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अरावली पर छिड़ा महासंग्राम: अरावली की लड़ाई अब सड़कों पर, कांग्रेस ने अंदोलन का किया ऐलान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: सौरभ भट्ट Updated Tue, 23 Dec 2025 03:55 PM IST
सार

अरावली पर छिड़ा महासंग्राम: अरावली पर अब सियासी महासंग्राम छिड़ता नजर आ रहा है। कांग्रेस ने आज ऐलान कर दिया कि वह अरावली की लड़ाई अब सड़कों पर लेकर आएगी। इसके लिए कांग्रेस ने आंदोलन की घोषणा कर दी है।

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Aravalli Mining Row: Congress Alleges Mining Conspiracy in Aravalli, Announces ‘Save Aravalli’ Campaign
अरावली के मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस - फोटो : अमर उजाला
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राजस्थान में अरावली की पहाड़ियां अब सियासत के संग्राम की गवाह बनने जा रही है। कांग्रेस ने अरावली विवाद को लेकर अब सड़कों पर लड़ाई छेड़ने का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मुद्दे को लेकर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। डोटासरा ने ऐलान किया कि प्रदेश के 19 जिलों में इस मुद्दे पर आक्रोश है और कांग्रेस पार्टी जनता के साथ मिलकर आंदोलन करेगी। मनरेगा को कमजोर करने के विरोध के साथ-साथ ‘अरावली बचाओ अभियान’ चलाया जाएगा। धरना-प्रदर्शन होंगे, जन जागरण किया जाएगा और केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट जाने व कानून लाने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब नहीं देंगे, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
बोले- खनिज संपदा लूटने की साजिश
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर अरावली के खनन के जरिए देश की खनिज संपदा की लूट की साजिश कर रही है। पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि अरावली में खनन कराने के लिए कई कंपनियों से पैसे लिए गए हैं। डोटासरा बोले कि भाजपा शासन में अधिकारियों और माफियाओं के बीच बड़ी डील और साझेदारी हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को “क्लियर कट व्यापारी” बताते हैं और यही मानसिकता आज सरकार की नीतियों में दिख रही है। उन्होंने कहा कि  केंद्र में सरकार बनने के बाद से ही संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करना और माफियाओं के हित में काम करना भाजपा की नीति रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार संगठित गिरोह की तरह देश की खनिज संपदा को लूटने में लगी है। अरावली पर्वतमाला को लेकर ताजा मामला इसी साजिश का हिस्सा है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के दबाव में जो रिपोर्ट पेश करवाई गई है, उससे साफ है कि खनन के नाम पर अरावली की लगभग 90 प्रतिशत भूमि को तबाह करने की तैयारी की जा चुकी है।
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डोटासरा बोले अरावली नष्ट करने के लिए भुपेंद्र यादव को मंत्री बनाया
उन्होंने कहा कि अरावली हमारी जीवन रेखा है-यह पर्यावरण संतुलन, धूल भरी आंधियों से बचाव, लोगों की आस्था, किसानों और पशुधन की आजीविका का आधार है। इसे खत्म करने की सुनियोजित साजिश रची जा रही है। डोटासरा ने आरोप लगाया कि लंबे समय से इस दिशा में प्रयास किए जा रहे थे और इसी रणनीति के तहत अलवर से जीतकर आए सांसद भूपेंद्र यादव को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। अनुभवहीन लोगों को जिम्मेदारी देकर उन्हें केंद्र की मनमानी में सहयोग करने की स्थिति में रखा गया।

पूछा, खनिज मंत्री की जगह दूसरे नेता क्यों दे रहे बयान
डोटासरा ने कहा कि सरकार जनता को यह कहकर गुमराह कर रही है कि केवल 0.91 प्रतिशत वन क्षेत्र में ही खनन होगा, जबकि हकीकत यह है कि करीब 68 हजार एकड़ के विशाल क्षेत्र को खनन विभाग के हवाले करने की तैयारी है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस मुद्दे पर खनिज मंत्री की बजाय अरुण चतुर्वेदी और राजेंद्र सिंह राठौड़ जैसे भाजपा नेता बयान क्यों दे रहे हैं। अरुण चतुर्वेदी राजस्थान वित्त आयोग के अध्यक्ष हैं, जो एक संवैधानिक पद है। यदि संवैधानिक संस्थाओं के पदाधिकारी राजनीतिक प्रवक्ता की भूमिका निभाएंगे, तो पारदर्शिता और न्याय कैसे मिलेगा?
बोले- ग्रीन कॉरिडोर का वादा था अब खनन कॉरिडोर की हो रही बात
उन्होंने भाजपा के 2023 के संकल्प पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी ने अरावली को बचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने का वादा किया था, लेकिन आज खनन कॉरिडोर की बात हो रही है। डोटासरा ने आरोप लगाया कि जैसे इलेक्टोरल बॉन्ड में हुआ, वैसे ही अब खनन माफियाओं से वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सनातन की बात तो करती है, लेकिन अरावली में मौजूद धार्मिक स्थलों और पूरे भूगोल की किसी को चिंता नहीं है।
जूली का सीएम पर तंज- बोले, बिना पर्ची पहली बार बोले
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं, “अरावली का मैं कुछ नहीं बिगड़ने दूँगा।” लेकिन उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि क्या ऊपर वाले ने उनसे पूछ लिया? बिना पर्ची के पहली बार आपने यह बात कही है, लेकिन करेंगे क्या—इस पर कोई स्पष्टता नहीं है। क्या आप कोर्ट जाएंगे? यह बताइए कि अरावली को बचाएंगे कैसे?
जूली ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सरिस्का में 50 से अधिक खानों को खोलने का रास्ता खोल दिया था, जिसे कोर्ट की फटकार के बाद ही रोका गया। इससे पहले दिन से ही भाजपा की मंशा साफ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के अपने ही लोगों ने करोड़ों रुपये के आरोप लगाए हैं, जिनकी शिकायत पीएमओ तक पहुंची है।
जूली ने कहा कि 0.91 प्रतिशत क्षेत्र भी 68 हजार वर्ग मीटर का बड़ा इलाका बनता है। जब दिल्ली में प्रदूषण के कारण टंबलर और कार तक बंद की जा रही हैं, तब अरावली—जो प्रदूषण रोकती है, पानी बचाती है और रेगिस्तान के विस्तार को रोकती है—उसके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि अरावली राजस्थान के फेफड़े हैं। धार्मिक स्थलों को तोड़ने की कोशिश क्यों हो रही है?
अंत में टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस पूरे मुद्दे पर स्पष्ट और सीधा जवाब देने की मांग की।
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