Rajasthan News: विपक्ष के आरोपों पर बोले मुख्य निर्वाचन आयुक्त- हमारा ना तो कोई पक्ष है ना विपक्ष
राजस्थान राज्य निर्वाचन आयुक्त ने स्थानीय निकाय चुनावों में देरी को लेकर विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया। कहा- हम पूरी तरह निष्पक्ष हैं, मामला न्यायालय में लंबित है, निर्णय के अनुसार ही प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

विस्तार
राजस्थान में स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में देरी को लेकर विपक्ष द्वारा लगातार लगाए जा रहे आरोपों पर राज्य निर्वाचन आयुक्त राजेश्वर सिंह ने सफाई दी है। शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण करने क बाद सिंह ने कहा कि चुनाव से संबंधित निर्णय राज्य सरकार और न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है और आयोग केवल निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं तटस्थ चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग ने स्पष्ट किया कि वह किसी पक्ष में नहीं है और जो भी संवैधानिक और वैधानिक प्रावधान होंगे, उसके अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी।

चुनाव में देरी पर ये बोले
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने चुनाव में देरी पर विपक्ष के आरोपों को लेकर कहा कि वर्तमान में मामला न्यायालय के विचाराधीन है, इसलिए अंतिम निर्णय आने के बाद ही आयोग आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग का कोई राजनीतिक रुझान नहीं होता, उसका काम केवल निष्पक्ष चुनाव कराना होता है।
वन स्टेट, वन इलेक्शन
वन स्टेट, वन इलेक्शन की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में संसाधनों, ईवीएम, स्टाफ और पुलिस बल की प्लानिंग करके चुनाव संपन्न कराना संभव है। उन्होंने कहा कि अभी तक आयोग को राज्य सरकार की ओर से हर स्तर पर सहयोग मिलता रहा है और आगे भी ऐसी अपेक्षा है।
ये भी पढ़ें: Rajasthan News: अब भर्ती परीक्षा के तुरंत बाद नहीं कर सकेंगे पेपर डिस्कशन, एनालिसिस और चर्चा पर लगी रोक
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी बताया कि वे पूर्व में पंचायती राज विभाग में एसीएस रह चुके हैं और ग्रामीण विकास योजनाओं के संचालन से लेकर फील्ड लेवल पर जिला निर्वाचन अधिकारी और संभागीय आयुक्त के रूप में काम कर चुके हैं। इस प्रशासनिक अनुभव का लाभ आयोग के कार्यों में पारदर्शिता व कुशलता सुनिश्चित करने में मिलेगा।
चुनाव प्रक्रिया में निष्पक्षता
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया की सबसे बड़ी चुनौती इसकी निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखना है। हम यही कोशिश करेंगे कि किसी भी स्तर पर कोई त्रुटि न हो, प्रक्रिया विवादित न बने और सभी पक्षों को भरोसा हो। किसी को कोई आपत्ति है तो हम उसकी उचित सुनवाई करेंगे।
एसआईआर पर भी बोले चुनाव आयुक्त
वोटर लिस्ट को लेकर पूछे गए सवाल पर आयोग ने स्पष्ट किया कि राज्य में होने वाले पंचायत और नगर पालिका चुनावों के लिए मतदाता सूची केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा तैयार की जाती है। उसी सूची को आधार मानकर जिला कलेक्टर वार्डवार मतदाताओं का वर्गीकरण करते हैं। इसमें नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया भी केंद्रीय आयोग के दायरे में आती है। राज्य चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि यदि कार्यभार के अनुपात में स्टाफ या संसाधन कम पड़ते हैं तो आवश्यक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे जाएंगे। आयोग को भरोसा है कि राज्य सरकार उसकी वाजिब मांगों को पूरा करेगी।