लापता युवकों का नहीं लगा सुराग, सियाचिन से पहुंचा रेस्क्यू दल
- खोजी दस्ते में आठ जवान, दस पर्वतारोही और 15 मजदूर शामिल
- धनछो बेस कैंप में रुकेंगे जवान
- शुक्रवार सुबह छह बजे से 12 बजे तक चलेगा सर्च अभियान

विस्तार
मणिमहेश में लापता डलहौजी के दो युवकों की खोज के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से लैस सियाचिन का दस्ता ग्लेशियर में दबे युवकों की मौजूदगी का पता लगाएगा और इस दस्ते के साथ रवाना हुए पर्वतारोहण संस्थान भरमौर के दस पर्वतारोही सेना का साथ देंगे। अब इस सारे ऑपरेशन की उम्मीद शुक्रवार पर ठहर गई है।

सियाचिन से सेना का आठ सदस्यीय दल वीरवार दोपहर करीब एक बजे भरमौर हेलीपैड पर उतरा और इसके बाद सभी जवान हड़सर और बेस कैंप धनछो के लिए रवाना हो गए। इस दल के देर शाम तक धनछो पहुंच जाने की संभावना है।
इस दल के साथ प्रशासन ने 15 स्थानीय मजदूर भी भेजे हैं जो टैंट लगाने और खुदाई के काम में जवानों की मदद करेंगे। जिसके बाद दल के सदस्य शुक्रवार तड़के खोजी अभियान शुरू करेंगे और यह अभियान दोपहर 12 बजे तक चलेगा।
खाली हाथ लौटा पहला खोजी दस्ता

इस छह घंटे की अवधि के दौरान यदि लापता युवकों का पता चल पाया तो उस जगह की खुदाई शुरू कर दी जाएगी और पता नहीं चला तो अभियान को शनिवार के लिए टाल दिया जाएगा। लापता दोनों युवकों के परिजनों की नजरें और सारी उम्मीद अब सेना के इस आठ
सदस्यीय खोजी दस्ते पर लगी हैं। उधर, दोनों युवकों के सकुशल लौटने की दुआएं उनके उनके परिजन मांग रहे हैं। मंगलवार को धनछो की चढ़ाई चढ़ने वाले खोजी दस्ते के सभी 30 सदस्य हड़सर वापस लौट आए हैं।
पर्वतारोही देंगे सेना का साथ: गौतम ठाकुर

इस दल में सेना, पुलिस और स्थानीय लोगों समेत जीवित बचे तीनों युवक भी शामिल हैं। इस खोजी दस्ते को दो दिन के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और अब पूरे ऑपरेशन की कमान सियाचिन से भरमौर पहुंचे जवानों पर है। पर्वतारोहण संस्थान भरमौर के
प्रभारी गौतम ठाकुर ने बताया कि दस सदस्यीय दल धनछो बेस कैंप के लिए रवाना कर दिया गया है। यह दल सियाचिन से आए जवानों के साथ रहेगा और खोज अभियान में उनकी मदद करेगा। उन्होंने बताया कि दल के सभी सदस्य पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं और किसी भी माहौल में खुद को ढालना जानते हैं।