Himachal Weather Today: भूस्खलन से दो एनएच समेत 387 सड़कें बंद, मानसून में अब तक 263 लोगों की गई जान
Himachal Pradesh Weather Update Today: जगह-जगह भूस्खलन, बाढ़ से राज्य में सैकड़ों सड़कें ठप हैं। किन्नौर में पोवारी के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग-5 धंस गया है।

विस्तार
हिमाचल प्रदेश में बरसात का कहर लगातार जारी है। जगह-जगह भूस्खलन, बाढ़ से राज्य में सैकड़ों सड़कें ठप हैं। इससे लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। राज्य में सोमवार रात 9:00 बजे तक दो नेशनल हाईवे सहित 387 सड़कें बंद रहीं। 760 बिजली ट्रांसफार्मर व 122 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 192 सड़कें, 303 बिजली ट्रांसफार्मर व 44 जल आपूर्ति स्कीमें ठप हैं। जिला किन्नौर में पोवारी के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग-5 धंस गया है। यहां सड़क का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। छोटे वाहनों को वाया रिकांगपिओ-शिल्टी मार्ग से भेजा जा रहा है। वहीं भारी बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग भी बाधित है। इससे जगह-जगह गाड़ियां फंस गई हैं।

तत्तापानी पुल से पहले सड़क धंसकर सतलुज नदी में समाई
करसोग को शिमला से जोड़ने वाला मुख्य सड़क मार्ग तत्तापानी पुल से लगभग 200 मीटर आगे सुन्नी की ओर भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। सड़क का बड़ा हिस्सा उफनती सतलुज नदी में समा गया है। इससे मार्ग पर सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। यहां सड़क की चौड़ाई घटकर केवल 1.5 मीटर रह गई है, जिससे यह वाहनों की आवाजाही के लिए असुरक्षित हो गई है। विभाग ने क्षतिग्रस्त हिस्से को अगले आदेश तक सभी प्रकार के वाहनों के लिए बंद कर दिया है। थली पुल से होकर जाने वाला वैकल्पिक मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है और बंद है। परिणामस्वरूप सुन्नी डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में वर्तमान में कोई वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं है। सड़क पर पिछले दिनों दरारें आई थीं, लेकिन अब सड़क पूरी तरह धंस गई है। सतलुज नदी उफान पर है और तेज बहाव से सड़क को लगातार खतरा बना हुआ है। इससे शिमला-करसोग के बीच सड़क संपर्क कट गया है। सतलुज का पानी तत्तापानी पुल तक पहुंच गया है। वहीं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने तत्तापानी स्थित सेल्फी प्वाइंट के समीप डैम के पानी से टूटे हुए शिमला से करसोग मार्ग का निरीक्षण भी किया। मंत्री ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए संपर्क मार्ग खोलने के लिए कार्य करें।
इतने दिन बरसेंगे बादल
बीती रात धौलाकुआं में 113.0, जोत 70.8, मालरांव 70.0, पालमपुर 58.7, जटोन बैराज 49.4, पांवटा साहिब 40.6, मुरारी देवी 33.0, गोहर 32.0, नाहन 30.1, सराहन 28.5 व धर्मशाला में 24.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कई भागों में 24 अगस्त तक बारिश का दाैर जारी रहने का पूर्वानुमान जताया गया है। इस दाैरान 21 अगस्त को छोड़कर अन्य दिन कुछ भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
#WATCH | Kullu, Himachal Pradesh: Chandigarh–Manali National Highway blocked due to multiple landslides and flash floods triggered by heavy rainfall in the region
— ANI (@ANI) August 18, 2025
(Visuals from Bajoura Check Post) pic.twitter.com/XwThVq4xIh
मानसून में अब तक 2,814 घरों-दुकानों को नुकसान
प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 17 अगस्त तक 263 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 332 लोग घायल हुए हैं। 37 लोग अभी भी लापता हैं। इस दाैरान 127 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 2,814 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 2,201 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,626 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 2,17,354.38 लाख रुपये पहुंच गया है।
तत्तापानी में यात्रियों के लिए एचआरटीसी ने शुरू की ट्रांस-शिपमेंट सुविधा
एसडीएम करसोग गौरव महाजन के निर्देशानुसार यात्रियों की सुविधा के लिए एचआरटीसी ने ट्रांस-शिपमेंट सुविधा की व्यवस्था की है। इसके तहत तत्तापानी से करसोग और सुन्नी से शिमला के लिए यात्रियों को बसों के माध्यम से आवागमन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। एचआरटीसी के करसोग यूनिट की ट्रांस-शिपमेंट बस सेवा शुरू हो गई है। यात्रियों के आवागमन के लिए करसोग यूनिट की एक 47 सीटर तथा एक इलेक्ट्रिक बस लगाई गई है। इसके अतिरिक्त आपातकालीन स्थिति के लिए एक मिनी बस तत्तापानी में खड़ी की गई है। उन्होंने बताया कि बाकि बसें अपने निर्धारित समयानुसार करसोग से तत्तापानी के लिए चलाई जाएंगी। इसके अतिरिक्त, दो लंबी दूरी की बसें करसोग-हरिद्वार और करसोग-दिल्ली यात्रियों की सुविधा के लिए सुन्नी के नजदीक उपलब्ध रहेंगी।
