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Paush Amavasya 2025: कब है पौष अमावस्या?  जानें स्नान, दान और पूजा का शुभ मुहूर्त

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: श्वेता सिंह Updated Wed, 10 Dec 2025 12:12 AM IST
सार

Paush Amavasya Kab Hai : पौष अमावस्या 19 दिसंबर को पड़ रही है, जिसे पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। जानें इस पावन तिथि पर कौन-से उपाय और विधियां पितरों को प्रसन्न कर सकती हैं।

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Paush amavasya 2025 Puja Vidhi Shubh Muhurat Daan Upay in Hindi
Paush Amavasya Shubh Muhurat - फोटो : adobe stock
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विस्तार
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Paush Amavasya Shubh Muhurat: पौष माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या तिथि को पौष अमावस्या कहा जाता है। इस दिन स्नान और दान करना अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि इससे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि यह तिथि पितरों को याद करने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का विशेष अवसर देती है। इसी दिन लोग पितृ शांति के उपाय भी करते हैं ताकि जीवन में आशीर्वाद, समृद्धि और मानसिक शांति बनी रहे।

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कहा जाता है कि जब पितर नाराज़ होते हैं, तो पितृ दोष उत्पन्न होता है, जिससे जीवन में कई बाधाएं आने लगती हैं। इसलिए पौष अमावस्या पर निर्धारित समय के अनुसार पितरों को तर्पण, स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन का शुभ मुहूर्त, स्नान-दान का समय और पितरों को प्रसन्न करने की सही विधि जानना बेहद जरूरी माना जाता है।

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Paush amavasya 2025 Puja Vidhi Shubh Muhurat Daan Upay in Hindi
पौष अमावस्या तिथि - फोटो : adobe stock

पौष अमावस्या तिथि 
पंचांग के अनुसार इस वर्ष पौष माह की अमावस्या तिथि 19 दिसंबर, शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 59 मिनट से प्रारंभ होगी। यह तिथि अगले दिन 20 दिसंबर, शनिवार को सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि मानने के नियम के अनुसार पौष अमावस्या 19 दिसंबर को मानी जाएगी। इसलिए स्नान, दान और अमावस्या से जुड़े सभी शुभ कार्य भी इसी दिन किए जाएंगे।

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पौष अमावस्या स्नान-दान मुहूर्त - फोटो : अमर उजाला

पौष अमावस्या स्नान-दान मुहूर्त
पौष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:19 बजे से 6:14 बजे तक रहेगा। इस अवधि को स्नान और धार्मिक कर्मों के लिए सबसे शुभ माना जाता है। यदि किसी कारण से आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान नहीं कर पाते, तो सूर्योदय के बाद भी स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद अपनी सामर्थ्य के अनुसार अन्न, वस्त्र या जरूरत की अन्य चीजों का दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:58 बजे से 12:39 बजे तक रहेगा, जो दिन का शुभ समय माना जाता है। पौष अमावस्या पर लाभ-उन्नति का मुहूर्त सुबह 8:26 बजे से 9:43 बजे तक है, जबकि अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 9:43 बजे से 11:01 बजे तक रहेगा। ध्यान रखें कि उसी दिन राहुकाल 11:01 बजे से 12:18 बजे तक पड़ेगा—इस अवधि में कोई भी शुभ या नया कार्य करने से बचना चाहिए।

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शूल योग और ज्येष्ठा नक्षत्र में पौष अमावस्या - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

शूल योग और ज्येष्ठा नक्षत्र में पौष अमावस्या
पौष अमावस्या के दिन विशेष योग और नक्षत्रों का संयोग बन रहा है। इस तिथि पर सुबह से लेकर दोपहर 3:47 बजे तक शूल योग सक्रिय रहेगा, जिसके बाद गण्ड योग शुरू हो जाएगा। नक्षत्रों की बात करें तो अमावस्या के दिन ज्येष्ठा नक्षत्र सुबह से रात 10:51 बजे तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद मूल नक्षत्र का आरंभ होगा। ज्येष्ठा और मूल नक्षत्र दोनों ही आध्यात्मिक कर्म, तर्पण और पूजा-पाठ के लिए उपयुक्त माने जाते हैं, इसलिए इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों का फल विशेष बढ़ जाता है।

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पौष अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने का समय - फोटो : अमर उजाला

पौष अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने का समय
अमावस्या का दिन पितरों की शांति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए तर्पण, श्राद्ध और दान को स्वीकार करते हैं। इसलिए सुबह स्नान करने के बाद तर्पण करना सबसे उत्तम माना जाता है। इसके अलावा श्राद्ध, पिंडदान, पंचबलि कर्म और पितर तृप्ति से जुड़े अन्य कार्य दोपहर 11:30 बजे से 2:30 बजे के बीच किए जा सकते हैं।\
यह समय पितरों को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। जब पितर संतुष्ट होते हैं, तो पितृ दोष समाप्त होता है, घर में सुख-समृद्धि आती है और जीवन की रुकावटें कम होने लगती हैं। पितरों की कृपा से परिवार में शांति, सौभाग्य और उन्नति बनी रहती है।



डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। 

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