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HP Panchayat Election: कैबिनेट के निर्णय से राज्य चुनाव आयोग, सरकार में बढ़ सकता टकराव, जानें पूरा मामला

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला। Published by: Krishan Singh Updated Tue, 25 Nov 2025 10:05 AM IST
सार

कैबिनेट की बैठक में सरकार ने पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन को मंजूरी दी है। दूसरी ओर राज्य निर्वाचन आयोग पंचायतों की पुरानी परिधि के आधार पर चुनाव करवा रहा है।

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HP Panchayat Election: The cabinet decision could lead to a conflict between the State Election Commission and
मंत्री जगत सिंह व अनिरुद्ध सिंह, राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश में पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन के फैसले के बाद राज्य में नई पंचायतें बनाई जा सकती हैं। पुनर्गठन से सीमाएं इधर से उधर होंगी। दरअसल, सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि प्रदेश में कई ऐसी पंचायतें हैं जो लगातार महिलाओं के लिए ही आरक्षित चल रही हैं, कई पंचायतों के वार्ड इधर से उधर भी हुए हैं। इससे विकास खंड मुख्यालय भी दूर हुआ है। प्रस्तावों के बाद प्रदेश सरकार ने उपायुक्तों को पंचायतों की सीमाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में सरकार ने पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन को मंजूरी दी है। दूसरी ओर राज्य निर्वाचन आयोग पंचायतों की पुरानी परिधि के आधार पर चुनाव करवा रहा है। 

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निर्वाचन आयोग और प्रदेश सरकार के बीच बढ़ सकता है टकराव
 कैबिनेट के निर्णय के बाद राज्य निर्वाचन आयोग और प्रदेश सरकार के बीच टकराव बढ़ सकता है। राज्य में 30 पंचायतों और 5 विकास खंडों का पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन के प्रस्ताव आए हैं। विकास खंडों में हमीरपुर के तीन और ऊना के दो खंड के लोगों ने पुनर्गठन की मांग की है। प्रदेश में वर्तमान में ग्राम पंचायतों की संख्या 3,577 है। उल्लेखनीय है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता की धारा 12.1 के तहत प्रदेश में पंचायतों के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन पर रोक लगाई है। इसमें कहा गया है कि अब प्रदेश में पंचायतों की सीमाओं, क्षेत्र, संरचना या वर्गीकरण में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकेगा। यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। आयोग ने सभी विभागों और प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। अब कैबिनेट की ओर से वार्डों के पुनर्गठन और सीमांकन को लेकर लिए गए फैसले से प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच टकराव बढ़ सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। बैलेट पेपर की छपाई की गई है।

अधिकारियों को चुनाव सामग्री उठाने के दिए हैं निर्देश 
जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव सामग्री उठाने के निर्देश दे दिए हैं। अब मतदाता सूचियां नए सिरे से बनानी पड़ेगी। पंचायतों के पुनर्गठन की मंजूरी के बाद नए सिरे से पंचायतों की सीमाओं में बदलाव के लिए लोगों से आवेदन मांगे जा सकते हैं। इसके लिए लोगों को समय दिया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल 31 जनवरी 2026 को पूरा होने जा रहा है। 50 शहरी निकायों का कार्यकाल 18 जनवरी को पूरा होगा। वहीं  आयोग के निर्देशों के बाद जिला निर्वाचन अधिकारियों ने चुनाव सामग्री उठानी शुरू कर दी है। सोमवार को तीन जिलों के उपायुक्तों ने लेखन एंव मुद्रण (प्रिंटिंग प्रेस) घोड़ाचौकी से चुनाव सामग्री उठाई। लाहौल स्पीति, किन्नौर और कुल्लू इसमें शामिल हैं। सुबह ही चुनाव की सामग्री उठाने के लिए प्रिंटिंग प्रेस कार्यालय में वाहन भेजे थे।

पंचायतों का पुनर्गठन और सीमांकन के चलते नई पंचायतें भी बन सकती हैं। जहां तक आयोग की ओर से पंचायतों के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन पर रोक की बात है, यह सरकार के आधार क्षेत्र में है। राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव करवाता है।- सी. पालरासू, पंचायती राज सचिव

पुनर्सीमांकन और पुनर्गठन दोबारा से होना है, प्रस्ताव आते हैं तो नई पंचायतें भी बनेंगी। प्रदेश में आपदा एक्ट लगा है। उस हिसाब से ही चुनाव होंगे। - जगत नेगी राजस्व मंत्री

मामला अर्धन्यायिक है। 22 को कोर्ट में पेशी है। जैसे भी इस बारे में कोई फैसला होगा। करेगी। -अनिरुद्ध सिंह पंचायतीराज मंत्री

 

पुनर्गठन हुआ तो चार से छह महीने आगे सरक सकते हैं चुनाव : खाची
राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची ने बताया कि हिमाचल में अगर पंचायतों का पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन होता है तो पंचायत चुनाव स्वाभाविक रूप से चार से छह महीने आगे जा सकते हैं। मंत्रिमंडल के फैसले के बारे में तब तक कुछ नहीं कह सकते, जब तक कुछ लिखित में सरकार की ओर से आयोग के पास नहीं आ जाता है।

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