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Interview: पूर्व कोच महावीर बोले- विवादों के चलते तैयारियों में कमी रही नहीं तो कुश्ती में चार-पांच पदक और आते
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Wed, 14 Aug 2024 09:51 PM IST
सार
विनेश फोगाट के मामले पर भारत के पूर्व कुश्ती कोच महावीर प्रसाद ने अमर उजाला से बातचीत की। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियों की तैयारियों में कमी रही नहीं तो कुश्ती में चार-पांच पदक और आ सकते थे। पढ़ें महावीर प्रसाद की अमर उजाला से बातचीत के कुछ अंश...
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महावीर प्रसाद
- फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
भारत की दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं। पेरिस ओलंपिक में अपने पहले ही मैच में जापान की युई सुसाकी को हराने वाली विनेश तीन जीत के साथ महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली पहले भारतीय महिला पहलवान बनी थीं। उन्हें स्वर्ण पदक जीतने वाली अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ खिताबी मुकाबले से बाहर कर दिया गया क्योंकि सुबह वजन करते समय उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया था। इस पहलवान ने पिछले बुधवार को खेल पंचाट में इस फैसले के खिलाफ अपील की और मांग की कि उसे क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए।
इसको लेकर खेल पंचाट फैसला सुना दिया है। खेल पंचाट ने विनेश की अपील को खारिज कर दिया है और अब इस पहलवान को कोई पदक नहीं मिलेगा। इससे पहले इस बात को लेकर खूब चर्चा हो रही थी कि खेल पंचाट द्वारा लिए जा रहे समय के पीछ कहीं पदक तो नहीं है, लेकिन इसका खंडन हो चुका है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ के नियमों और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ के नियमों को लेकर भी खूब चर्चा हुई। इस पूरे विषय पर भारत के पूर्व कुश्ती कोच महावीर प्रसाद ने अमर उजाला से बातचीत की। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियों की तैयारियों में कमी रही नहीं तो कुश्ती में चार-पांच पदक और आ सकते थे। पढ़ें महावीर प्रसाद की अमर उजाला से बातचीत के कुछ अंश...
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इसको लेकर खेल पंचाट फैसला सुना दिया है। खेल पंचाट ने विनेश की अपील को खारिज कर दिया है और अब इस पहलवान को कोई पदक नहीं मिलेगा। इससे पहले इस बात को लेकर खूब चर्चा हो रही थी कि खेल पंचाट द्वारा लिए जा रहे समय के पीछ कहीं पदक तो नहीं है, लेकिन इसका खंडन हो चुका है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ के नियमों और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ के नियमों को लेकर भी खूब चर्चा हुई। इस पूरे विषय पर भारत के पूर्व कुश्ती कोच महावीर प्रसाद ने अमर उजाला से बातचीत की। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियों की तैयारियों में कमी रही नहीं तो कुश्ती में चार-पांच पदक और आ सकते थे। पढ़ें महावीर प्रसाद की अमर उजाला से बातचीत के कुछ अंश...
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विनेश फोगाट-पीटी उषा
- फोटो : PTI
सवाल: विनेश पर जो ये मामला है, ये बारबार क्यों टाला जा रहा था?
महावीर प्रसाद: यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का जो नियम है, उसके मुताबिक उन्होंने हमेशा किसी खिलाड़ी को अयोग्य घोषित किया है और उन्होंने अयोग्य घोषित किए गए खिलाड़ियों को कभी पदक नहीं दिया है। जब किसी को अयोग्य घोषित किया जाता है, तो उस खिलाड़ी को अंतिम स्थान पर रखा जाता है। लेकिन आज तक कोई भी खिलाड़ी को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद पदक नहीं दिया गया।
महावीर प्रसाद: यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का जो नियम है, उसके मुताबिक उन्होंने हमेशा किसी खिलाड़ी को अयोग्य घोषित किया है और उन्होंने अयोग्य घोषित किए गए खिलाड़ियों को कभी पदक नहीं दिया है। जब किसी को अयोग्य घोषित किया जाता है, तो उस खिलाड़ी को अंतिम स्थान पर रखा जाता है। लेकिन आज तक कोई भी खिलाड़ी को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद पदक नहीं दिया गया।
विनेश फोगाट-अभिनव बिंद्रा
- फोटो : @Abhinav_Bindra
सवाल: निश्चित तौर पर नियम कड़े हैं। क्या ऐसा पहले भी कभी हुआ जब ज्यादा वजन निकलने पर किसी को डिसक्वालिफाई किया गया हो?
