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Rajasthan News: जयपुर में नीरजा मोदी स्कूल छात्र मौत मामले में शिक्षा विभाग सख्त, स्कूल प्रबंधन को नोटिस

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: हिमांशु प्रियदर्शी Updated Tue, 23 Dec 2025 03:37 PM IST
सार

Jaipur News: जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल छात्र मौत मामले में निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। सात दिन में जवाब मांगा गया है, संतोषजनक स्पष्टीकरण न मिलने पर कार्रवाई संभव है।

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Neerja Modi School Student Death Case: Education Department Acts Strictly in Jaipur News in Hindi
नीरजा मोदी स्कूल प्रबंधन को शिक्षा विभाग का नोटिस - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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राजस्थान में जयपुर स्थित नीरजा मोदी स्कूल के एक छात्र की मौत के मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सख्त रुख अपनाया है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सात दिन के भीतर जवाब तलब किया है। नोटिस में छात्र की मौत से जुड़े हालात, स्कूल की भूमिका और सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा गया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित समय सीमा में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है।

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चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा की मौत के मामले में शिक्षा विभाग ने नीरजा मोदी स्कूल को नोटिस जारी कर 7 दिन के भीतर जवाब मांगा है। एक नवंबर को अमायरा ने स्कूल की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी थी। शिक्षा विभाग की जांच में बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रशासन की गंभीर लापरवाही सामने आई है।
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माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि जांच दल के परीक्षण में विद्यालय में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। नोटिस में उल्लेख है कि स्कूल की प्रत्येक मंजिल पर सुरक्षाकर्मी या सहायिका तैनात नहीं थी, जिससे छोटे बच्चों को उन मंजिलों पर जाने से नहीं रोका जा सका, जहां उनकी कक्षाएं संचालित नहीं होती थीं। इसके अलावा दुर्घटना के बाद घटनास्थल को पानी से धोकर साफ किया जाना भी विद्यालय प्रशासन की गंभीर खामी बताया गया है।


 
नोटिस के अनुसार, निर्धारित समय में स्पष्टीकरण नहीं दिए जाने पर यह माना जाएगा कि संस्था को कुछ नहीं कहना है। ऐसी स्थिति में राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 और नियम 1993 के तहत नियम-7 के अंतर्गत स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


 
जांच में सामने आई प्रमुख खामियां
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि विद्यालय का डी-ब्लॉक पांच मंजिला है, लेकिन कक्षा 8 तक के छोटे बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सीढ़ियों की रेलिंग के ऊपर लोहे की जाली नहीं लगाई गई थी। ग्राउंड फ्लोर के खुले चौक में भी सुरक्षा जाल नहीं था। प्रत्येक मंजिल पर सुरक्षाकर्मी या सहायिका की अनुपस्थिति के कारण बच्चों की आवाजाही पर कोई प्रभावी निगरानी नहीं हो पाई।
 
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बुलिंग पर चुप्पी, जांच पर उठे सवाल
इससे पहले सीबीएसई ने भी स्कूल को नोटिस जारी किया था, जिसमें घटना के लिए बुलिंग, स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियां और छात्रा की शिकायतों पर शिक्षकों व प्रबंधन द्वारा ध्यान न दिए जाने को प्रमुख कारण माना गया था। हालांकि शिक्षा विभाग के नोटिस में बुलिंग का कोई उल्लेख नहीं है।
 
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि बुलिंग का जिक्र न होना विभागीय जांच की निष्पक्षता पर संदेह पैदा करता है। अभिभावकों का भी आरोप है कि छात्रा की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया। उन्होंने मांग की है कि शिक्षा विभाग स्पष्ट करे कि नोटिस में बुलिंग को शामिल क्यों नहीं किया गया।


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