Salumbar: विदेशियों से लोन के नाम पर ठगी करने वाला फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा, तीन आरोपी गिरफ्तार; हुआ यह खुलासा
Salumbar News: सलूंबर पुलिस ने होटल में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारकर विदेशियों से लोन के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी डॉलर निकालकर रुपयों में बदलते थे। पुलिस ने साइबर ठगी गिरोह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।
विस्तार
सलूंबर जिला पुलिस, साइबर सेल और जिला विशेष टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए विदेशियों को लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। यह कॉल सेंटर देवगांव स्थित होटल भाग्यश्री में संचालित किया जा रहा था। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने दो मिजोरम और एक जयपुर निवासी आरोपी को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों में लालरेमलुना उर्फ राम, जोहामागइहा उर्फ जो और अक्षय शर्मा पुत्र कैलाशचंद्र शर्मा शामिल हैं। पुलिस ने मौके से तीन लैपटॉप, तीन ब्लूटूथ हेडफोन, चार मोबाइल इंटरनेट राउटर बरामद किए हैं।
साइबर ठगी की थी अंतरराष्ट्रीय साजिश
सलूंबर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार यादव के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनवारीलाल मीणा और पुलिस उप अधीक्षक हेरंब जोशी के मार्गदर्शन में छापा मारा गया। आरंभिक जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी अमेरिका में निवासरत लोगों को सस्ती दर पर लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी कर रहे थे। वे इंटरनेट कॉलिंग के जरिए लोगों से संपर्क करते और खुद को कैशनेट कंपनी के कर्मचारी बताकर विश्वसनीयता का भ्रम पैदा करते थे।
होटल के कमरे से चल रहा था कॉलिंग ऑपरेशन
सूचना मिलने पर पुलिस ने होटल के कमरा नंबर 107 में दबिश दी, जहां आरोपी लैपटॉप से विदेशों में कॉल कर रहे थे। पूछताछ में सामने आया कि इन्हें अहमदाबाद निवासी भाविन मकवाना ने किराये पर कमरा दिलाया था और सैलरी पर काम पर रखा था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि होटल संचालक ईश्वरसिंह पुत्र मेघसिंह ने उन्हें वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराई थी। आरोपी गूगल वॉयस का उपयोग कर कॉल करते थे और उनके अलग-अलग कोडनेम राम का जैक, जो का डेविड और अक्षय का केविन रखा गया था।
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डॉलर निकालकर रुपयों में बदलते थे आरोपी
तीनों आरोपी विदेशी नागरिकों से बैंक डिटेल और पासवर्ड लेकर उनके खातों से डॉलर निकालते और अपनी भारतीय आईडी से रुपयों में बदल लेते थे। इसके बाद यह रकम भाविन मकवाना को भेज दी जाती थी, जो पूरे नेटवर्क का संचालन कर रहा था। गूगल शीट में मिले डाटा से पता चला कि आरोपी रोजाना अमेरिकी समयानुसार सुबह 8 से 9 बजे के बीच कॉल करते थे। वे लोगों से सुरक्षा प्रक्रिया के नाम पर बैंक खाता जानकारी, मासिक आय और पासवर्ड हासिल कर लेते थे।
आरोपी पर दर्ज हुआ प्रकरण, जांच जारी
एसपी यादव ने बताया कि यह एक संगठित साइबर ठगी गिरोह है। तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 316(2), 318(4), 319(2), 112(2), 61(2) बीएनएस 2023 और आईटी एक्ट की धारा 66C व 66D के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। मामले की आगे की जांच सीआई हेमंत चौहान द्वारा की जा रही है।
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