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Sirohi News: पाली, जालोर, सिरोही-बाड़मेर में खत्म होगा जल संकट, माही-जवाई बांध प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिरोही
Published by: सिरोही ब्यूरो
Updated Wed, 06 Aug 2025 09:24 PM IST
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सार
जल संसाधन विभाग ने डीपीआर के लिए 15.60 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है और वाप्कोस लिमिटेड को कार्यादेश भी जारी कर दिए गए हैं। इस परियोजना से उदयपुर, पाली, सिरोही और जोधपुर जिलों को लाभ मिलेगा। साथ ही, इससे 16 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई भी संभव होगी, जिससे किसानों को भी राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करते कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पाली, जालोर, सिरोही बाड़मेर में पेयजल समस्या के स्थायी निदान के लिए माही डैम को जवाई बांध को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अब मूर्त रूप लेगा। इसको लेकर सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक और पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत की मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ एक अहम बैठक हुई। बैठक में इस सात हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने के संबंध में चर्चा हुई।
इस मामले में कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने माही एवं सोम नदी के मानसून अवधि का अधिशेष जल, जयसमंद बांध सहित अन्य बांधों को भरते हुए जवाई बांध तक लाने संबंधी कार्य की बजट वर्ष-2024-25 में घोषणा की थी। इस बजट घोषणा को धरातल पर उतारने के बारे में विस्तृत चर्चा हुई। इस परियोजना की डीपीआर तैयार करने के लिए 15.60 करोड़ रुपये की प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति जल संसाधान विभाग, जयपुर के मुख्य अभियंता कार्यालय की ओर से जारी कर दी गई है। इस कार्य के लिए अधिशासी अभियंता, जल संसाधन खंड सलूंबर ने वाप्कोस लिमिटेड बीबी से अनुबंध कर कार्यादेश भी जारी कर दिए। इसके बाद वाप्कोस ने भी इन्सपेक्शन रिपोर्ट जल संसाधन संभाग, उदयपुर को प्रस्तुत करने के बाद विभाग ने उसका अनुमोदन भी कर दिया है।
ये भी पढ़ें- राजस्थान में 3 विभागों में विदेशी सामान खरीद पर रोक,मंत्री दिलावर बोले खरीदने वाले पर कार्रवाई होगी
16 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में होगी सिंचाई
कैबिनेट मंत्री कुमावत ने बताया कि सात हजार करोड़ रुपये के इस महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के पूरा होने पर उदयपुर, सिरोही, पाली एवं जोधपुर जिले में पेयजल संबंधी समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। इसके साथ ही 16 हजार हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र का पुर्नस्थापन होगा। इन जिलों में रहने वाले लोग लंबे समय से समस्या का सामना कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद उनकी इस समस्या का स्थाई समाधान हो सकेगा। इसके साथ ही किसानों को भी सिंचाई के लिए पानी आपूर्ति की जा सकेगी।

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इस मामले में कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने माही एवं सोम नदी के मानसून अवधि का अधिशेष जल, जयसमंद बांध सहित अन्य बांधों को भरते हुए जवाई बांध तक लाने संबंधी कार्य की बजट वर्ष-2024-25 में घोषणा की थी। इस बजट घोषणा को धरातल पर उतारने के बारे में विस्तृत चर्चा हुई। इस परियोजना की डीपीआर तैयार करने के लिए 15.60 करोड़ रुपये की प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति जल संसाधान विभाग, जयपुर के मुख्य अभियंता कार्यालय की ओर से जारी कर दी गई है। इस कार्य के लिए अधिशासी अभियंता, जल संसाधन खंड सलूंबर ने वाप्कोस लिमिटेड बीबी से अनुबंध कर कार्यादेश भी जारी कर दिए। इसके बाद वाप्कोस ने भी इन्सपेक्शन रिपोर्ट जल संसाधन संभाग, उदयपुर को प्रस्तुत करने के बाद विभाग ने उसका अनुमोदन भी कर दिया है।
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16 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में होगी सिंचाई
कैबिनेट मंत्री कुमावत ने बताया कि सात हजार करोड़ रुपये के इस महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के पूरा होने पर उदयपुर, सिरोही, पाली एवं जोधपुर जिले में पेयजल संबंधी समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। इसके साथ ही 16 हजार हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र का पुर्नस्थापन होगा। इन जिलों में रहने वाले लोग लंबे समय से समस्या का सामना कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद उनकी इस समस्या का स्थाई समाधान हो सकेगा। इसके साथ ही किसानों को भी सिंचाई के लिए पानी आपूर्ति की जा सकेगी।