महावीर प्रसाद: बहुत बार ऐसा हुआ है कि किसी के ज्यादा वजन आ जाने पर उसे डिसक्वालिफाई कर दिया गया हो। हालांकि, इतने बड़े ओलंपिक जैसे प्लेटफॉर्म पर ऐसा पहली बार हुआ है। यह एक बड़ा मंच है, यह एक ओलंपिक मंच है। इसीलिए इसकी काफी चर्चा हो रही है। पूरी दुनिया हैरान है कि एक खिलाड़ी फाइनल में पहुंचने के बाद 100 ग्राम वजन के लिए डिसक्वालिफाई हो रहा और पदक से चूक रहा तो ये हमारे फीजियो स्टाफ और विनेश की पूरी टीम की गलती है। यह एक ऐसी गड़बड़ी है, जिसकी कोई उम्मीद नहीं कर रहा था।
महावीर प्रसाद: बहुत बार ऐसा हुआ है कि किसी के ज्यादा वजन आ जाने पर उसे डिसक्वालिफाई कर दिया गया हो। हालांकि, इतने बड़े ओलंपिक जैसे प्लेटफॉर्म पर ऐसा पहली बार हुआ है। यह एक बड़ा मंच है, यह एक ओलंपिक मंच है। इसीलिए इसकी काफी चर्चा हो रही है। पूरी दुनिया हैरान है कि एक खिलाड़ी फाइनल में पहुंचने के बाद 100 ग्राम वजन के लिए डिसक्वालिफाई हो रहा और पदक से चूक रहा तो ये हमारे फीजियो स्टाफ और विनेश की पूरी टीम की गलती है। यह एक ऐसी गड़बड़ी है, जिसकी कोई उम्मीद नहीं कर रहा था।
विनेश फोगाट
- फोटो : PTI
सवाल: आपको क्या लगता है, क्योंकि देश पदक का बेसब्री से इंतजार कर रहा था?
महावीर प्रसाद: खेल पंचाट उसी दिन फैसला सुना देता है कि पदक मिलेगा या नहीं। पहले सभी अपील खारिज की जा चुकी हैं। भारत सरकार पुरजोर कोशिश कर रही थी कि ये एक देश के लिए हित में है। इसलिए फैसला आने में देरी हो रही थी। यूडब्ल्यूडब्ल्यू के अध्यक्ष ने पहले ही कह दिया थ, क्षमा करें। हम कुछ नहीं कर सकते।
महावीर प्रसाद: खेल पंचाट उसी दिन फैसला सुना देता है कि पदक मिलेगा या नहीं। पहले सभी अपील खारिज की जा चुकी हैं। भारत सरकार पुरजोर कोशिश कर रही थी कि ये एक देश के लिए हित में है। इसलिए फैसला आने में देरी हो रही थी। यूडब्ल्यूडब्ल्यू के अध्यक्ष ने पहले ही कह दिया थ, क्षमा करें। हम कुछ नहीं कर सकते।
विनेश फोगाट।
- फोटो : संवाद
सवाल: नियम कितने सख्त होते हैं, क्योंकि पहले भी कई खिलाड़ियों द्वारा इसकी शिकायत की गई कि 100 ग्राम क्या, अगर थोड़ा भी वजन ज्यादा है तो उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया जाता है। सोशल मीडिया पर यह बात चल रही कि विनेश पर जो फैसला लिया गया वो गलत फैसला है, आपकी इसमें क्या राय है?
