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Hanumangarh: ग्राम सेवा सहकारी समिति में गबन का मामला, अब धारा 57-(1) में होगी जांच, खंगाले जाएंगे दस्तावेज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हनुमानगढ़
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Sat, 15 Apr 2023 11:25 AM IST
सार
हनुमानगढ़ रतनपुरा सहकारी समिति में गबन की अब धारा 57-(1) की होगी जांच। दोबारा खंगाले जाएंगे दस्तावेज। एक माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
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रतनपुरा सहकारी समिति में गबन
- फोटो : social media
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विस्तार
जिले के संगरिया क्षेत्र की ग्राम सेवा सहकारी समिति रतनपुरा में हुए करोड़ों रुपये के गबन की धारा 55 की जांच पूरी होने के बाद अब धारा 57-(1) की जांच की जाएगी। सहकारिता विभाग की ओर से सहकारी भूमि विकास बैंक हनुमानगढ़ के सचिव पीथदान चारण को जांच अधिकारी लगाया गया है। एक माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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इधर, धारा 55 की जांच में जिन कार्मिकों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी उनको हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के एमडी मनोज कुमार मान ने 16 सीसी की चार्जशीट दे दी है। अब धारा 57-1 की जांच में अगर और कार्मिक प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से दोषी पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।
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जानकारी के अनुसार रतनपुरा सहकारी समिति में धारा 55 की जांच में 19 करोड़ रुपये से अधिक का गबन उजागर हुआ था। धारा 55 की जांच में कोई तथ्य छूट गया है या किसी पक्ष की सुनवाई नहीं हुई उनको धारा 57-(1) की जांच में सुनने का अवसर दिया जाएगा। यानी एक-एक दस्तावेज दोबारा खंगाला जाएगा। ज्ञात रहे कि गबन का मामला उजागर हुए लगभग 6 माह होने को हैं, लेकिन जांच प्रक्रिया सुस्त चल रही है। इसी कारण पीड़ितों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब धारा 57-1 की जांच एक माह में पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। तय अवधि में जांच पूरी हो जाएगी तो आगे की प्रक्रिया में भी कई महीने का समय और लग जाएगा।
धारा 55 की जांच में 3 मैनेजरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई
धारा 55 की जांच में 3 मैनेजरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इनको चार्जशीट जारी की गई है। हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के एमडी मनोज कुमार मान ने बताया कि संगरिया ब्रांच मैनेजर हरकेश मीणा, मैनेजर अनिल बिश्नोई और रमा देवी को 16 सीसी की चार्जशीट दी गई है। जानकारी के अनुसार रतनपुरा सहकारी समिति के तत्कालीन व्यवस्थापक रमेश कुमार की सेवानिवृति के समय मैनेजर रमा देवी द्वारा निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कोताही बरती। इसके अलावा ब्रांच मैनेजर हरकेश मीणा और अनिल बिश्नोई द्वारा भी इस मामले में कोताही बरती गई। इस पर बैंक एमडी की ओर से इनको चार्जशीट दी गई है।
एक माह में पूरी होगी जांच, धारा 57-2 में डीआर फैसला सुनाएंगे
धारा 57-1 की जांच 1 माह में पूरी की जाएगी। इसी जांच के आधार पर सहकारिता विभाग के उप रजिस्ट्रार की ओर से धारा 57-2 के तहत फैसला सुनाया जाएगा। इस फैसले में दोषी पाए जाने के बाद कुर्क की गई भूमि नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। चल-अचल संपत्ति नीलाम करने के लिए अलग से अधिकारी लगाया जाएगा। फिर भूमि नीलाम कर पीड़ितों को राशि लौटाई जाएगी। हालांकि यह प्रक्रिया पूरी होने में कितना समय लगेगा इसको लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। धारा 57-1 के लिए लगाए गए जांच अधिकारी पीथदान चारण का कहना है कि वे निर्धारित अवधि 1 माह में रिपोर्ट तैयार कर देंगे।