{"_id":"64631363fdf88d957b0f10f9","slug":"cbse-10th-class-2023-topper-kafi-acid-attack-survivor-read-struggle-to-success-full-story-2023-05-16","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"CBSE 10th Result: एसिड अटैक सर्वाइवर ने 10वीं कक्षा में किया टॉप, जानें संघर्ष से सफलता तक का सफर","category":{"title":"Shakti","title_hn":"शक्ति","slug":"shakti"}}
CBSE 10th Result: एसिड अटैक सर्वाइवर ने 10वीं कक्षा में किया टॉप, जानें संघर्ष से सफलता तक का सफर
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्रुति गौड़
Updated Tue, 16 May 2023 10:58 AM IST
विज्ञापन
सार
चंडीगढ़ की एक एसिड अटैक सर्वाइवर ने सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में टॉप किया है। उनका सपना आईएएस बनने का है, जिसके लिए वो कड़ी मेहनत कर रही हैं।

CBSE 10th Result
- फोटो : social media

Trending Videos
विस्तार
CBSE 10th Result : वो कहते हैं ना कि, लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। इस बात को चरितार्थ कर दिया है चंडीगढ़ की एक एसिड अटैक सर्वाइवर ने। दरअसल, चंडीगढ़ के इंस्टीट्यूट ऑफ ब्लाइंड में पढ़ने वाली एसिड अटैक सर्वाइवर कैफी ने अपनी सीबीएसई बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में टॉप किया है। अपनी मेहनत के दम पर छात्रा ने परीक्षा में 95.2 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। कैफी की इस सफलता के बाद उनके घर के बाहर बधाई देने वालों का तांता लग गया है। इस सफलता का सफर कैफी के लिए आसान नहीं था। उनके संघर्ष की कहानी ऐसी है, जिसको सुनकर हर किसी की रूह कांप जाएगी। आइए आपको भी कैफी के संघर्ष की कहानी के बारे में बताते हैं।
विज्ञापन
Trending Videos
परिवार ने दिया साथ
जानकारी के मुताबिक, 12 मई को सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं के रिजल्ट घोषित किए। इस परीक्षा में चंडीगढ़ के इंस्टीट्यूट ऑफ ब्लाइंड की 15 साल की छात्रा कैफी भी शामिल हुई थी। कैफी ने CBSE 10वीं रिजल्ट 2023 में 95.20% मार्क्स हासिल किए हैं। कैफी के पिता हरियाणा सचिवालय में चपरासी की नौकरी करते हैं और उनका परिवार शास्त्री नगर में रहता है। कैफी की इस सफलता के साथ-साथ उनके संघर्ष में भी परिवार ने उनका पूरा साथ दिया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
तीन साल की उम्र में झेला दर्द
बात करें कैफी के संघर्ष की तो उन्होंने महज 3 साल की उम्र में एसिड अटैक के दर्द को झेला है। इस वारदात के वक्त कैफी का परिवार हिसार में रहता था। जहां उसके पड़ोस में रहने वाले दरिंदों ने ही उसके चेहरे पर एसिड फेंक दिया। इस एसिड अटैक में मासूम कैफी की जान तो बच गई, लेकिन उसका चेहरा बुरी तरह झुलस गया और आंखों की रोशनी चली गई।
चट्टानों की तरह ही मजबूत है हौसला
कैफी के ऊपर हुए एसिड अटैक के लिए 3 मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों को जिम्मेदार ठहराया गया था। पर, वो तीनों सिर्फ 2 साल में जेल से बाहर आ गए। ये देखने के बाद भी कैफी से अपने बुलंद हौसलों को टूटने नहीं दिया। उन्होंने कुछ करने की ठानी और अब दसवीं के पेपर में स्कूल में टॉप किया। अब उनकी आंखों में आईएएस बनने का सपना पल रहा है। इसके लिए को कड़ी मेहनत कर रहीं हैं। कैफी के हौसले इस वक्त चट्टानों की तरह ही मजबूत हैं।
कमेंट
कमेंट X