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Rajasthan: पेपर लीक कांड में 100 FIR...बड़ी मछलियों पर कार्रवाई कब? विधानसभा में उठा सवाल, जानें सब कुछ
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: अरविंद कुमार
Updated Sat, 01 Feb 2025 08:05 AM IST
सार
राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अपने अभिभाषण में पेपर लीक का मुद्दा उठाया। इस दरमियान उन्होंने पेपर लीक का दोष पिछली सरकार के माथे मढ़ दिया। वहीं, सचिन पायलट और किरोड़ीलाल मीणा ने भी पेपर लीक का मुद्दा उठाया।
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राजस्थान पेपर लीक
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजस्थान में एक के बाद एक पेपर लीक होना अब आम हो चला है। ऐसे में विधानसभा सत्र की ठीक शुरुआत में राज्यपाल के अभिभाषण में पेपर लीक का मुद्दा आना बड़ी बात है। वहीं, इस पर राजनीति भी हो रही है। सवाल अब ये है कि युवाओं की सारी मेहनत पर पानी फिर रहा है और इस वजह से उनका गुस्सा भी बढ़ रहा है।
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दरअसल, राजस्थान विधानसभा सत्र की कार्यवाही के दौरान अपने अभिभाषण में राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने पेपर लीक की बात कही। उन्होंने साफतौर पर सबके सामने आंकड़े भी रखे और पेपर लीक का दोष पिछली सरकार के माथे मढ़ दिया। राज्यपाल की दरफ से दावा ये हुआ कि उनकी सरकार में पेपर लीक के खिलाफ 100 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की है।
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अभिभाषण के दौरान कहा गया कि युवाओं के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। एसओजी ने एफआईआर दर्जकर अब तक 260 लोगों को गिरफ्तार किया है। साल 2025 के दौरान 81,000 पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी करना हमारे ठोस इरादों का प्रतीक है।
बताते चलें, राजस्थान में 2019 के बाद से हर साल औसतन तीन पेपर लीक हुए हैं। इससे लगभग 40 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं। एक जांच में पुलिस अधिकारियों ने पाया कि लीक हुए प्रश्न पत्र पांच से 15 लाख रुपये में बिके हैं। पेपर लीक मास्टरमाइंड ने पेपर को खरीदने के लिए स्कूल शिक्षक को 40 लाख रुपये का भुगतान किया था। इस प्रश्न पत्र को प्रति छात्र पांच लाख रुपये में बेचा गया था।
किरोड़ीलाल मीणा सरकार से नाराज नजर आ रहे हैं। इसको लेकर विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान किरोड़ीलाल मीणा का दर्ज छलका। मीणा ने कहा कि समय मिलावट का है। अगर हां में हां की जाए तो रिश्ते बहुत लंबे चलते हैं। लेकिन वे ऐसा करने वालों में से नहीं हैं। सीएम से किन मुद्दों पर उन्होंने शिकायत की है। जब इस बारे में उनसे पूछा गया तो उनका कहना रहा कि कई मुद्दे हैं, जिनको वे सार्वजनिक रूप से नहीं बता सकते हैं, पर एक सबसे महत्त्वपूर्ण मुद्दा है, बीसलपुर बांध से गाद निकालने का। इसमें जिसे ये काम दिया गया है। वो रेत का खनन कर रहा है। करीब सात करोड़ रुपये का रोजाना रेत निकाली जा रही है। अन्य मसलों पर भी किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी नाराजगी जाहिर की। उनका कहना रहा कि पेपर लीक मुद्दे पर कुछ नहीं किया जा रहा है, इससे युवा नाराज हैं।
