Himachal News: दिवाली पर औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में 167 रहा एक्यूआई, मनाली-शिमला की हवा सबसे स्वच्छ
औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 150 से ऊपर गया है बाकी जगह एक्यूआई 100 से कम ही रहा।
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हिमाचल प्रदेश में इस बार दिवाली पर पटाखे चलने के बावजूद वायु प्रदूषण पर खास असर नजर नहीं आया। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 150 से ऊपर गया है बाकी जगह एक्यूआई 100 से कम ही रहा। हालांकि, बद्दी का एक्यूआई पिछले साल की तुलना में कम आंका गया है। बद्दी में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 200 पहुंचा था, लेकिन इस बार 167 रहा। बीच में 16 अक्तूबर को एक्यूआई 183 तक भी पहुंचा था।
शिमला, मनाली और सुंदरनगर की हवा सबसे अच्छी रही। तीनों जगहों पर एक्यूआई 50 से नीचे रही। एक्यूआई 50 से नीचे होने का मतलब है कि वायु गुणवत्ता अच्छी है। इस स्थिति में हवा साफ और संतोषजनक मानी जाती है, और वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर बहुत कम या कोई खतरा नहीं होता है। राजधानी शिमला में दिवाली वाले दिन एक्यूआई 46 रहा। दिवाली से पहले 40 से नीचे था। धर्मशाला में एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 से ऊपर रहा।
यहां दिवाली से पहले एक्यूआई गुड क्वालिटी में था लेकिन दिवाली के दिन सेटिस्फेक्ट्री जोन यानी 61 तक पहुंच गया। इसके अलावा पांवटा साहिब में 70, कालाअंब में 58, बरोटीवाला में 70 नालागढ़ में 67, डमटाल में 79 एक्यूआई रहा। बद्दी में 20 अक्तूबर को एक्यूआई के साथ साथ पीएम-10 की मात्रा 144 और ओ-3 की मात्रा 110 रही, जो निर्धारित मानकों से अधिक थी।
पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने वाली संस्था अध्यक्ष लक्ष्मी चंद ठाकुर ने बताया कि इस बार अधिकांश उद्योग बंद होने से हवा में प्रदूषण की मात्रा कम रही। उधर, प्रदूषण बोर्ड के सहायक अभियंता पवन चौहान ने बताया कि बद्दी-साई मार्ग पर अधिक वाहनों के चलने से निकलने वाले प्रदूषण से भी एक्यूआई बढ़ता है। दिवाली से एक दिन पहले से इस मार्ग पर कम वाहन चले। इससे प्रदूषण की मात्रा कम रही।
कई शहरों में मानकों से अधिक रहा ध्वनि प्रदूषण
दिवाली की रात प्रदेश के कई शहरों में ध्वनि प्रदूषण मानकों से अधिक पाया गया। मानकों के अनुसार साइलेंस जोन में 50 डेसीबल, आवासीय क्षेत्र में 55 डेसीबल, वाणिज्यिक क्षेत्र में 65 डेसीबल और औद्योगिक क्षेत्र में 75 डेसीबल की सीमा निर्धारित है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विशेष रूप से चंबा, ऊना, रामपुर बुशहर, किन्नौर, बद्दी और कुल्लू में शोर का स्तर अत्यधिक पाया गया। दरअसल हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्यभर में दिवाली पर्व के अवसर पर ध्वनि प्रदूषण का निरीक्षण किया।
यह निगरानी एवं निरीक्षण दिवाली से पहले 13 से लेकर 20 अक्तूबर को दिवाली के दिन सायं 6 बजे से रात्रि 12 बजे तक की अवधि के बीच किया। इस रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश स्थानों पर दिवाली के दिन शोर के स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की। यह बढ़ोतरी निर्धारित मानकों से ज्यादा पाई गई। बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. प्रवीण चंद्र गुप्ता ने इसकी पुष्टि की। शिमला के रिज मैदान के वाणिज्यिक क्षेत्र में शोर स्तर 13 अक्तूबर को 64.4 डेसीबल (डीबी-ए) और दिवाली के दिन 64.9 डेसीबल दर्ज किया गया।
परवाणू के आवासीय क्षेत्र में यह 53.6 से बढ़कर 62.1 डेसीबल रहा। बिलासपुर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के आवासीय क्षेत्र में यह 48.4 से बढ़कर 56.4 डेसीबल हुआ। चंबा नगर के आवासीय क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई, जहां स्तर 56.8 से बढ़कर 78.1 डेसीबल तक पहुंच गया। पांवटा साहिब के वाणिज्यिक क्षेत्र में यह स्तर 56.7 से 61.9 डेसीबल तक रहा। ऊना की रक्कड़ कॉलोनी में 43.7 से 73.9 डेसीबल तक की अत्यधिक वृद्धि दर्ज की गई। बद्दी फेज-एक वाणिज्यिक व आवासीय क्षेत्र में 57.1 से बढ़कर 71.2 डेसीबल हुआ।
किन्नौर जिले के रिकांगपिओ के वाणिज्यिक क्षेत्र में यह स्तर 50.7 से 71.0 डेसीबल तक पहुंच गया। रामपुर बुशहर के वाणिज्यिक क्षेत्र में 55.4 से बढ़कर 77.3 डेसीबल तक की वृद्धि हुई। धर्मशाला के आवासीय क्षेत्र में 47.9 से बढ़कर 59.2 डेसीबल तक और हमीरपुर नगर की हिमुडा कॉलोनी में 47.6 से बढ़कर 60.0 डेसीबल तक की वृद्धि दर्ज की गई। कुल्लू के ढालपुर वाणिज्यिक क्षेत्र में यह स्तर 60.4 से बढ़कर 74.9 डेसीबल हो गया। इस तरह से राज्य के कई क्षेत्रों में दिवाली के अवसर पर ध्वनि प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमाओं से अधिक रहा।