10 दिन से इलाके में बिजली गुल, जेनरेटर में डीजल नहीं, युवाओं की नौकरी दांव पर

सेना में चयनित छह युवाओं की होली क्षेत्र के बिजली गुल होने से परेशानी बढ़ गई है। वे अपने प्रमाणपत्र नहीं बना पा रहे हैं। युवाओं ने बताया कि वे वीरवार को भी उप तहसील कार्यालय में विभिन्न प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचे थे, लेकिन बिजली न होने से प्रमाण पत्र नहीं बने।

होली क्षेत्र के छह युवाओं का चयन भारतीय सेना में हुआ है। सेना प्रबंधन ने विभिन्न प्रमाण पत्रों सहित औपचारिकताएं पूरा करने को 17 फरवरी तक समय दिया है, लेकिन बिजली न होने से इनकी परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। युवाओं में जॉनी और ज्ञान चंद ने बताया कि वीरवार को भी उनके प्रमाण पत्र नहीं बने।
उन्होंने भरमौर प्रशासन से मांग की है कि जल्द बिजली आपूर्ति बहाल की जाए। वहीं, उपतहसील कार्यालय होली में बिजली की समस्या से निपटने को जेनरेटर तो है, लेकिन यह भी शोपीस बनकर रह गया है। इसमें डीजल नहीं है।
उधर, नायब तहसीलदार पुरुषोत्तम ठाकुर का कहना है कि आठ दिन से लाइट नहीं है। सिस्टम बंद पड़ा हुआ है। उन्होंने माना कि जेनरेटर है, लेकिन डीजल न होने के कारण काम नहीं कर रहा है।
70 मार्गों पर अब भी नहीं दौड़ पाए वाहन

चंबा जिले में रिकॉर्डतोड़ बर्फबारी के बाद हालात अभी तक सामान्य नहीं हो पाए है। जिले के अभी भी करीब 70 मार्गों पर वाहनों की आवाजाही ठप है तो वहीं एक हजार ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। जिला मुख्यालय, डलहौजी व सलूणी मुख्यालय को छोड़ दिया जाए तो भरमौर, पांगी, तीसा व मैहला ब्लॉक के तहत आती करीब दो दर्जन पंचायतों में अंधेरा पसरा हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अंधेरे और ठंड में ठिठुरते हुए ही समय व्यतीत करना पड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला में बीते दिनों पांगी में 91.44 सेंटीमीटर, भरमौर में 91.44 सेंटीमीटर, तीसा क्षेत्र में 48.76 सेंटीमीटर, डलहौजी क्षेत्र में 30.48 सेंटीमीटर, सलूणी क्षेत्र में 25.4 सेंटीमीटर और चंबा-जोत मार्ग पर 109.72 सेंटीमीटर बर्फ गिरी है। हालांकि पिछले चार दिनों से लगातार धूप निकल रही है।
लेकिन अभी तक जिला में हालात सामान्य नहीं हो पाए है। गौरतलब है कि भारी बर्फबारी के कारण तीसा उपमंडल में करीब पांच सौ पेड़ गिरने से जहां आवाजाही अवरुद्ध हुई है तो वहीं दूसरी तरफ बिजली की तारों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं सलूणी क्षेत्र में भी ऐसी ही स्थिति है। यहां भी बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं। कुल मिलाकर जिला में चार दिनों के बाद व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट पाई है।
उपायुक्त चंबा हरिकेश मीणा ने बताया कि 70 मार्ग अभी तक बहाल नहीं हुए हैं। इन मार्गों पर मशीनरी जुटी है। बिजली आपूर्ति भी जल्द बहाल करने में कर्मचारी जुटे हैं। ट्रांसफार्मरों को दुरुस्त किया जा रहा है।
बिजली जल्द बहाल करें अफसर

