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Student Union Election: छात्र संघ चुनाव बहाली पर बीस अगस्त तक साफ होगी तस्वीर, प्रतिबंध हटाने की उठने लगी मांग

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला Published by: अंकेश डोगरा Updated Thu, 08 Aug 2024 09:54 PM IST
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सार

हिमाचल में छात्र संघ चुनाव की बहाली को लेकर छात्र संगठन सरकार पर दबाव बना रहे हैं। छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री तक के पद तक पहुंचे सुखविंद्र सिंह सुक्खू से छात्र संगठनों को पूरी उम्मीद है कि वे प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव बहाली पर इस बार फैसला लेंगे।

When will student union elections be resumed in Himachal Pradesh
छात्र संघ चुनाव। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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एचपीयू, एसपीयू और कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव की बहाली को लेकर छात्र संगठन सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बना रहे हैं। कॉलेजों और विवि में नए सत्र की कक्षाएं शुरू होने के साथ ही छात्र संगठन चुनाव बहाली की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन करना शुरू हो गए हैं। छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री तक के पद तक पहुंचे सुखविंद्र सिंह सुक्खू से छात्र संगठनों को पूरी उम्मीद है कि वे प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव बहाली पर इस बार फैसला लेंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय में पूर्व छात्र संघ के मैत्री सम्मेलन में पूछे गए सवाल के जवाब में इस पर जल्द विचार कर फैसला लेने का बयान भी दिया है। उन्होंने समारोह में स्टेज पर माना था कि प्रदेश विवि से छात्र राजनीति से राजनेता नहीं निकल रहे है। इस बार मुख्यमंत्री 2014 में परिसरों में हुई हिंसा का हवाला देने कर प्रतिबंधित किए गए प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनावों की बहाली पर फैसला ले पाएंगे या नहीं इस पर सभी की निगाहें रहेंगी।

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हिमाचल प्रदेश विवि शिमला और मंडी विवि की बीस अगस्त तक संभावित खेल एवं पाठ्येतर परिषद की वार्षिक बैठक में जुटने वाले कॉलेजों के प्राचार्यों से इस बार भी छात्र संघ चुनाव पर राय ली जाएगी। उसके बाद चुनाव बहाली के संकेत मिल सकते हैं। आमतौर पर सरकार और विवि प्रशासन कॉलेज प्राचार्यों की राय को ही आधार बनाकर नौ साल से चुनावों पर लगी रोक को न हटाने का हवाला देती रही है। खेल एवं पाठ्योत्तर परिषद की इस बैठक में कुलपति कॉलेज प्राचार्यों से चुनाव बहाली पर राय लेंगे। सरकार की ओर संकेत मिले तो ही मामला ईसी में ले जा कर विवि छात्र संघ चुनाव बहाल करने के प्रस्ताव को लेकर जा मंजूरी दिलवाएगा।

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हिंसा का हवाला देकर लगा चुनाव पर प्रतिबंध
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह और पूर्व कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी के कार्यकाल में 2014 में एचपीयू और इससे संबद्ध कॉलेज परिसरों में छात्र गुटों के बीच हुई हिंसक घटनाओं के चलते प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव पर प्रतिबंध लगा था। इसके बाद आई भाजपा की सरकार और फिर से सत्तासीन हुई कांग्रेस की सरकार चुनाव बहाल करने का जोखिम नहीं ले पाई। इससे पूर्व 1986 से 1988 तक, 1994 से 1999 तक भी प्रदेश विवि और इससे संबद्ध कॉलेजों में प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनावों पर प्रतिबंध लगा था। 2014 के बाद से विवि में मेरिट आधार पर मनोनयन से ही एससीए गठन होता रहा है।

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