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Sheetal Devi: जन्म से दोनों हाथ नहीं, फिर भी पेड़ पर चढ़ने में माहिर हैं शीतल; अब पैरालंपिक में कर रहीं कमाल
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Fri, 30 Aug 2024 12:46 PM IST
सार
शीतल ने बताया कि वह बचपन से ही हर काम पैर से करती हैं। बचपन में वह अपने भाई बहनों के साथ फुटबॉल भी खेलती थीं और बाकी खेलों में भी व्यस्त रहती थीं।
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शीतल देवी
- फोटो : Twitter
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विस्तार
भारत की स्टार एथलीट शीतल देवी इन दिनों पैरालंपिक खेलों में कमाल कर रही हैं। उन्होंने शुक्रवार को पैरालंपिक खेलों में विश्व रिकॉर्ड तोड़ा, लेकिन फिर एक अंक से किसी और एथलीट ने उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस तरह वह पहले राउंड में दूसरे स्थान पर रही थीं और अंतिम-16 में पहुंचने में कामयाब रही थीं। जम्मू-कश्मीर की शीतल ने हांगझोऊ पैरा एशियाई खेलों में दो स्वर्ण और एक रजत जीते थे। शीतल ने गुरुवार को क्वालिफाइंग रैंकिंग राउंड में 720 में से 703 का स्कोर किया। रैंकिंग राउंड का 698 अंकों के साथ पिछला विश्व रिकॉर्ड ग्रेट ब्रिटेन की फोएबे पीटरसन के नाम था, जिसे शीतल ने पीछे छोड़ दिया। हालांकि, तुर्किये की ओजनूर गिर्डी ने 704 अंकों के साथ नया विश्व रिकॉर्ड बनाया और शीर्ष स्थान पर रहकर अंतिम-16 में पहुंचीं। शीतल कुमारी दुनिया की पहली महिला तीरंदाज हैं, जो हाथ नहीं होने के बावजूद तीरंदाजी में कमाल कर रही हैं।
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शीतल देवी
- फोटो : PTI
पिछले साल अमर उजाला के साथ बातचीत में शीतल ने अपने जीवन से जुड़े कई खुलासे किए थे। इस दौरान 16 साल की शीतल की मासूमियत झलक रही थी। शीतल ने बताया कि वह बचपन से ही हर काम पैर से करती हैं। बचपन में वह अपने भाई बहनों के साथ फुटबॉल भी खेलती थीं और बाकी खेलों में भी व्यस्त रहती थीं। चंचल स्वभाव की शीतल कभी शांत नहीं बैठती थीं। वह दोस्तों के साथ मिलकर लकड़ी का धनुष बनाती थीं और उसके साथ भी खेलती रहती थीं। लकड़ी का धनुष बहुत हल्का होता था और उसे उठाना भी बेहद आसान होता था।
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शीतल
- फोटो : PTI
शीतल अपने दोस्तों के साथ पेड़ पर भी चढ़ जाती थीं। वह सामान्य बच्चों की तरह ही पेड़ पर चढ़ जाती थीं, जबकि बचपन से उनके दोनों हाथ नहीं हैं। उनका गांव पहाड़ी इलाके में है और पेड़ से गिरने पर गंभीर चोट लगने का खतरा रहता है, लेकिन उन्हें खुद पर इतना भरोसा है कि वह आसानी से पेड़ पर चढ़ जाती हैं। शीतल का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह पैर से पानी की बोतल को उछालती हैं और एकदम सीधे खड़ी कर देती हैं। वहीं, उनके दोस्त हाथ से उछालने पर भी बोतल को सीधे नहीं खड़ा कर पाते।
शीतल
- फोटो : PTI
शीतल ने हाल ही में पिछले साल एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण सहित तीन पदक जीते थे। वह साल 2023 की सर्वश्रेष्ठ एशियाई युवा एथलीट भी चुनी गई हैं। 16 साल की शीतल का निशाना कमाल का है और आने वाले समय में उनसे कई पदकों की उम्मीद है।
शीतल ने बताया कि जब उन्होंने तीरंदाजी में अपना करियर बनाने का फैसला किया तो शुरुआत में उन्हें धनुष उठाने में बहुत परेशानी होती थी, क्योंकि इसका वजन काफी ज्यादा होता है। हालांकि, जब उनके कोच को यह पता चला कि शीतल पैर से ही पेड़ पर चढ़ जाती हैं तो उन्हें यकीन हो गया कि यह लड़की कुछ भी कर सकती हैं। कोच ने शीतल को मेहनत करने के लिए प्रेरित किया और अब वह देश के लिए कमाल कर रही हैं।
Can you do this bottle flip challenge ?? Watch this video how Armless Para Archer 🏹 Sheetal Devi does skilfully & artistically with her fluent toes 👍🏻 pic.twitter.com/UzxQfOdJf6
— Sanjay Kishore (@saintkishore) November 26, 2023
शीतल ने बताया कि जब उन्होंने तीरंदाजी में अपना करियर बनाने का फैसला किया तो शुरुआत में उन्हें धनुष उठाने में बहुत परेशानी होती थी, क्योंकि इसका वजन काफी ज्यादा होता है। हालांकि, जब उनके कोच को यह पता चला कि शीतल पैर से ही पेड़ पर चढ़ जाती हैं तो उन्हें यकीन हो गया कि यह लड़की कुछ भी कर सकती हैं। कोच ने शीतल को मेहनत करने के लिए प्रेरित किया और अब वह देश के लिए कमाल कर रही हैं।