वहीं पेपर लीक मामले में बड़ी मछलियों को नहीं पकड़ा जाना भी राजनीतिक मुद्दा बना। सचिन पायलट ने राज्यपाल के अभिभाषण के बाद इसी पर सवाल उठाया। उनका कहना था कि हम सभी लोग मांग कर रहे हैं कि पूरी जांच निष्पक्षता से हो। जो भी बड़े लोग शामिल हैं, उनको पकड़ा जाए। वहीं, किरोड़ीलाल मीणा ने भी मांग की है कि पेपर लीक मामले में जांच तेजी से हो, जिससे युवा बेरोजगारों को राहत मिले।
राजस्थान एसआई भर्ती में भजनलाल सरकार का फैसला
राजस्थान पुलिस ने एसआई भर्ती 2021 के चयनित अभ्यर्थियों का आगामी प्रशिक्षण रोक दिया है। पेपर लीक होने के कारण हाईकोर्ट ने ये निर्देश दिए थे। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्देशों की पालना करते हुए इस भर्ती के सभी प्रकार के प्रशिक्षण पर रोक लगा दी है। इस मामले में कई लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
एसआई भर्ती के चयनित सब इंस्पेक्टरों को राजस्थान पुलिस अकादमी में बेसिक ट्रेनिंग दी जा चुकी है। पिछले दिनों सभी ट्रेनी एसआई को आवंटित जिलों में भेजने के आदेश भी जारी कर दिए। जिलों में उन्हें व्यवहारिक प्रशिक्षण लेना था, लेकिन सरकार इस भर्ती में चयनित हुए सभी सब-इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के आगामी प्रशिक्षण को रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। सरकार ने यह निर्णय राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लिया है।
इतने बार लीक हो चुके पेपर
- सितंबर 2021 में राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए 26 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। 16 लाख उम्मीदवार परीक्षा देने पहुंचे थे, लेकिन पेपर लीक हो गया। परीक्षा रद्द हुई, जिसे बाद में फरवरी 2022 में आयोजित किया गया। खुलासा हुआ कि परीक्षा से तीन दिन पहले स्ट्रांग रूम से पेपर लीक हुआ था।
- राजस्थान में पटवारी पद पर कुल 5,378 भर्तियां निकाली गई थी। इस भर्ती के लिए करीब 15.62 लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया था। पेपर लीक मामले में भरतपुर से 12 लोगों का गिरोह पकड़ा गया था।
- 13 नवंबर 2022 को राजस्थान राज्य अधीनस्थ सेवा बोर्ड द्वारा आयोजित की गई फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा का सेकेंड शिफ्ट का पेपर लीक हुआ था। पुलिस ने एक सरकारी कर्मचारी समेत दो युवकों को गिरफ्तार किया था, जबकि राज्य के छह जिलों में दर्जनों संदिग्धों से पूछताछ की थी।
- राजस्थान पुलिस भर्ती परीक्षा भी पेपर लीक करने वाले गिरोह से बच नहीं पाई थी। 16 मई 2022 को राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का एक पेपर लीक होने के बाद रद्द कर दिया गया था।
- छह दिसंबर 2020 को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। कुल 533 वैकेंसी के लिए 31,752 उम्मीजवार परीक्षा देने पहुंचे। लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। तब पेपर लीक मामले में भरतपुर से पांच लोगों को अरेस्ट किया गया था।
इन लोगों ने बर्बाद किया युवाओं का भविष्य
- दिसंबर 2022 में आरपीएससी की ओर से आयोजित वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट करने में सबसे अहम भूमिका अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा की थी। पुलिस के मुताबिक, शेर सिंह ने आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा से एक करोड़ रुपये में पेपर खरीदा था।
- सांचौर का रहने वाला सुरेश ढाका वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 के पेपर लीक के मामले में शामिल रहा है। वह जयपुर में संचालित एक कोचिंग सेंटर का मालिक भी था। कोचिंग सेंटर की आड़ में पेपर लीक माफियाओं से सांठगांठ करके वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर हथिया लिया।