पांवटा उपमंडल के सभी शिक्षण संस्थान आज बंद
भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए प्रशासन में पांवटा उपमंडल के सभी शिक्षण संस्थानों में आज अवकाश घोषित किया गया है। लेकिन विपरीत परिस्थितियों में स्कूल स्टाफ को अवकाश नहीं मिला है। ऐसे में अपनी जान को जोखिम में डालकर कुछ शिक्षक स्कूल पहुंचे। क्षेत्र के बुद्धिजीवियों व विभिन्न संगठनों ने विभाग के इस फैसले पर हैरानी भी जताई है। राजकीय प्राथमिक केंद्रीय पाठशाला कुडला खरग के स्कूल स्टाफ ने विषम परिस्थितियों के बीच जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचा।
कुल्लू-मंडी हाईवे दो दिनों से बंद, सैकड़ों वाहन फंसे
कुल्लू-मंडी हाईवे दो दिनों से बंद चल रहा है जिस कारण कुल्लू जिला से दूसरे जिलों और राज्यों की ओर जाने और प्रवेश करने वाले वाहन औट, पनारसा, टकोली, बजौरा क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में फंसे हुए हैं। इन स्थानों पर चार से पांच किलोमीटर की लंबी लाइनें लगी हुई हैं। बजौरा क्षेत्र में पर्यटकों के साथ जरूरी काम से आने जाने वाले लोगों के वाहन शामिल हैं जबकि फल और सब्जी से भरे वाहन फोरलेन पर खड़े किए गए हैं। बजौरा क्षेत्र में फंसे पर्यटक और अन्य यात्री परेशान हैं। लोगों ने रात वाहनों के भीतर ही गुजारी जबकि कुल्लू-मंडी की सीमा पर सोमवार को भी बारिश जारी रही। ऐसे में यात्रियों और पर्यटकों की समस्या और ज्यादा बढ़ गई है। पर्यटक वाहनों के साथ फल-सब्जी से भरे ट्रक, जीपें भी फंसी हैं। कुल्लू से मंडी की ओर जाने वाले वाहनों के फंस जाने से किसानों-बागवानों और कारोबारियों का फल और सब्जी उत्पाद सड़कों पर ही फंस गए हैं। इस कारण उन्हें नुकसान हो रहा है। कुल्लू-मंडी मार्ग बार-बार बंद हो रहा है। इससे सेब उत्पादक क्षेत्र के लाेगों की चिंताएं साफ दिखाई दे रही हैं। इतना ही नहीं जिन व्यापारियों ने जिला की सब्जी मंडियों में सेब, टमाटर और अन्य उत्पाद खरीद रखे हैं। उन्हें समय पर देश की बड़ी मंडियों में न पहुंचने के कारण घाटा उठाना पड़ सकता है।
सैंज-लारजी मार्ग पर दरकी पहाड़ी, वाहनों की आवाजाही ठप
जिला कुल्लू की सैंज घाटी को जोड़ने वाली लारजी-सैंज सड़क भूस्खलन होने से बंद पड़ गई है। सोमवार सुबह के समय पागल नाला के पास पहाड़ी से काफी मात्रा में मलबा और पत्थर सड़क पर आ गए हैं। इस कारण मार्ग में वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। इस मार्ग में अलग-अलग स्थानों में भी मलबा सड़क पर आया है।
भंडारण गांव में भूस्खलन से मकान हुआ क्षतिग्रस्त
बिलासपुर में लगातार हो रही बारिश से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है, जिससे सड़कों के साथ कई घरों को भी नुकसान हुआ है। श्री नयना देवी के गांव भंडारण में सोमपाल के मकान पर चट्टानें व मलबा गिर गया। मकान को काफी नुकसान पहुंचा है। सोमपाल ने बताया है कि वह गरीब परिवार से हैं। बड़ी मुश्किल से यह मकान बनाया था, लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन के चलते मकान को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने प्रशासन और सरकार से मदद की अपील की है।
35 घंटे बाद बहाल हुआ किरतपुर-मनाली फोरलेन
लगातार बारिश और भूस्खलन से ठप चल रहा किरतपुर-मनाली फोरलेन लगभग 35 घंटे बाद कड़ी मशक्कत से सोमवार दोपहर करीब 3:00 बजे यातायात के लिए बहाल हुआ। मार्ग पंडोह से लेकर नगवाई तक कई स्थानों पर भारी भूस्खलन से पूरी तरह अवरुद्ध हो गया था। अभी कई जगहों पर यातायात केवल एकतरफा ही बहाल हो पाया है। ऐसे में जाम की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि व्यवस्था के लिए पुलिस जवान तैनात है। एनएच करीब 35 घंटे बाद बहाल होने से फंसे मालवाहक वाहनों के चालकों ने राहत की सांस ली। वाहन चालक बार-बार एनएच खुलने का अपडेट ले रहे थे, लेकिन मायूसी हाथ लग रही थी। मूसलाधार बारिश के कारण रविवार सुबह 4:00 बजे से पंडोह डैम के पास, कैंची मोड़, जोगणी मोड़, हनोगी ब्रिज, झलोगी और थलौट (शालानाला) में पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर और मलबा गिरने लगा, जिससे मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई की मशीनों ने मलबा हटाने का कार्य शुरू किया, लेकिन लगातार गिरते पत्थरों के कारण राहत कार्यों में भारी बाधा आई।
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