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Himachal: स्कूल प्रवक्ता की नौवीं, दसवीं में पढ़ाते समय खींची जाएगी फोटो, जानिए पूरा मामला

प्रवीण प्रकाश कुमार, धर्मशाला। Published by: Krishan Singh Updated Fri, 07 Nov 2025 12:16 PM IST
सार

 प्रदेश में शिक्षण कार्यों की जांच अब डिजिटल तरीके से होगी। इसमें यह देखा जाएगा कि स्कूल लेक्चरर सच में नौवीं और दसवीं के बच्चों को पढ़ा रहे हैं या नहीं। 

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School lecturers photo will be taken while teaching in Class 9 and 10; know the full story
शिक्षक( सांकेतिक) - फोटो : Freepik
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश में शिक्षण कार्यों की जांच अब डिजिटल तरीके से होगी। इसमें यह देखा जाएगा कि स्कूल लेक्चरर सच में नौवीं और दसवीं के बच्चों को पढ़ा रहे हैं या नहीं। शिक्षा विभाग ने मॉनीटरिंग का नया तरीका अपनाया है। अब लेक्चरर के पढ़ाते समय फोटो खींचकर भेजनी होगी। यह फोटो संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य की ओर से जिले के शिक्षा उपनिदेशक को भेजी जाएगी, ताकि विभाग हर कदम पर नजर रख सके।  यह व्यवस्था इसलिए भी जरूरी बताई जा रही है कि ताकि टीजीटी के पद खाली होने पर बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।

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दरअसल, नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत यह प्रावधान किया गया है कि स्कूल लेक्चरर 11वीं-12वीं ही नहीं बल्कि नौवीं और दसवीं की कक्षाएं भी पढ़ाएंगे। केंद्र सरकार 2030 तक इस नीति को पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। शुरुआत में प्रदेश के कई स्कूल लेक्चरर इस निर्णय का विरोध कर चुके हैं। उनका कहना था कि यह उनके नियमित कार्यक्षेत्र से बाहर की जिम्मेदारी है। लेकिन अब विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि जो पढ़ाएगा, वही दिखेगा। कांगड़ा जिला उच्चत्तर शिक्षा उपनिदेशक ने सभी स्कूल प्रधानाचार्यों को लिखित निर्देश जारी किए हैं।

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आदेशों में कहा गया है कि यदि स्कूल लेक्चरर नौवीं दसवीं को पढ़ा रहे हैं तो पढ़ाते हुए छायाचित्र भेजें। यदि नहीं पढ़ा रहे हैं तो कारण स्पष्ट करें। साथ ही यह भी बताया जाए कि कांप्लेक्स स्कूलों का संचालन और आदेशों का क्रियान्वयन सुचारू रूप से हो रहा है या नहीं। इसके अतिरिक्त विभाग ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी कक्षा की पढ़ाई बाधित न हो और टीजीटी तथा लेक्चरर के स्तर पर आवश्यक प्रतिनियुक्तियां समय पर की जाएं। नई मॉनीटरिंग व्यवस्था से उम्मीद है कि स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था और अधिक पारदर्शी व जवाबदेह बनेगी।

अगर किसी स्कूल में अध्यापक छुट्टी पर चला जाए तो वहां बच्चों की पढ़ाई बाधित होती थी। बच्चों की सुविधा के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है। स्कूल लेक्चरर अब केवल ग्यारहवीं-बारहवीं ही नहीं, बल्कि नौवीं और दसवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों को भी पढ़ाएंगे। - कमलेश कुमारी, उपनिदेशक, उच्चतर शिक्षा विभाग कांगड़ा

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