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SDRF News Rajasthan: बाढ़ बहा ले गई फसलें, राहत डूब गई सिस्टम में! 2022 के क्लेम अब तक अधूरे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: सौरभ भट्ट
Updated Fri, 19 Sep 2025 12:26 PM IST
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सार
SDRF News Rajasthan: राजस्थान में 107 साल की रिकॉर्ड तोड़ बारिश से किसानों की 75-100% तक फसलें नष्ट हो गईं। राहत के लिए 3399 करोड़ SDRF मिला, लेकिन 2022 तक के मुआवजे भी बाकी हैं। किसान संगठन 6 अक्टूबर को जयपुर में ‘अन्नदाता हुंकार रैली’ करेंगे।

खेतों में खराब हुई फसल
- फोटो : संवाद
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विस्तार

राजस्थान में इस बार बारिश ने पिछले 107 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। कई जिलों में बाढ़ भयानक तबाही के मंजर पीछे छोड़ गई। मकान,दुकान और खलिहान तब तक बर्बादी के निशान नजर आ रहे हैं। किसान और आम आदमी सरकार की तरफ टकटकी लगाए राहत की उम्मीद कर रहा है।
किसानों के लिए सरकार गिरदावरी करवा रही है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद आपदा प्रबंधन नियमों के तहत मुआजवा दिया जाएगा। किसान संगठनों का कहना है कि कई जिलों में अतिवृष्टि के कारण किसानों की 75% से लेकर 100% तक फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर भी किसानों में नाराजगी है। किसानों का कहना है कि योजना में बीमा प्रीमियम काटा गया लेकिन क्लेम की राशि प्रीमियम से भी कम दी जा रही है।
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वहीं आपदा प्रबंधन की स्थिति यह है कि अब तक 2020 के क्लेम ही पेडिंग चल रहे हैं। यही रफ्तार रही तो इस बार गिरदावरी करवाने के बाद मुआजवा राशि तय भी हो जाएगी तो भुगतान जारी होने में ही वर्षों लग जाएंगे। आपदा प्रबंधन फंड की बात करें तो बीते तीन वर्षों में 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में केंद्र सरकार ने SDRF(State Disaster Relief Fund) के तहत राजस्थान को 3399 करोड़ 20 लाख रुपए मिले हैं। लेकिन यह राशि भी अब तक आधी भी नहीं बंटी है।
भरतपुर में 2022 से भुगतान बाकी
भरतपुर विधानसभा के विधायक सुभाष गर्ग ने मौजूदा 16वीं विधानसभा के मानसून(चतुर्थ सत्र)में आपदा प्रबंधन विभाग के भरतपुर में फसल खराबे के मुआवजे को लेकर सवाल पूछा कि 2019 से दिसंबर 2023 तक अतिवृष्टि अथवा अल्पवृष्टि से कितना फसल खराबा हुआ और कितना मुआवजा दिया गया। आपदा प्रबंधन की ओर से जवाब मिला- कि इस अवधि में 35564 किसान प्रभावित हुए। इनमें से 16654 को भुगतान किया गया है। शेष काश्तकारों को भुगतान की कार्यवाही प्रक्रिया धीन है।
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ओसियां 2022-23 का 55 हजार का बाकी
जोधपुर में ओसियां विधानसभा को लेकर विधायक भैराराम चौधरी ने 16वीं विधानसभा के तीसरे सत्र में 2022-23 के फसल खराबे के मुआवजे विवरण सरकार से मांगा था। इसके जवाब में सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि 73241 किसानों ने डीएमआईएस पोर्टल पर आवेदन किए थे। इनमें से 17801 किसानों को 34.83 करोड़ का मुआवजा जारी कर दिया गया।
लाडपुरा में 2022 का बाकी
1154 काश्तकारों ने आवेदन किए- इनमें 1100 काश्तकारों को 75.35 लाख रुपए मिले, 54 के भुगतान बकाया बताए गए
गढ़ी-बांसवाड़ा
2020 से 2024 तक आपदा प्रबंधन के पास 1896 आवेदन आए- इनमें से 1698 को राशि मिली। 198 पर भुगतान प्रक्रियाधीन
खाजूवाला में बाकी
बीकानेर के खाजूवाला में 2024 में अतिवृष्टि से 35611 हैक्टेयर फसल खराब हुई। गिरदावरी रिपोर्ट में बोई गई फसलों में 64 प्रतिशत खराबा दर्ज हुआ। 23822 किसान प्रभावित हुए। जनवरी 2025 में इनमें से 9290 किसानों के डाटा डीएमआईएस पोर्टल पर अपलोड हुए। इनमें से भी 8907 किसानों के लिए कोष कार्यालय में भुगतान विपत्र तैयार करवाए गए।
केंद्र से पैसा मिला
21-6-23 को 653 करोड़, 60 लाख
11-1-24 को 653 करोड़, 60 लाख
08-1-25 को 686 करोड़
19-6-24 को 686 करोड़
1-6-25 को 720 करोड़ रुपए
3 हजार 399 करोड़ 20 लाख रुपए
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है कि आपदा राहत कोष’ के तहत असिंचित भूमि पर ₹8500 और सिंचित भूमि पर ₹17000 प्रति हेक्टेयर की सहायता राशि का प्रावधान है, लेकिन कई किसान अब भी वंचित हैं। भेदभाव और पक्षपातपूर्ण प्रक्रिया के कारण पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना की मार्गदर्शिका के अनुसार बीमा राशि का केवल 25% भुगतान करके किसानों को उनके वास्तविक क्लेम से वंचित कर दिया गया है। वहीं कई बीमा कंपनियों ने एक जैसी परिस्थिति में भी किसानों को अलग-अलग और कम मुआवजा दिया है। उदाहरण के तौर पर, जिनसे ₹2500 प्रीमियम वसूला गया, उन्हें ₹1500 से भी कम भुगतान किया गया।
‘अन्नदाता हुंकार रैली’ 6 अक्टूबर को जयपुर में
रामपाल जाट ने बताया कि किसानों ने 6 अक्टूबर को जयपुर में 'अन्नदाता हुंकार रैली' आयोजित करने का निर्णय लिया है। रैली का उद्देश्य सरकार को यह संदेश देना है कि किसान “खेत को पानी, फसल को दाम और युवाओं को काम” जैसे मुद्दों पर ठोस कार्रवाई चाहता है। इस संबंध में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया है।विधायक बोले किसान पर प्रकृति और राज दोनों की मार
विधायक सुभाष गर्ग ने बताया कि उन्होंने फसल खराबे के मुआवजे को लेकर सवाल पूछे थे। इसमें सरकार की तरफ से जवाब मिला कि 2022 में हुए फसल खराबे की मुआवजा राशि अभी तक नहीं बंटी है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। किसान प्रकृति और राज की दौहरी मार झेल रहा है।