भरमौर (चंबा)। जिलाधीश चंबा हरीकेश मीणा ने जनजातीय क्षेत्र भरमौर उपमंडल में भारी हिमपात के बाद सड़क और विद्युत आपूर्ति की जल्द बहाली को लेकर भरमौर प्रशासन के साथ जायजा लिया। उपायुक्त मीणा ने विद्युत बोर्ड के अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि भरमौर की 33केवी विद्युत लाइन को जल्द बहाल किया जाए।
इस दौरान उन्होंने बिजली के खंभों की मांग और अन्य उपकरणों के लिए ब्योरा तलब किया। इस पर सहायक अभियंता विद्युत बोर्ड ने बताया कि भरमौर उपमंडल के लिए 80 बिजली खंभों की मांग है। इस पर उपायुक्त ने बोर्ड के उच्च अधिकारियों को चंबा से बग्गा तक बड़े वाहनों में ढुलाई के लिए तथा बग्गा डैम से छोटे वाहनों से वीरवार से बिजली के खंभों को भरमौर के विभिन्न स्थलों के लिए आपूर्ति करने के लिए आदेश दिए हैं।
डीसी ने कहा कि अगर मौसम का साथ रहा तो 5 से 6 दिनों के भीतर भरमौर उपमंडल में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी उपायुक्त ने लोगों को इस कार्य में सहयोग करने के लिए भी बात कही। इससे पहले उपायुक्त ने बग्गा डैम के पास सड़क का भी जायजा लिया। मौके अवसर पर मौजूद एनएचपीसी दो के जनरल मैनेजर आलोक कुमार को निर्देश दिए कि इस जगह सड़क को जल्द मोटर योग्य किया जाए।
जनरल मैनेजर आलोक कुमार ने उपायुक्त को आश्वस्त करते हुए कहा कि 15 से 20 दिन के भीतर स्थल को भारी वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। इस मौके पर मौजूद एनएच के अधिशासी अभियंता दिवाकर पठानिया ने बताया कि भरमौर तक मार्ग को हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया है। बड़े वाहनों के लिए मार्ग की बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है।
भरमौर रेस्ट हाउस में डीसी ने भरमौर प्रशासन से भारी हिमपात के बाद हुए सड़क, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया। इस मौके पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर पीपी सिंह, अधिशासी अभियंता इंद्र कुमार उत्तम, खंड विकास अधिकारी किशन ठाकुर, आईपीएच विभाग के सहायक अभियंता शरती कुमार सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
हजारों लोग बर्फ पिघला कर पानी पीने को मजबूर
सलूणी (चंबा)। भारी बर्फबारी से ठप पड़ी नाडू-लुहानी पेयजल योजना 15 दिन बाद भी बहाल नहीं हो पाई है। इसकी वजह से दो दर्जन पंचायतों में रहने वाली हजारों की आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण बर्फ पिघलाकर पीने के पानी का जुगाड़ कर रहे हैं क्योंकि पानी को लेकर उनके पास दूसरा और कोई भी विकल्प नहीं है। पेयजल स्रोत बर्फ में दब चुके हैं।
पेयजल योजना के पाइप ठंड से जम चुके हैं, जिसकी वजह से पाइपों में पेयजल की सप्लाई नहीं हो रही है। गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। ग्रामीणों चैन लाल, देवी प्रसाद, चमन सिंह, किशोर, नारायण सिंह, हंसराज, कमल किशोर, रवि कुमार और जितेंद्र ने बताया कि 15 दिन पहले क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई। इसकी वजह से बिजली-पानी की आपूर्ति क्षेत्र में बाधित हो गई।
बिजली की सप्लाई दस दिन बाद ज्यादातर पंचायतों में बहाल हो चुकी है जबकि पेयजल सप्लाई अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। इससे ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। ग्राम पंचायत किलोड़, खरल, सूरी, सलूणी, सिंगाधार सहित अन्य पंचायतों में अभी तक पेयजल आपूर्ति ठप है। हालांकि, विभागीय कर्मचारी सप्लाई को बहाल करने में लगे हुए हैं। आईपीएच विभाग के अधिशासी अभियंता सरवन कुमार ने बताया कि सलूणी में एक पेयजल पाइप लाइन सुचारु करवा दी गई है। उपरोक्त पेयजल लाइन भी जल्द सुचारु कर दी जाएगी।
कल्हेल के एक दर्जन गांवों में 15 दिन से ब्लैक आउट

चंबा। ग्राम पंचायत कल्हेल के एक दर्जन गांवों में 15 दिन से ब्लैक आउट है। इसकी वजह से ग्रामीण काफी परेशान हैं। बर्फ के बीच ठंडी रातें अंधेरे में काटनी पड़ रही हैं। बिजली बोर्ड पंचायत की बिजली सप्लाई को अभी तक बहाल नहीं कर पाया है। पंचायत के मलाल, कलाक, कुटार, मलोगा, भाली, मुवाड़ी, राख और भुटकर सहित अन्य गांवों में बिजली की सप्लाई बंद पड़ी है। रात को रोशनी करने के लिए दीया जलाना पड़ रहा है।
जबकि, ठंड से बचने के लिए हीटर का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह से उन्हें ठंड में ठिठुरना पड़ रहा है। पंचायत प्रधान देसराज और ग्रामीणों लेख राज, बबलू, विरेंद्र सिंह, चमन सिंह, योग राज और कमनेश ने बताया कि बर्फबारी कल्हेल पंचायत के बाशिंदों के लिए किसी आफत से कम नहीं है। क्योंकि बर्फबारी होने से पंचायत में बिजली के खंभे और बिजली लाइनें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं।
इससे पंचायत के गांवों में 15 दिनों से बिजली आपूर्ति बाधित पड़ी है। बोर्ड के कर्मचारी क्षतिग्रस्त लाइनों को दुरुस्त करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके प्रयास सार्थक नहीं हो पा रहे हैं। छात्रों की वार्षिक परीक्षाएं सिर पर हैं। ऐसे में बिजली न होने से छात्र रात को अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और बोर्ड से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करने की मांग की है। बोर्ड के सहायक अभियंता रोशन लाल ने बताया कि पंचायत की बिजली सप्लाई बहाल करने की पूरी कोशिश की जा रही है।