Janmashtami 2025: सांवलिया सेठ के दरबार में जन्माष्टमी की धूम, इंदौर से आई विशेष पोशाक, आधी रात को होगा शृंगार
मंदिर प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं, जिसमें विशेष सजावट, सुरक्षा, आवास, पेयजल, पार्किंग और दर्शन व्यवस्था शामिल है। जन्माष्टमी की रात 12 बजे महाआरती, इंदौर से आई विशेष पोशाक में भगवान का शृंगार और क्विंटलों पंजेरी प्रसाद वितरण होगा।

विस्तार
पूरे देश में जन्माष्टमी की धूम है। एक दिन पहले स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा। इसके अगले ही दिन जन्माष्टमी का पर्व है, जिसे मनाने को लेकर भी व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। भगवान कृष्ण के मंदिरों में जन्मोत्सव को लेकर आयोजन होने हैं। चित्तौड़गढ़ जिले के श्री सांवलिया जी मंदिर में जन्माष्टमी पर लाखों श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए आएंगे। इसे लेकर मंदिर प्रशासन की और से वृहद स्तर पर तैयारियां की गई हैं। यहां भगवान सांवलिया सेठ को कृष्ण स्वरूप में पूजा जाता है। यहां भगवान के प्रति श्रद्धालुओं ने खासी आस्था है। यही कारण है कि देश-विदेश से भगवान के भक्त दर्शनार्थ आ रहे हैं। भगवान सांवलिया सेठ भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। यहां तक बिजनेस में भी पार्टनर रखते हैं और मुनाफे का हिस्सा मंदिर के भंडार में चढ़ाते हैं। यही कारण है कि हर माह यहां करोड़ों रुपये चढ़ावे के रूप ने निकलते हैं। यहां निकलने वाली अथाह दान राशि सभी के आश्चर्य का कारण भी है।

जानकारी के अनुसार जिले मंडफिया कस्बे में स्थित श्री सांवलियाजी मंदिर वैश्विक आस्था का केंद्र बन गया है। यहां लाखों श्रद्धालु दर्शनार्थ आ रहे हैं। यहां श्रद्धालुओं की संख्या के साथ चढ़ावा राशि में भी निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। यहां प्रतिमा भगवान विष्णु के स्वरूप में हैं, लेकिन भक्तों में मान्यता कृष्ण के रूप में है और सांवलिया सेठ के रूप में पूजा होती है। जन्माष्टमी पर्व यहां धूमधाम से मनाया जाता है। लाखों श्रद्धालु इसके साक्षी बनते है। इस जन्माष्टमी यहां श्रद्धालुओं की संख्या ने और भी इज़ाफ़ा होने की संभावना है। ऐसे में मंदिर प्रशासन ने इसी के अनुसार तैयारियां की है।

जन्माष्टमी के दिन शनिवार को सुबह सामान्य दिनों की तरह पूजा अर्चना होगी। वहीं रात 12 बजे भगवान के जन्म के समय महाआरती होगी और इंदौर से बन कर आई विशेष पोशाक धारण करवाई जाएगी। पूजा अर्चना को लेकर मंदिर के ओसरा पुजारी कमलेश वैष्णव बताया कि शनिवार को सुबह 5.30 बजे मंगला आरती, 6.30 से 8 बजे तक शृंगार होगा, जिससे दर्शन नहीं होंगे। सुबह 10 से 11.15 तक राज भोग आरती के बाद दोपहर 12 बजे शयन होगा। वहीं दोपहर 2.30 से दर्शन शुरू होकर रात 10.30 बजे पर्दा लगेगा। बाद में भगवान के जन्म के समय 12.5 बजे पुनः दर्शन शुरू होंगे और विशेष आरती होगी। साथ ही श्रद्धालुओं के लिए दर्शन भी होंगे।
ये भी पढ़ें- कौन हैं इकबाल सक्का? जिन्होंने देश को दिए अनोखे वायुयान, इतने छोटे कि इन्हे पकड़ना आसान नहीं
जगमगाई सांवलिया सेठ की नगरी, हुई सजावट
जन्माष्टमी और करीब एक पखवाड़े बाद आने वाले भगवान सांवलिया सेठ के जल झूलनी एकादशी मेले को लेकर अभी से तैयारियां की जा रही हैं। भगवान सांवलिया सेठ की नगरी रोशनी से जगमगा उठी है। वहीं मंदिर परिसर में भी विशेष शृंगार किया जा रहा है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर और श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल की मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रभा गौतम ने बताया कि वर्षों पुरानी परम्परा के अनुसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इसे लेकर मंदिर प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की है। मंदिर प्रशासन के द्वारा सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान श्री सांवलिया सेठ के दरबार में पहुंचने वाले लाखों श्रृद्धालुओं की विभिन्न व्यवस्थाओं को लेकर प्रभार भी दिए हैं। श्रृद्धालुओं के लिए आवास व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, दर्शन व्यवस्था, वाहन पार्किंग व्यवस्था सहित विभिन्न व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
ये भी पढ़ें- Janmashtami 2025: नाथद्वारा के 'नर' और 'मादा', 350 वर्षों से हैं कृष्ण जन्मोत्सव के गवाह; हर साल उगलते हैं आग

श्री सांवलियाजी कस्बे में अखाड़ा प्रदर्शन के साथ माखन मटकी फोड़ लीला का मंचन किया जाएगा। पीपलोदा उज्जैन के श्री बजरंग अखाड़ा के कलाकार अखाड़ा प्रदर्शन कर कस्बे में लगी मटकियां फोड़ते हुए प्रदर्शन करेंगे। वहीं, मंदिर मंडल के द्वारा स्थानीय मीरा रंगमंच डोम परिसर में विशाल भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रसिद्ध भजन गायक कलाकार छोटूसिंह रावणा आकर्षक भजनों की प्रस्तुतियां देंगे।
भोग लगा कर करेंगे पंजेरी के प्रसाद का वितरण
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर रात्रि 12 बजे भगवान श्री सांवलिया सेठ के जन्म के बाद ठाकुरजी की महाआरती होगी। महाआरती के बाद क्विंटलों वजन के पंजेरी के प्रसाद का ठाकुरजी को भोग लगा कर प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा।