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Easter Sunday: उपहार में क्यों दिए जाते हैं एक दूसरे को रंग बिरंगे अंडे, जानिए रस्में

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: विनोद शुक्ला Updated Sun, 21 Apr 2019 10:48 AM IST
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easter day celebration 2019 know why egg easter is celebrated
easter day - फोटो : pixabay
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दुनियाभर में 21 अप्रैल को ईस्टर डे मनाया जाएगा। ईसाई समुदाय के लोग ईस्टर डे को बड़े ही धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाते है। ईसाई धर्म के लोगों की मान्यता है कि गुड फ्राइडे के तीन बाद  यानि संडे को ईसा मसीह सूली पर चढ़ने के बाद दोबारा जीवित हुए थे। इसकी खुशी में ईसाई समुदाय के लोग खुशियां मनाते हैं। प्रभु ईसा मसीह करीब 40 दिनों तक पृथ्वी पर रहे और अपने शिष्यों को प्रेम का पाठ पढ़ाया और अंत में स्वर्ग चले गए।

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ईस्टर पर ईसाई समुदाय के लोगों में अंडे का विशेष महत्व होता है। ईस्टर वाले दिन अंडों को विशेष रूप से सजाया जाता है। अंडों पर तरह-तरह की कलाकृतियां उकेरी जाती है। इस मौके पर लोग एक दूसरे को अंडे गिफ्ट में देते हैं। लोग अंडे को बहुत ही शुभ मनाते है क्योंकि अंडे में नया जीवन और नई उंमग  का संदेश छिपा हुआ होता है।
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ऐसी मान्यता है कि ईसा मसीह के दोबारा जीवित होते हुए सबसे पहले मरियम मगदलीनी नाम की महिला ने देखा था इसलिए महिलाएं ऊषाकाल में ईस्टर  की परंपरा निभाती है।

ईस्टर के दिन लोग चर्च और घरों को खूब सजाते हैं और प्रभु ईसा मसीह की प्रार्थना करते हैं। इस दिन मोमबत्तियां जलाना शुभ माना जाता है। 

प्रभु यीशु को क्यों लटकाया गया था सूली पर
ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार यीशु ईश्वर के अवतार थे। ईश्वर ने उन्हें पृथ्वी से अज्ञानता और अंधकार को मिटाने के लिए भेजा था। ईसा मसीह लोगों को ज्ञान की बातें और ईश्वर का बखान करते थे उस वक्त यहूदियों के कट्टरपंथी  धर्मगुरुओं ने यीशु का बहुत पुरजोर तरीके से विरोध किया। कट्टरपंथियों धर्मगुरुओं ने उस समय के रोमन गवर्नर पिलातुस से यीशु की शिकायत कर दी। रोमन साम्राज्य हमेशा इस बात से डरते थे कि कहीं यहूदी क्रांति न कर दें। इसी के चलते  यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया गया।

दी गई थी कठोर यातनाएं 
गुड फ्राइडे के दिन प्रभु ईसा को सूली पर लटकाए जाने से पहले उन्हें तमाम तरह की यातनाएं दी। उनके सिर पर कांटो का ताज पहनाया गया। फिर सूली को कंधों पर उठाकर ले जाने को कहा गया इस दौरान उन पर लगातार चाबुक बरसाए गए। फिर बेरहमी से कीलों से उनको सूली पर लटका दिया गया। कहते है कि करीब 6 घंटे वह सूली पर लटके रहे। बाइबिल के अनुसार जब प्रभु ईसा अपने प्राण त्याग रहे थे तो उन्होंने ईश्वर को पुकारकर कहा कि हे पिता मैं  अपनी आत्मा को तुम्हारे हाथों को सौंपता हूं। फिर उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।  इस दिन गिरजाघरों में ईसाई धर्म को मनाने वाले लोग सभी को ईसा मसीह की तरह इंसान से प्रेम और उनके अपराधों को माफ करने का संदेश देते हैं। 


 
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