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Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन ये पांच चीजें चढ़ाने से मिलता है गणेश जी का आशीर्वाद
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Wed, 26 Nov 2025 07:18 AM IST
सार
शास्त्रों में बताया गया है कि गणेश पूजा में कुछ विशेष वस्तुओं का अत्यंत महत्व होता है। इन्हें अर्पित करने से भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त के जीवन से विघ्न-बाधाएँ दूर होती हैं।
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भगवान गणेश को मोदक अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें मोदकप्रिय भी कहा गया है।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, सिद्धि-बुद्धि के दाता और मंगलकर्ता माना गया है। शास्त्रों में बताया गया है कि गणेश पूजा में कुछ विशेष वस्तुओं का अत्यंत महत्व होता है। इन्हें अर्पित करने से भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त के जीवन से विघ्न-बाधाएँ दूर होती हैं। यहाँ पाँच ऐसी वस्तुओं का उल्लेख किया जा रहा है जिन्हें धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी को चढ़ाना अत्यंत शुभ माना गया है।
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1. दूर्वा घास – गणेश जी की सबसे प्रिय भेंट
दूर्वा को गणेश जी का हृदय-प्रिय माना गया है। गणेश पुराण में वर्णित कथा के अनुसार अनलासुर दैत्य को निगलने के बाद गणेश जी का शरीर अत्यधिक गर्म हो गया था। तब देवी-देवताओं ने उन्हें दूर्वा अर्पित की, जिससे उनके शरीर की तपन शांत हुई। तभी से दूर्वा को उन्हें चढ़ाने का विशेष महत्व माना गया। पूजा में 21 दूर्वाओं का एक गुच्छा चढ़ाने से मन की शांति, ग्रहदोषों का नाश, विद्या में वृद्धि और पारिवारिक सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
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2. मोदक – आनंद, बुद्धि और सम्पन्नता का प्रतीक
भगवान गणेश को मोदक अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें मोदकप्रिय भी कहा गया है। पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि देवताओं ने अनेक दिव्य व्यंजन अर्पित किए, पर मोदक उन्हें सबसे अधिक पसंद आया। मोदक ज्ञान, आनंद और सिद्धि का प्रतीक है। भक्त 21 मोदक चढ़ाकर गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त करते हैं। मोदक अर्पण से घर में लक्ष्मी का आगमन, कार्यों में सफलता और परिवार में सौहार्द बढ़ता है।
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3. सिंदूर – सौभाग्य और शक्ति का पवित्र स्वरूप
गणेश जी पर सिंदूर चढ़ाने की परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है। माना जाता है कि सिंदूर चढ़ाने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं, साहस बढ़ता है और जीवन की बाधाएँ शांत होती हैं। मंगलवार या चतुर्थी के दिन सिंदूर अर्पण अत्यंत फलदायी माना जाता है।
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4. लाल फूल – सकारात्मक ऊर्जा और मंगल का प्रतीक
गणेश जी की पूजा में लाल रंग के फूल विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं, खासकर लाल गुड़हल । लाल रंग उत्साह, साहस और ऊर्जा का प्रतीक है। पौराणिक विश्वास है कि लाल फूल चढ़ाने से मनोबल बढ़ता है, बाधाएँ दूर होती हैं और सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है। "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र जपते हुए लाल फूल अर्पित करने से मनोकामनाएँ शीघ्र पूरी होती हैं।
5. शमी पत्र – पौराणिक मान्यता में अत्यंत शुभ
शमी पत्र को भगवान गणेश के साथ-साथ भगवान शिव और देवी दुर्गा का भी प्रिय माना गया है। शमी का वृक्ष पवित्र, सात्त्विक और रक्षा देने वाला माना गया है। गणेश जी को शमी पत्र अर्पित करने से शत्रु बाधाएँ शांत होती हैं, व्यापार में उन्नति मिलती है और कठिन समस्याओं का समाधान मिलता है। धर्मग्रंथों में शमी पत्र को “विजय का प्रतीक” बताया गया है। विशेष रूप से गणेश चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी या बुधवार के दिन शमी पत्र अर्पित करने से अत्यंत शुभ फल मिलता है।

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