खुलासा: जीएसटी रिटर्न फाइल रिश्वतकांड में अधीक्षक भी संलिप्त, फोरेंसिक जांच में सामने आया नाम
विजिलेंस की टीम को आरोपी अंशुल धीमान के साथ एक अन्य अधिकारी की फोन पर हुई बातचीत की ऑडियो हाथ लगी है। फोरेंसिक जांच के बाद पाया गया कि ऊना का अधीक्षक नागेश शर्मा भी इसमें संलिप्त है।
विस्तार
केंद्रीय वस्तु और सेवा कर विभाग (सीजीएसटी) ऊना ने 50 हजार की नकदी के साथ 30 सितंबर को पकड़े गए इंस्पेक्टर अंशुल धीमान मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। विजिलेंस की टीम को आरोपी अंशुल धीमान के साथ एक अन्य अधिकारी की फोन पर हुई बातचीत की ऑडियो हाथ लगी है। फोरेंसिक जांच के बाद पाया गया कि ऊना का अधीक्षक नागेश शर्मा भी इसमें संलिप्त है। पूछताछ में अंकुश ने खुलासा किया कि जीएसटी रिटर्न फाइल करने के नाम पर जो लेनदेन हुआ है, उसमें उतना ही हिस्सा अधीक्षक का भी है। आरोप है कि 1.71 लाख रुपये अधीक्षक भी ले चुका है। विभागीय सूत्रों की मानें तो अब विभाग में जीएसटी रिटर्न फाइल करने के नाम पर और खुलासे होने की संभावना है।
विजिलेंस की टीम ने दी दबिश
जिस स्तर पर यह कार्रवाई विजिलेंस विभाग की ओर से अमल में लाई गई है, इसके बाद अधीक्षक बिलासपुर निवासी नागेश शर्मा के ठिकानों पर भी विजिलेंस की टीम ने दबिश दी है। उसका चंडीगढ़ में तीन कमरों के सेट का तीन मंजिला मकान है। इसकी उसने दो साल पहले की मार्केट वेल्यू 40 लाख दर्शाई है। जबकि यह भवन वर्तमान में एक करोड़ से अधिक की लागत का अनुमानित है। पूछताछ में खुलासा हुआ है है कि तीन साल पहले ऊना में ही नागेश तैनात था और कुछ समय के लिए दूसरे जिले में पदोन्नत होने की सूरत में ट्रांसफर हुआ। इसके बाद फिर से ऊना में आ गया। विजिलेंस की ओर से इस मामले में अधीक्षक को अदालत में पेश किया गया और पांच दिन की पुलिस रिमांड की अदालत के समक्ष मांग रखी। लेकिन, अदालत ने न्यायिक हिरासत पर रखने के आदेश सुनाए हैं।
आने वाले दिनों में होंगे अहम खुलासे : एसपी
विजिलेंस विभाग की पुलिस अधीक्षक आदिति सिंह ने कहा कि जीएसटी रिटर्न फाइल करने के मामले में पकड़े गए आरोपी इंस्पेक्टर अंशुल धीमान से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। इसमें पहली गाज विभाग की अधीक्षक नागेश शर्मा पर गिरी है। और खुलासे आने वाले दिनों में होंगे। इस कार्रवाई को डीएसपी फिरोज खान की टीम ने अंजाम दिया है। अंशुल ने एक्साइड बैटरियों के एक सप्लायर से जीएसटी रिटर्न फाइल के बदले में 1,25,000 रुपये की मांग की थी। आरोपी के घर में विजिलेंस ने 1.71 लाख रुपये बरामद किए थे, जो इसी लेनदेन की एवज में लिए गए थे।