मौजूद जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा ने बताया, हमारी पहली प्राथमिकता हर एक नागरिक की जान बचाना है। जिले में जहां कहीं भी जलभराव से लोगों के फंसे होने की सूचना मिल रही है, वहां तत्काल टीमें भेजकर रेस्क्यू किया जा रहा है। सभी रेस्क्यू किए गए लोगों के लिए भोजन, आवास, और चिकित्सा सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे दिए गए हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी रहेगा।पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि पुलिस बल भी बचाव कार्यों में पूरा सहयोग कर रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें और किसी भी आपात स्थिति में जिला कंट्रोल रूम को सूचित करें।
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कापरेन व केशोरायपाटन में हालात इस कदर बिगड़ गए की बाढ़ के चलते सेना को मोर्चा संभालना पड़ा। वहीं, जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा क्षेत्र में मोर्चा संभाले हुए हैं। जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हर परिस्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वहीं, एसडीआरएफ एनडीआरएफ व सेना के जवानों ने रेस्क्यू अभियान चला रखा है। भारी बारिश से घोड़ा पछाड़ नदी की पुलिया पर 5 से 7 फीट पानी आ जाने से श्यामू हरिपुरा गांव का मार्ग अवरुद्ध हो गया और एक दर्जन गांव का मुख्यालय से संपर्क कट गया वहीं खटकड़ मेज नदी की पुलिया पर 24 फीट पानी आ जाने से क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए ,लाखेरी क्षेत्र में भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं, नैनवा के दुगारी में कनक सागर तालाब ओवर फ्लो होने से बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं।
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नागदी ओवर फ्लो होकर तेज गति से बह रही
बांसी दुगारी मार्ग अवरुद्ध हो गया है। वहीं, लगातार हो रही बारिश से नवल सागर जेतसागर तालाब भी ओवर फ्लो हो गए हैं और नागदी ओवर फ्लो होकर तेज गति से बह रही है। शहर के महावीर कॉलोनी जनता कॉलोनी लाइन पुलिस रोड केसरी सिंह नगर गणेश बाग क्षेत्र में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। घरों में पानी घुस गया है। वहीं, नावों के द्वारा लोगों को घरों से सुरक्षित स्थान पर निकाला जा रहा है प्रशासन पूरे हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं, लोगों से सुरक्षित स्थान पर रहने तेज बहाव वाले व पानी के भराव वाले क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है। भारी बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा विद्यालय में अवकाश घोषित कर रखा है। रविवार को होने वाली आरएससीआईटी की हिंडोली नेनवा लाखेरी केशोरायपाटन बूंदी कुल 6 केन्दों पर परीक्षा स्थगित कर दी है।
खाल के तेज बहाव में बहने से वृद्ध महिला की मौत
हिंडोली के दबलाना थाना क्षेत्र के रेण गांव मे शनिवार को बारिश के चलते खाल में बहने से वृद्ध महिला की मौत हो गई।सुबह कुएं पर जाते समय रेण गांव निवासी 50 वर्षीय कैलाशी बाई पत्नी केशरी लाल की तेज बहाव में बहने से मौत हो गई।
अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का जिला कलेक्टर ने लिया जायजा
जिले में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद नैनवां उपखंड में उत्पन्न हुए बाढ़ जैसे हालातों का जायजा लेने के लिए शनिवार को जिला कलक्टर अक्षय गोदारा और पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने मौके पर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को युद्ध स्तर पर काम करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर अक्षय गोदारा ने स्थिति की गंभीरता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, पिछले दो दिनों में नैनवां, केशवरायपाटन और रायथल में बहुत ज्यादा बारिश हुई हैं। अकेले नैनवां में 24 घंटे में 500 एमएम से अधिक बारिश दर्ज की गई हैं, जिसने एक गंभीर स्थिति पैदा कर दी हैं।
उन्होंने बताया कि कई गांवों में जलभराव हो गया है और रास्ते कट गए हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है और इसमें सेना की भी मदद ली जा रही हैं। फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम प्राथमिकता के साथ किया जा रहा हैं।
आमजन से सुरक्षित रहने की अपील
