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Pooja Rani: 'अगर लिवरपूल में पदक नहीं मिलता तो फिर कोशिश नहीं करती', बोलीं मुक्केबाज पूजा रानी
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Wed, 17 Sep 2025 04:44 PM IST
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सार
चार बार एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीत चुकी पूजा सेमीफाइनल में इंग्लैंड की एमिली एस्कीथ से हार गई, लेकिन कांस्य पदक जीता।

पूजा रानी
- फोटो : ANI
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विस्तार
अनुभवी मुक्केबाज पूजा रानी ने सोच लिया था कि अगर विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में चौथी बार खेलते हुए वह पदक नहीं जीत पाती तो दोबारा कोशिश नहीं करेंगी। हालांकि, भिवानी की 34 वर्षीय इस मुक्केबाज को लिवरपूल में 80 किलो वर्ग में पोडियम पर खड़े होने का मौका मिला।
टोक्यो ओलंपिक खेल चुकी पूजा ने कहा, 'इस बार भी मैने खुद से कहा था कि अगर नहीं जीती तो दोबारा नहीं खेलूंगी।' मैं हमेशा अपना शत प्रतिशत देती हूं लिहाजा हारने पर दिल टूट जाता है। मैंने पिछले चार पांच महीने से कड़़ा अभ्यास किया था और मुझे खुशी है कि मेहनत रंग लाई। मैं मार्च में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप से ही अभ्यास कर रही हूं।'
चार बार एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीत चुकी पूजा सेमीफाइनल में इंग्लैंड की एमिली एस्कीथ से हार गई, लेकिन कांस्य पदक जीता। उन्होंने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं। यह मेरी चौथी विश्व चैम्पियनशिप थी और मैंने पहली बार पदक जीता। यह खास है।'
कुछ साल पहले कंधे की चोट और एक बड़े टूर्नामेंट से ठीक पहले हाथ जलने के कारण पूजा के कैरियर पर खतरा पैदा हो गया था लेकिन उसने तोक्यो ओलंपिक से पहले वापसी की। उसने 2019 और 2021 एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीते। हालांकि तोक्यो में वह 75 किलोवर्ग के क्वार्टर फाइनल में हार गईं।
फिर मई 2022 में पिता के निधन के बाद उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप खेली लेकिन ब्रेक ले लिया । फिर 2023 की शुरूआत में उनका विवाह हुआ और एक साल बाद रिंग पर लौटकर उन्होंने राष्ट्रीय खिताब जीता।
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन पेरिस ओलंपिक में 75 किलो वर्ग में जगह बना चुकी थी। पूजा ने पिछला एक साल 75 किलो से 80 किलो में जाने पर लगाया। अब उनकी नजरें 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक चक्र पर है। उन्होंने कहा, 'मैं सोच रही हूं कि अब 70 किलोवर्ग में चली जाऊं।'

टोक्यो ओलंपिक खेल चुकी पूजा ने कहा, 'इस बार भी मैने खुद से कहा था कि अगर नहीं जीती तो दोबारा नहीं खेलूंगी।' मैं हमेशा अपना शत प्रतिशत देती हूं लिहाजा हारने पर दिल टूट जाता है। मैंने पिछले चार पांच महीने से कड़़ा अभ्यास किया था और मुझे खुशी है कि मेहनत रंग लाई। मैं मार्च में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप से ही अभ्यास कर रही हूं।'
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चार बार एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीत चुकी पूजा सेमीफाइनल में इंग्लैंड की एमिली एस्कीथ से हार गई, लेकिन कांस्य पदक जीता। उन्होंने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं। यह मेरी चौथी विश्व चैम्पियनशिप थी और मैंने पहली बार पदक जीता। यह खास है।'
कुछ साल पहले कंधे की चोट और एक बड़े टूर्नामेंट से ठीक पहले हाथ जलने के कारण पूजा के कैरियर पर खतरा पैदा हो गया था लेकिन उसने तोक्यो ओलंपिक से पहले वापसी की। उसने 2019 और 2021 एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीते। हालांकि तोक्यो में वह 75 किलोवर्ग के क्वार्टर फाइनल में हार गईं।
फिर मई 2022 में पिता के निधन के बाद उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप खेली लेकिन ब्रेक ले लिया । फिर 2023 की शुरूआत में उनका विवाह हुआ और एक साल बाद रिंग पर लौटकर उन्होंने राष्ट्रीय खिताब जीता।
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन पेरिस ओलंपिक में 75 किलो वर्ग में जगह बना चुकी थी। पूजा ने पिछला एक साल 75 किलो से 80 किलो में जाने पर लगाया। अब उनकी नजरें 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक चक्र पर है। उन्होंने कहा, 'मैं सोच रही हूं कि अब 70 किलोवर्ग में चली जाऊं।'