महावीर प्रसाद: पिछली बार जब टोक्यो में ओलंपिक हो रहा था तो अभी पेरिस में जिस पुरुष पहलवान हिगुची रेई ने 57 किग्रा भारवर्ग में स्वर्ण जीता है, उसने खुद कहा कि टोक्यो ओलंपिक के दौरान सिर्फ 50 ग्राम ज्यादा वजन होने के कारण वह डिसक्वालिफाई हो गया था। ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन यूडब्ल्यूडब्ल्यू और ओलंपिक समिति किसी भी प्रकार से किसी के साथ भी समझौता नहीं करती। भारत सरकार ने इस मामले पर इतना जोर दे रखा है, कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने पहले ही कह दिया है कि खेल पंचाट जो फैसला दे, वह हम मानेंगे। अब खेल पंचाट ने अपील खारिज कर दिया है।
महावीर प्रसाद: पिछली बार जब टोक्यो में ओलंपिक हो रहा था तो अभी पेरिस में जिस पुरुष पहलवान हिगुची रेई ने 57 किग्रा भारवर्ग में स्वर्ण जीता है, उसने खुद कहा कि टोक्यो ओलंपिक के दौरान सिर्फ 50 ग्राम ज्यादा वजन होने के कारण वह डिसक्वालिफाई हो गया था। ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन यूडब्ल्यूडब्ल्यू और ओलंपिक समिति किसी भी प्रकार से किसी के साथ भी समझौता नहीं करती। भारत सरकार ने इस मामले पर इतना जोर दे रखा है, कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने पहले ही कह दिया है कि खेल पंचाट जो फैसला दे, वह हम मानेंगे। अब खेल पंचाट ने अपील खारिज कर दिया है।
विनेश फोगाट
- फोटो : Twitter
सवाल: नियम क्या कहते हैं?
महावीर प्रसाद: कानून कहता है खिलाड़ी पूरे नियमों के अंदर काम करे। मैं 20-25 साल से टीम के साथ रहा हूं, उनके साथ टूर पर जाता रहा हूं।। मैं अभी भी राष्ट्रीय टीम के साथ जा सकता हूं। कानून कहता है कि कोच और खिलाड़ी यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा दिए गए नियमों की पूरी तरह से पालन करे। हमारे पास मानदंड हैं, हमारे पास पूरा शेड्यूल होता है। उस पूरे शेड्यूल को देखकर हम कोई भी चूक नहीं कर सकते। हर खिलाड़ी को अपना वजन देना होता है। हालांकि, हम तय समय से पहले ही खिलाड़ी को तैयार करते हैं, ताकि हमारे किसी भी खिलाड़ी का बढ़ा हुआ वजन न हो। हालांकि, फिर भी विश्व चैंपियनशिप या फिर एशियाई चैंपियनशिप में सुशील कुमार और विनेश के साथ ऐसा हो चुका है कि ये दोनों खिलाड़ी बढ़े हुए वजन की वजह से पहले भी डिसक्वालिफाई हो चुके हैं।
महावीर प्रसाद: कानून कहता है खिलाड़ी पूरे नियमों के अंदर काम करे। मैं 20-25 साल से टीम के साथ रहा हूं, उनके साथ टूर पर जाता रहा हूं।। मैं अभी भी राष्ट्रीय टीम के साथ जा सकता हूं। कानून कहता है कि कोच और खिलाड़ी यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा दिए गए नियमों की पूरी तरह से पालन करे। हमारे पास मानदंड हैं, हमारे पास पूरा शेड्यूल होता है। उस पूरे शेड्यूल को देखकर हम कोई भी चूक नहीं कर सकते। हर खिलाड़ी को अपना वजन देना होता है। हालांकि, हम तय समय से पहले ही खिलाड़ी को तैयार करते हैं, ताकि हमारे किसी भी खिलाड़ी का बढ़ा हुआ वजन न हो। हालांकि, फिर भी विश्व चैंपियनशिप या फिर एशियाई चैंपियनशिप में सुशील कुमार और विनेश के साथ ऐसा हो चुका है कि ये दोनों खिलाड़ी बढ़े हुए वजन की वजह से पहले भी डिसक्वालिफाई हो चुके हैं।
विनेश फोगाट
- फोटो : Twitter
सवाल: एक बार बढ़ा हुआ वजन आने पर, वजन कम करने के लिए किस तरह की डाइट फॉलो की जाती है?
महावीर प्रसाद: विनेश पहले 53 किग्रा भारवर्ग में लड़ती थीं। उनकी हाइट अच्छी है। हालांकि, इस ओलंपिक के लिए उन्होंने 50 किग्रा भारवर्ग के लिए क्वालिफाई किया। जब उन्होंने इस भारवर्ग के लिए क्वलिफाई किया था, तो सबसे पहला बयान यही दिया था कि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती वजन कम करना है। विनेश को पहले दिन से वजन कम करने में दिक्कत आ रही थी। जब पहले दिन ही विनेश का वजन 49.9 किलो आया था, तो उनके स्टाफ, फीजियो और कोच को ध्यान रखना चाहिए था कि अगली सुबह विनेश को फिर वजन देना है। जब आपने जापान की पहलवान को हरा दिया, तो यह तो तय हो गया था कि अगले दिन विनेश को पदक के लिए जाना ही जाना है। ऐसे में विनेश के डाइट का अच्छे तरीके से ध्यान रखना चाहिए था। पहले तो हम कोच ही होते थे, कोई स्टाफ नहीं होता था। तो हम कोच ही उस खिलाड़ी का ध्यान रखते थे। साथ ही वह खिलाड़ी भी ध्यान रखता था कि उसका ओवरवेट न आ जाए तो गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती थी।
महावीर प्रसाद: विनेश पहले 53 किग्रा भारवर्ग में लड़ती थीं। उनकी हाइट अच्छी है। हालांकि, इस ओलंपिक के लिए उन्होंने 50 किग्रा भारवर्ग के लिए क्वालिफाई किया। जब उन्होंने इस भारवर्ग के लिए क्वलिफाई किया था, तो सबसे पहला बयान यही दिया था कि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती वजन कम करना है। विनेश को पहले दिन से वजन कम करने में दिक्कत आ रही थी। जब पहले दिन ही विनेश का वजन 49.9 किलो आया था, तो उनके स्टाफ, फीजियो और कोच को ध्यान रखना चाहिए था कि अगली सुबह विनेश को फिर वजन देना है। जब आपने जापान की पहलवान को हरा दिया, तो यह तो तय हो गया था कि अगले दिन विनेश को पदक के लिए जाना ही जाना है। ऐसे में विनेश के डाइट का अच्छे तरीके से ध्यान रखना चाहिए था। पहले तो हम कोच ही होते थे, कोई स्टाफ नहीं होता था। तो हम कोच ही उस खिलाड़ी का ध्यान रखते थे। साथ ही वह खिलाड़ी भी ध्यान रखता था कि उसका ओवरवेट न आ जाए तो गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती थी।
विनेश फोगाट
- फोटो : Twitter
सवाल: क्या ये चूक आप कोच की मानते हैं, टीम की मानते हैं या फिर विनेश फोगाट की मानते हैं?
महावीर प्रसाद: तीनों ही इसमें बराबर के जिम्मेदार हैं। विनेश को भी अपनी डाइट की फिक्र करनी चाहिए थी कि अगले दिन मुझे वजन देना है तो कहीं ज्यादा न निकल जाए और दिक्कत आए। इसके साथ साथ जो विनेश के पर्सनल स्टाफ थे, जो भारत सरकार ने उनको दे रखे थे, उन्हें भी ध्यान रखना चाहिए थे। तो विनेश और उनके पर्सनल स्टाफ, ये पूरी तरह से जिम्मेदार हैं और इसकी जांच भी होनी चाहिए ताकि आने वाले ओलंपिक या इवेंट में हम ज्यादा से ज्यादा पदक जीत सकें। जो गलतियां इस ओलंपिक में हो गई, उन गलतियों को आगे न दोहराएं। इन गलतियों से सबक लें ताकि आगे ज्यादा से ज्यादा पदक जीत सकें।
महावीर प्रसाद: तीनों ही इसमें बराबर के जिम्मेदार हैं। विनेश को भी अपनी डाइट की फिक्र करनी चाहिए थी कि अगले दिन मुझे वजन देना है तो कहीं ज्यादा न निकल जाए और दिक्कत आए। इसके साथ साथ जो विनेश के पर्सनल स्टाफ थे, जो भारत सरकार ने उनको दे रखे थे, उन्हें भी ध्यान रखना चाहिए थे। तो विनेश और उनके पर्सनल स्टाफ, ये पूरी तरह से जिम्मेदार हैं और इसकी जांच भी होनी चाहिए ताकि आने वाले ओलंपिक या इवेंट में हम ज्यादा से ज्यादा पदक जीत सकें। जो गलतियां इस ओलंपिक में हो गई, उन गलतियों को आगे न दोहराएं। इन गलतियों से सबक लें ताकि आगे ज्यादा से ज्यादा पदक जीत सकें।
विनेश फोगाट
- फोटो : Twitter
सवाल: क्या वजन को दो दिन मापने से नुकसान हुआ है?
महावीर प्रसाद: 2017 के बाद यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने जनहित के लिए, जिससे खिलाड़ी ज्यादा वजन न घटाएं और अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ न करे, इसके लिए दो दिन वजन के नियम रखे गए थे। ये नियम सभी खिलाड़ी को पता है, कि अगर हमें इस टूर्नामेंट में खेलना है तो दो दिन वजन देना होगा। विनेश तो फाइनल से पहले डिसक्वालिफाई हो गईं, यूडब्ल्यूडब्ल्यू तो फाइनल खेलने वक्त कुछ ऐसा हो जाए तो भी उस एथलीट को डिसक्वालिफाई कर देता है। ये तो सब जानते हैं कि दो दिन यूडब्ल्यूडब्ल्यू के नियमों का सख्ती से पालन करना है। हालांकि, अब ऐसी बात आ रही है कि ये संस्था नियमों में कुछ बदलाव कर सकती है और ओलंपिक से सबक लेते हुए कुछ नियमों में बदलाव लाएगी।
महावीर प्रसाद: 2017 के बाद यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने जनहित के लिए, जिससे खिलाड़ी ज्यादा वजन न घटाएं और अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ न करे, इसके लिए दो दिन वजन के नियम रखे गए थे। ये नियम सभी खिलाड़ी को पता है, कि अगर हमें इस टूर्नामेंट में खेलना है तो दो दिन वजन देना होगा। विनेश तो फाइनल से पहले डिसक्वालिफाई हो गईं, यूडब्ल्यूडब्ल्यू तो फाइनल खेलने वक्त कुछ ऐसा हो जाए तो भी उस एथलीट को डिसक्वालिफाई कर देता है। ये तो सब जानते हैं कि दो दिन यूडब्ल्यूडब्ल्यू के नियमों का सख्ती से पालन करना है। हालांकि, अब ऐसी बात आ रही है कि ये संस्था नियमों में कुछ बदलाव कर सकती है और ओलंपिक से सबक लेते हुए कुछ नियमों में बदलाव लाएगी।
विनेश फोगाट
- फोटो : Twitter
सवाल: क्या पिछले एक-डेढ़ साल में जो विवाद हुआ? उससे तैयारियों पर फर्क पड़ा?
महावीर प्रसाद: मैंने ये हर जगह बोला है कि अगर डेढ़ साल से हमारा यह विवाद नहीं होता, प्रोपर कैंप लगे होते तो ये नतीजा नहीं होता। ये विवाद पहलवानों का अपना फैसला नहीं था। इनका इस्तेमाल किया गया। अगर ये सब नहीं होता तो मैं गारंटी के साथ चार से पांच पदक जीतने का दावा कर सकता हूं। हमारी छह में से तीन लड़कियों पदक लातीं और बाकी पदक पुरुष पहलवान लाते। हमारी तैयारी अच्छी चल रही थी। हालांकि, पिछले डेढ़ साल में हमारा न तो कोई कैंप लगा और न ही कोई अनुशासन रहा, न ही खिलाड़ियों को पता है कि उन्हें अगले दिन क्या करना है। सभी अपने-अपने सेंटर पर ट्रेनिंग कर रहे हैं। जो आखिर में खिलाड़ियों को एक्सपोजर दिया जाता है, उससे खिलाड़ियों की कमियों को हम दूर करते हैं। बहुत सारी कमियां रहीं, जिससे हम चार से पांच पदक दूर रह गए।
महावीर प्रसाद: मैंने ये हर जगह बोला है कि अगर डेढ़ साल से हमारा यह विवाद नहीं होता, प्रोपर कैंप लगे होते तो ये नतीजा नहीं होता। ये विवाद पहलवानों का अपना फैसला नहीं था। इनका इस्तेमाल किया गया। अगर ये सब नहीं होता तो मैं गारंटी के साथ चार से पांच पदक जीतने का दावा कर सकता हूं। हमारी छह में से तीन लड़कियों पदक लातीं और बाकी पदक पुरुष पहलवान लाते। हमारी तैयारी अच्छी चल रही थी। हालांकि, पिछले डेढ़ साल में हमारा न तो कोई कैंप लगा और न ही कोई अनुशासन रहा, न ही खिलाड़ियों को पता है कि उन्हें अगले दिन क्या करना है। सभी अपने-अपने सेंटर पर ट्रेनिंग कर रहे हैं। जो आखिर में खिलाड़ियों को एक्सपोजर दिया जाता है, उससे खिलाड़ियों की कमियों को हम दूर करते हैं। बहुत सारी कमियां रहीं, जिससे हम चार से पांच पदक दूर रह गए।
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