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डीजीपी सम्मेलन: गृह मंत्री बोले- आतंकरोधी तंत्र और कौशल में एकरूपता जरूरी, सुरक्षा चुनौतियों में एआई मददगार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: गुलाम अहमद
Updated Sat, 06 Jan 2024 05:30 AM IST
सार
जयपुर में शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों पर कहा कि नए कानून सजा के बजाय न्याय देने पर केंद्रित हैं और इन कानूनों से आपराधिक न्याय प्रणाली आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएगी।
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गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)
- फोटो : social media
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विस्तार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डाटाबेस को जोड़ने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संचालित विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने देश में आतंकवाद विरोधी तंत्र के ढांचे और कौशल में एकरूपता को जरूरी बताया और नए कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए अधिकारियों के प्रशिक्षण की बात कही।
शाह ने जयपुर में शुक्रवार को पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) व पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) के 58वें सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केंद्र सरकार के दो महत्वपूर्ण निर्णयों, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और औपनिवेशिक कानूनों को बदले जाने की प्रशंसा की। तीन नए आपराधिक कानूनों पर कहा कि नए कानून सजा के बजाय न्याय देने पर केंद्रित हैं और इन कानूनों से आपराधिक न्याय प्रणाली आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएगी। उन्होंने 2014 के बाद से देश में सुरक्षा परिदृश्य में समग्र सुधार की ओर इशारा किया। कहा, जम्मू- कश्मीर, पूर्वोत्तर व वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा में कमी आई है।
पुलिस मुख्यालय और थाने आधुनिक तकनीक से लैस हों
शाह ने तीन नए कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) या पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी से लेकर डीजीपी स्तर तक के पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण और थानों से लेकर पुलिस मुख्यालय तक को तकनीक से लैस करने की आवश्यकता पर बल दिया। शाह ने देश की सेवा में प्राण न्योछावर करने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने आईबी अफसरों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक दिए और तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों के लिए ट्रॉफी प्रदान की।
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शाह ने जयपुर में शुक्रवार को पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) व पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) के 58वें सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केंद्र सरकार के दो महत्वपूर्ण निर्णयों, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और औपनिवेशिक कानूनों को बदले जाने की प्रशंसा की। तीन नए आपराधिक कानूनों पर कहा कि नए कानून सजा के बजाय न्याय देने पर केंद्रित हैं और इन कानूनों से आपराधिक न्याय प्रणाली आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएगी। उन्होंने 2014 के बाद से देश में सुरक्षा परिदृश्य में समग्र सुधार की ओर इशारा किया। कहा, जम्मू- कश्मीर, पूर्वोत्तर व वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा में कमी आई है।
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पुलिस मुख्यालय और थाने आधुनिक तकनीक से लैस हों
शाह ने तीन नए कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) या पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी से लेकर डीजीपी स्तर तक के पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण और थानों से लेकर पुलिस मुख्यालय तक को तकनीक से लैस करने की आवश्यकता पर बल दिया। शाह ने देश की सेवा में प्राण न्योछावर करने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने आईबी अफसरों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक दिए और तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों के लिए ट्रॉफी प्रदान की।