जिला कलेक्टर ने आमजन से अपील की है कि वे जलभराव की स्थिति में पूरी तरह सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें। उन्होंने कहा, लोग किसी भी आवश्यक कार्य को फिलहाल टाल दें और अपनी जान जोखिम में न डालें। किसी भी तरह की आपात स्थिति में तत्काल जिला नियंत्रण कक्ष को सूचित करें, ताकि शीघ्र राहत और बचाव कार्य शुरू किया जा सके।
कार्यक्रम निरस्त कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा
इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का शनिवार शाम का बूंदी का प्रस्तावित दौरा रद्द कर दिया गया। बिरला यहां सर्किट हाउस में जनसुनवाई और तीज महोत्सव के कवि सम्मेलन में शामिल होने वाले थे, लेकिन बाढ़ जैसे हालात को देखते दौरा निरस्त कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों भीया, अड़़ीला, अरनेठा केशवरायपाटन व कापरेन का दौरा किया। बिरला न3 पाटन के बाद कापरेन आश्रय स्थल पहुंचकर प्रभावित परिवारों से मुलाकात कीओर हाल जाने।उन्होंने अधिकारियों के साथ कापरेन के मुख्य बाजार दुकानों व घरों में भरे हुए पानी की स्थिति का जायजा लिया ओर नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए।इस दौरान उन्होंने अड़ीला गांव में बस्तियों एवं विद्यालय का भी निरीक्षण किया।
लोगों को किया रेस्क्यू
इधर, जिले से पानी के दो वीडियो वायरल हो रहे हैं. इनमें एक वीडियो लाखेरी मंदिर में दर्शन करने गया दंपती का है, जो अचानक तेज बहाव में फंस गया. इसे एसडीआरएफ और लोगों ने रस्सी की मदद से बड़ी मुश्किल से निकाला.वहीं, दूसरा वीडियो गरढदा की रीवा नदी पर पुलिया बहने का है। पुलिया के दूसरी ओर फंसे लोगों को जान जोखिम में डालकर रस्सी के सहारे निकाला गया।
विधायक ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा देखे हालात सुनी समस्या
तेज बारिश और बाढ़ जैसे हालात ने राजनीतिक गतिविधियों पर असर डाल दिया. कांग्रेस की स्मार्ट मीटर मुद्दे पर बुलाई बैठक आखिरी वक्त पर रद्द करनी पड़ी. विधायक हरिमोहन शर्मा ने कार्यकर्ताओं से साफ कहा कि यह बैठक का नहीं बल्कि आमजन की मदद करने का समय है. कार्यकर्ताओं से प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में जुटने की अपील की. शर्मा ने शनिवार को खटखट और आसपास के गांवों में हालात देखे. ग्रामीणों की समस्याएं सुनी.
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मालियों की बाड़ी में टापू पर फंसे 162 लोग
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मामले की गंभीरता को देखते हुए सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा और पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा तत्काल मौके पर पहुंचे। स्थिति का जायजा लेने के बाद उन्होंने तुरंत एक बड़े संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन का निर्देश दिया। सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की टीमें देवदूत बनकर मौके पर पहुंचीं।कलेक्टर और एसपी की निगरानी में बचाव कार्य शुरू हुआ। सेना के 3 कॉलम के जवान, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक-एक टीम अपनी-अपनी बोटों और बचाव उपकरणों के साथ पानी के तेज बहाव के बीच फंसी जिंदगियों को बचाने में जुट गई। घंटों की कड़ी मशक्कत और सूझबूझ के बाद, बचाव दलों ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित कुल 162 लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
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हमारी पहली प्राथमिकता हर एक नागरिक की जान बचाना है- डीएम
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने के बाद उनकी अटकी हुई सांसें वापस लौटीं और उन्होंने प्रशासन व सेना का आभार व्यक्त किया। मौके पर मौजूद जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा ने बताया, हमारी पहली प्राथमिकता हर एक नागरिक की जान बचाना है। जिले में जहां कहीं भी जलभराव से लोगों के फंसे होने की सूचना मिल रही है, वहां तत्काल टीमें भेजकर रेस्क्यू किया जा रहा है। सभी रेस्क्यू किए गए लोगों के लिए भोजन, आवास, और चिकित्सा सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे दिए गए हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी रहेगा।पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि पुलिस बल भी बचाव कार्यों में पूरा सहयोग कर रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें और किसी भी आपात स्थिति में जिला कंट्रोल रूम को सूचित करें।

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