- रामकृपाल मीणा जयपुर शहर के त्रिवेणी नगर का रहने वाला है। रीट 2021 परीक्षा का पेपर लीक करने का यह मुख्य किरदार रहा है। एक निजी स्कूल का संचालक होते हुए भी कुछ अधिकारियों ने उसे जयपुर के शिक्षा संकुल के उस स्टोर रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी, जहां रीट परीक्षा के पेपर रखे थे।
- अशोक नाथावत भी पेपर लीक माफिया जगदीश बिश्नोई का सबसे बड़ा गुर्गा था। नाथावात का काम भी हर्षवर्धन की तरह प्रतियोगिता परीक्षाओं से पहले उन अभ्यर्थियों को तलाशना था, जो लाखों रुपये देकर पेपर खरीदने की ख्वाहिश रखते हों। नाथावत का नाम भी सीएचओ भर्ती परीक्षा, ग्रेड सेकंड टीचर भर्ती परीक्षा, जेईएन भर्ती परीक्षा और एसआई भर्ती 2021 की परीक्षा के पेपर लीक में शामिल है।
- पेपर लीक माफिया जगदीश मीणा पिछले 15 साल से प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर आउट करता रहा है। यह पेपर लीक गैंग का सबसे बड़ा सरगना है। अब तक उसने दर्जनों प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक किए।
- पेपर लीक माफिया भूपेंद्र सारण दो साल पहले ज्यादा चर्चाओं में आया, जब वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। इससे पहले भी वह कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा, सीएचओ, एसआई भर्ती परीक्षा और जेईएन भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हो चुका है।
- दौसा का रहने वाला हर्षवर्धन मीणा कुछ साल पहले जगदीश बिश्नोई गैंग में शामिल हुआ था। इसका काम जरूरतमंद अभ्यर्थियों को ढूंढना और डील करके उन्हें पेपर उपलब्ध कराना था। लीक और सॉल्वड पेपर उसे जगदीश बिश्नोई की ओर से दे दिया जाता था।
- गमाराम खिलेरी भी पेपर लीक माफियाओं के लिए काम करता था। खुद पटवारी रह चुका है, लेकिन अलग-अलग बार पेपर लीक की घटनाओं में लिप्त पाए जाने के बाद उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। गमाराम के खिलाफ पेपर लीक प्रकरण से जुड़े चार मुकदमे दर्ज हैं।
पेपर लीक के कारण रद्द परीक्षाएं
- आरईईटी लेवल-2 2021 में सितंबर 2021 में हुई यह भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने के करीब चार महीने बाद रद्द
- कांस्टेबल भर्ती में मार्च 2018 परीक्षा का पेपर लीक होने के चलते परीक्षा रद्द
- कांस्टेबल भर्ती 2022 में मई 2022 में दूसरी पाली का पेपर लीक के चलते परीक्षा रद्द, फिर दोबारा एग्जाम हुआ
- हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती में मार्च 2022 में भर्ती परीक्षा का पेपर लीक के चलते परीक्षा रद्द
- लाइब्रेरियन भर्ती 2018 में पेपर लीक होने के कारण दिसंबर 2019 में होने वाली परीक्षा रद्द
- जेईएन सिविल डिग्री 2018 में दिसंबर 2020 की परीक्षा पेपर लीक होने के कारण रद्द
- एसआई भर्ती 2022 में पेपर लीक मामले में 12 लोग गिरफ्तार
- चिकित्सा अधिकारी 2021 में पहले दो बार की परीक्षा गड़बड़ी के चलते ऑनलाइन कराई गई, बाद में ऑफलाइन परीक्षा आयोजित की गई
- सीएचओ भर्ती 2022 में भर्ती के बाद पेपर लीक का मामला दर्ज
- वनरक्षक भर्ती 2020 में एक पाली का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल, परीक्षा रद्द, दोबारा परीक्षा हुई
- बिजली विभाग तकनीकी हेल्पर भर्ती 2022 में छह केंद्रों पर परीक्षा रद्द
- द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 में सामान्य ज्ञान का पेपर लीक के चलते परीक्षा रद्द