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Sawai Madhopur: कूनो से 130 किमी दूर राजस्थान पहुंची ‘ज्वाला’, बालेर गांव में बकरी का शिकार किया

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सवाई माधोपुर Published by: प्रिया वर्मा Updated Tue, 12 Aug 2025 04:19 PM IST
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सार

मप्र के कूनो नेशनल पार्क से एक मादा चीता सवाई माधोपुर के बालेर गांव में घुस गई। वन विभाग की टीम ने कूनो के अधिकारियों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद टीम उसे ट्रैंकुलाइज करके वापस कूनो ले गई।
 

Sawai Madhopur: ‘Jwala’ Cheetah Travels 130 Km from Kuno to Rajasthan, Hunts Goat in Baler Village
कूनो से राजस्थान की सीमा में आई मादा चीता - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक मादा चीता राजस्थान पहुंच गई। ‘ज्वाला’ नाम की यह चीता करीब 130 किलोमीटर दूर सवाई माधोपुर जिले के बालेर गांव में आ गई और एक बाड़े में घुसकर बकरी का शिकार कर लिया। मंगलवार सुबह करीब 6 बजे ग्रामीणों ने जब बाड़े में चीता देखा तो तुरंत टाइगर रिजर्व टीम को सूचना दी। चीता के एग्रेसिव व्यवहार के कारण वन विभाग की टीम उसे रेस्क्यू नहीं कर सकी। इसके बाद कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों को जानकारी दी गई। सुबह करीब 10 बजे कूनो की टीम बालेर गांव पहुंची और 15 मिनट के भीतर ‘ज्वाला’ को ट्रैंकुलाइज कर वापस कूनो ले गई। बालेर गांव मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की सीमा से सटा हुआ है।
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वन विभाग के अनुसार ज्वाला के गले में रेडियो कॉलर लगा हुआ है। रविवार को वह श्योपुर जिले के मानपुर क्षेत्र में एक शावक के साथ देखी गई थी, लेकिन सोमवार को शावक से अलग होकर चंबल किनारे होते हुए राजस्थान के बालेर गांव में पहुंच गई। सुबह जब ग्रामीणों ने उसे बकरियों के बाड़े में देखा तो गांव में अफरा-तफरी मच गई और भीड़ इकट्ठा हो गई। बालेर रेंज अधिकारी नरेश गोदारा और उनकी टीम ने उसे रेस्क्यू करने कोशिश की उसके आक्रामक होने के कारण टीम को सफलता नहीं मिली।

यह पहला मौका नहीं है जब कूनो का कोई चीता राजस्थान आया हो। एक साल पहले पवन नाम का चीता भी कूनो से करीब 50 किलोमीटर दूर करौली जिले में पहुंच गया था। उस समय करौली के सिमार क्षेत्र में उसके मूवमेंट की सूचना मिलने पर कूनो से आई टीम ने उसे ट्रैंकुलाइज किया था। वह करीब 10 घंटे तक चंबल किनारे के जंगलों में घूमता रहा था।

मध्यप्रदेश में चल रहे देश के पहले चीता प्रोजेक्ट में अब राजस्थान को भी शामिल किया गया है। इसके तहत दोनों राज्यों के बीच 17 हजार वर्ग किलोमीटर का  चीता कॉरिडोर विकसित किया जाएगा, जिसमें चीते खुले में घूम सकेंगे। इस प्रोजेक्ट में राजस्थान के 7 जिले शामिल होंगे। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के एक्शन प्लान के अनुसार भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून ने कूनो–गांधीसागर लैंडस्केप को तय किया है, जिसमें मध्यप्रदेश का 10,500 वर्ग किमी और राजस्थान का 6,500 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल होगा।
 
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