हिमाचल में भारी बारिश का कहर: एनएच समेत 123 सड़कें बंद, सात मकान क्षतिग्रस्त, मक्की तबाह
हिमाचल प्रदेश में 22 घंटों के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में बादल झमाझम बरसे। बारिश की वजह से जिला किन्नौर में पोवारी के पास पत्थर गिरने से एनएच-5 सहित प्रदेश भर में 123 सड़कों पर यातायात बंद है।
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हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात करीब 12:00 बजे से जारी बारिश गुरुवार रात 10:00 बजे तक जारी रही। 22 घंटों के दौरान प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बादल झमाझम बरसे। बारिश की वजह से गुरुवार को जिला किन्नौर में पोवारी के पास पत्थर गिरने से एनएच-5 सहित प्रदेश भर में 123 सड़कों पर यातायात बंद ठप रहा। शिमला जिला में सबसे अधिक 55, सिरमौर में 33, मंडी में 12, कुल्लू और कांगड़ा में छह-छह, हमीरपुर में पांच, बिलासपुर में चार और सोलन जिला में दो सड़कें बंद रहीं। प्रदेश में सात कच्चे मकान और नौ गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। रोहतांग और किन्नौर में ताजा बर्फबारी हुई है। कई जिलों में पक चुकी मक्की की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
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कुल्लू व लाहौल-स्पीति में चार दिनों से बारिश का दौर जारी है। गुरुवार को सेब व अनार का तुड़ान नहीं हो सका। बारिश के कारण खेतों में तैयार मक्की व सब्जियों का तुड़ान भी रुक गया है। कांगड़ा में पक चुकी धान की फसल को नुकसान हुआ है। ऊना में इस बार आलू की बिजाई के समय से ही बारिश हो रही है। खेतों में जल भराव हो गया है। अधिक नमी से बीज खराब होने की आशंका है। वहीं, कालका-शिमला एनएच पर आधा दर्जन क्षेत्रों में पहाड़ियां दरक रही हैं। प्रदेश के मुख्य द्वार परवाणू के समीप भी पहाड़ी से पत्थर गिरते रहे। सोलन में रामशहर-शिमला मार्ग सिलणू पुल के समीप मलबा आने से पांच घंटे बंद रहा। गुरुवार को प्रदेश के अधिकतम तापमान में सात डिग्री की कमी दर्ज की गई है। शुक्रवार को भी बारिश का दौर जारी रहने के आसार हैं। 27 सितंबर तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है।
बारिश (मिलीमीटर में)
नयनादेवी 76
झंडूता 60
पालमपुर 40
राजगढ़ 36
रेणुका 35
नालागढ़ 34
कंडाघाट 32
बिलासपुर 26
सोलन 22
भोरंज 20
कोटखाई 19
गोहर 18
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शिमला शहर में भूस्खलन से सड़कें बंद, कई भवनों को खतरा
वहीं, राजधानी में भारी बारिश के चलते शहर के कई इलाकों में भूस्खलन होने और पेड़ गिरने से भारी नुकसान हुआ है। शहर में कई सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं। ऐतिहासिक रिज मैदान पर भी बारिश के कारण दरारें और बढ़ गई हैं। दरारों में लगातार बारिश का पानी रिसने से इसके ढहने का खतरा बढ़ गया है। शहर में कई जगह नालों का मलबा सड़क और रिहायशी इलाके में घुस गया।
जाखू में जोधा निवास के पास भूस्खलन के कारण सड़क को खतरा पैदा हो गया है। बैनमोर वार्ड के फ्लावरडेल में भूस्खलन से सड़क बंद हो गई है। पंथाघाटी वार्ड में भी भूस्खलन के चलते कई भवनों को खतरा पैदा हो गया है। कनलोग में दुर्गा मंदिर के समीप डंगे में दरारें पड़ गई हैं। यहां दो पेड़ भी गिरने की कगार पर हैं। समरहिल और ईदगाह के पास बिजली लाइन पर पेड़ ढहने से इन इलाकों में बिजली गुल हो गई। वन विभाग की टीमों ने बारिश के बीच काम कर बिजली लाइन से पेड़ हटा दिए हैं।