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जलवायु परिवर्तन: हिमाचल में पतझड़ में सेब और पाजे के पेड़ों पर खिल गए वसंत के फूल, जानें पूरा मामला

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला। Published by: Krishan Singh Updated Wed, 05 Nov 2025 12:39 PM IST
सार

प्रदेश में अब समय से कहीं पहले ही सेब और पाजे के पेड़ों में फूल आ रहे हैं। यह कृषि एवं बागवानी क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बन गया है। 

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Climate change: Spring flowers bloom on apple and guava trees in autumn
शिमला के बलावग में सेब व पाजे के पेड़ों पर खिले फूल। - फोटो : अमर उजाला
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हिमाचल प्रदेश में अब समय से कहीं पहले ही सेब और पाजे के पेड़ों में फूल आ रहे हैं। यह कृषि एवं बागवानी क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बन गया है। पहले पाजे में जनवरी-फरवरी में फूल लगते थे। पाजे के पेड़ों पर चेरी की कलम की जाती है। सेब के बगीचों में अप्रैल में फूल आते हैं, लेकिन नवंबर में कुछ बगीचों में फूल आना शुरू हो गए हैं। शिमला के निकटवर्ती बलावग गांव के निवासी अशोक थापा ने बताया कि उनके बगीचे में गाला किस्म के सेब के पेड़ों में इन दिनों फूल आ गए हैं। यह हैरान करने वाला है। हिमाचल प्रदेश हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान के कार्यवाहक अध्यक्ष रहे और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संदीप शर्मा ने कहा कि शिमला के आसपास देखा जाए तो पाजे के पेड़ों में फूल आना शुरू हो गए हैं, जबकि पाजे में फरवरी या इसके बाद फूल आते हैं। उन्होंने कहा कि यह जलवायु परिवर्तन का बड़ा संकेत है। पहले नवंबर और दिसंबर में बर्फ गिरती थी, लेकिन इसका पैटर्न बदलकर अब यह फरवरी और मार्च महीने में गिर रही है।

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तापमान बढ़ने से आया बदलाव
अक्तूबर और नवंबर में तापमान बढ़ने की वजह से भी समय से पहले पाजे या अन्य पेड़ों में फूल आने लगे हैं। डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के पूर्व कुलपति डॉ. विजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सेब या अन्य पेड़ों में समय से पहले फूल आना जलवायु परिवर्तन का सूचक है। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर जहां समर प्रूनिंग की जा रही है, वहां भी ऐसा देखने को मिला है। हिमाचल प्रदेश फल, फूल एवं सब्जी उत्पादक संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा है कि सेब, पाजे आदि में समय से पहले फूल आना सही संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि रॉयल सेब की बेल्ट पहले ही एक हजार फुट ऊपर की ओर सरक चुकी है।

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अध्ययन में हुआ ये खुलासा
एक अध्ययन "हिमाचल प्रदेश के मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में सेब उत्पादन पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर सेब उत्पादकों की धारणाएं" में पाया गया है कि पिछले कुछ दशकों में सेब की उत्पादकता में लगभग 11 प्रतिशत की कमी आई है। शोध में 79.5 प्रतिशत बागवानों ने जलवायु परिवर्तन की बात स्वीकार की, 76.5 प्रतिशत ने बताया कि फूल आने का समय बदल गया है और 78.5 प्रतिशत ने कहा कि फल जल्दी पकने लगे हैं।

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