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Rajasthan News: बैंक खाते खाली होने से पहले संभल जाएं ; राज. पुलिस का अलर्ट- साइबर अटैक से ऐसे बचें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: सौरभ भट्ट Updated Mon, 01 Dec 2025 07:21 AM IST
सार

राजस्थान में साइबर अपराधियों ने फेक वेबसाइट का जाल बिछा लिया है। पुलिस ने आम लोगों को फर्जी वेबसाइटों से बचने के लिए अलर्ट जारी किया है। साइबर एस्पर्ट के हवाले से जानिए इनसे कैसे बचा जाए

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Cyber Attack Alert: Rajasthan Police Warns Against Fake Websites and Phishing Links
साइबर मंडे। - फोटो : adobe stock
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विस्तार
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साइबर अपराधियों ने राजस्थान में अब अपने ठगी के तरीके और ज्यादा घातक और खतरनाक बना लिए हैं। हू-ब-हू असली बैंक या शॉपिंग वेबसाइटों की तरह दिखने वाली वेबसाइट बनाकर ये लोगों के खाते साफ कर रहे हैं। राजस्थान पुलिस ने इन खतरों से लोगों को सावधान करने के लिए अलर्ट जारी किया है। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस साइबर क्राइम विजय कुमार सिंह ने बताया कि ठग अब हूबहू असली जैसी दिखने वाली नकली (क्लोन) वेबसाइटों का उपयोग कर रहे हैं। इन नकली लिंक्स को सोशल मीडिया, एसएमएस या ईमेल के माध्यम से भेजकर लोगों को असुरक्षित वेबपेज पर ले जाया जाता है, जहाँ उनकी निजी जानकारी और बैंक विवरण चोरी कर लिए जाते हैं, जिससे बैंक खातों या यूपीआई लिंक से धनराशि निकाल ली जाती है।
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 वेबसाइट सुरक्षा की जांच: चार ज़रूरी कदम 
एडीजी सिंह ने आमजन को संभावित साइबर अपराध से सचेत रहने के लिए निम्नलिखित चार प्रमुख सुरक्षा सुझाव दिए हैं:
1. स्पेलिंग की बारीकी से जांच अनिवार्य: किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले डोमेन नेम की स्पेलिंग को बहुत ध्यान से देखें। साइबर अपराधी अक्सर एक या दो अक्षरों का हेरफेर कर असली जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट बनाते हैं (जैसे: amazon की जगह amaz0n)। 
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2. HTTPS और लॉक आइकन अवश्य देखें: सुरक्षित वेबसाइटों की पहचान उनके URL की शुरुआत में दिखने वाले HTTPS और एड्रेस बार में मौजूद ताले (लॉक) के आइकन से होती है। यदि ये सुरक्षा संकेत मौजूद नहीं हैं, तो उस पर अपना कोई भी वित्तीय या निजी विवरण दर्ज न करें।
3. गूगल सेफ ब्राउज़िंग (Google Safe Browsing) का करें उपयोग: किसी भी संदिग्ध लिंक की सुरक्षा जांचने के लिए https://transparencyreport.google.com/safe-browsing/search पर जा सकते हैं। इस पोर्टल पर लिंक पेस्ट करें और सुनिश्चित करें कि यह 'असुरक्षित', 'मालवेयर' या 'फिशिंग' तो नहीं दिखा रहा है। 
4. गोपनीय जानकारी साझा करने से बचें: अपनी निजी जानकारी जैसे ओटीपी, आधार, पैन या बैंक विवरण किसी भी व्यक्ति या अज्ञात वेबसाइट से साझा न करें। 
रिपोर्टिंग और शिकायत के लिए हेल्पलाइन 
एडीजी सिंह ने बताया कि यदि फिर भी कोई घटना होती है तो संचार साथी के चक्षु पोर्टल https://sancharsaathi.gov.in/sfc/ पर तुरंत रिपोर्ट करें। यदि कोई व्यक्ति साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है तो इसकी सूचना निकटतम पुलिस स्टेशन/साइबर पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर दे। इसके अतिरिक्त सहायता के लिए साइबर हेल्प लाईन नम्बर 1930 या साइबर हेल्पडेस्क नंबर 9256001930/9257510100 पर संपर्क किया जा सकता है।

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