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MahaKumbh 2025 Date: महाकुंभ शुरू, जानें अमृत स्नान की तिथियां और महत्व

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: श्वेता सिंह Updated Mon, 13 Jan 2025 09:51 AM IST
सार

Maha Kumbh 2025 Shahi Snan Date: महाकुंभ का आयोजन 12 साल बाद होता है जहां पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं।  महाकुंभ का आयोजन चार तीर्थ स्थानों पर ही किया जाता है। आज से महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। 

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Maha Kumbh 2025 Date Time Paush and Shahi Snan importance of Kalpwas
महाकुंभ का आयोजन 12 साल बाद होता है जहां पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं।  - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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Maha Kumbh 2025 Date: आज यानी 13 जनवरी 2024 से महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है।  हिन्दू धर्म के अनुयायियों का मानना है कि कुंभ मेले में स्नान करने से पिछले सारे पाप धुल जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ का आयोजन चार तीर्थ स्थानों पर ही किया जाता है। इसका आयोजन प्रयागराज के संगम , हरिद्वार में गंगा नदी, उज्जैन में शिप्रा नदी, और नासिक में गोदावरी नदी पर किया जाता है। 

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धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान पवित्र नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति को हर तरह के रोग-दोष और पापों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कब से कब तक लगेगा महाकुंभ ।

कहां लगेगा महाकुंभ? 
साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में हुआ है।  आपको बता दें महाकुंभ 12 साल में एक बार लगता है। 

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कब से कब तक लगेगा महाकुंभ ?
हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष पूर्णिमा यानी आज से  महाकुंभ आरंभ हो चुका है और महाशिवरात्रि के साथ ही यह समाप्त होगा।महाकुंभ 13 जनवरी से  26 फरवरी 2025 को समाप्त होगा। यह महाकुंभ पूरे 45 दिन तक रहेगा। 

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महाकुंभ 2025 अमृत स्नान की तिथियां 

13 जनवरी (सोमवार)- स्नान, पौष पूर्णिमा
14 जनवरी (मंगलवार)- अमृत स्नान, मकर सक्रांति
29 जनवरी (बुधवार)- अमृत स्नान मौनी अमावस्या
3 फरवरी (सोमवार)- अमृत स्नान, बसंत पंचमी
12 फरवरी (बुधवार)- स्नान, माघी पूर्णिमा
26 फरवरी (बुधवार)-  स्नान, महाशिवरात्रि

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महाकुंभ लगाने के लिए कैसा होता स्थान का चयन?
महाकुंभ लगने का निर्णय देवताओं के गुरु बृहस्पति और ग्रहों के राज्य सूर्य की स्थिति के हिसाब से किया जाता है। आइए जानते हैं किस स्थान पर मेला लगेगा इसका निर्णय कैसे होता है। 

हरिद्वार- जब देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि में और सूर्यदेव मेष राशि में होते हैं तब हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। 

उज्जैन- जब सूर्यदेव मेष राशि में और गुरु ग्रह सिंह राशि में होते हैं कुंभ मेले का आयोजन उज्जैन में किया जाता है। 

नासिक- जब गुरु गृह और सूर्य देव दोनों ही सिंह राशि में विराजमान रहते हैं तो महाकुंभ मेले का आयोजन स्थल नासिक होता है। 

प्रयागराज- जब गुरु ग्रह बृहस्पति वृषभ राशि में और ग्रहों के राजा मकर राशि में होते हैं तो महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया जाता है। 



डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। 

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