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Rajsamand: नाथद्वारा में मंगरा पर होगा होलिका दहन, सूर्योदय से पहले उठेंगी अग्नि की लपटें, Video

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, राजसमंद Published by: अरविंद कुमार Updated Thu, 13 Mar 2025 09:57 PM IST
सार

Rajsamand Holika Dahan: राजसमंद जिले के नाथद्वारा में मंगरा पर विशाल होलिका दहन होगा। 30 से 35 फीट ऊंची और 40 फीट व्यास बनाया गया है। सूर्योदय से पहले यहां अग्नि की लपटें उठती दिखेंगी।

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Rajsamand Holika Dahan will happen on Mangara in Nathdwara flames will rise before sunrise Video
होलिका बनाते हुए - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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राजसमंद में नाथद्वारा के पुष्टिमार्ग की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर में इस वर्ष भी होली मंगरा पर परंपरानुसार होलिका दहन शुक्रवार सुबह मंगला आरती से पहले किया जाएगा। इसी तरह पुष्टिमार्ग की तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर कांकरोली में भी सूर्योदय से पहले होली थड़ा पर होली दहन की परंपरा निभाई जाएगी।

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नाथद्वारा में जब भी शाम के समय होली का डंडा रोपा जाता है, तब इसका दहन सूर्योदय से पूर्व किया जाता है। यहां मेवाड़ की सबसे ऊंची होली जलाई जाती है, जिसे बनाने में दिन-रात श्रमिक कार्य करते हैं। इस दौरान करीब 1000 कांटों की गठरियां जमाकर होली तैयार की जाती है, जो करीब 30 से 35 फीट ऊंची और 40 फीट व्यास में फैली होती है।



15 दिन की मेहनत से बनती है विशाल होली
श्रमिकों के अनुसार, वे वर्षों से इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। इस कार्य में करीब 15 लोग लगातार 15 से 20 दिन तक जुटे रहते हैं, वहीं 100 से अधिक महिलाएं श्रीनाथजी के बीड़े से कांटे लाने का कार्य करती हैं। इस बार भी लगभग 1000 से अधिक कांटों की गठरियों से होली का निर्माण किया गया है।

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60 फीट ऊंची उठती हैं लपटें, रोशन हो जाता है पूरा नगर
नाथद्वारा की यह होली क्षेत्र की सबसे ऊंची और भव्य होली मानी जाती है। जैसे ही प्रज्वलन के बाद 50 से 60 फीट ऊंची लपटें उठती हैं, पूरा नगर प्रकाशित हो जाता है। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु और दर्शनार्थी पहुंचते हैं।

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शहरवासियों के लिए यह सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि संस्कृति और आस्था का उत्सव भी है, जिसमें हजारों लोग हिस्सा लेते हैं।

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