Tokyo Paralympics: भाविना की 'चांदी' से देश का सिर ऊंचा, जानें मेहसाणा से टोक्यो तक का सफर...
टोक्यो पैरालंपिक में रविवार को भारतीय टेबल टेनिल खिलाड़ी भाविना पटेल ने 'चांदी' (रजत पदक) जीतकर दुनिया में देश का सिर ऊंचा कर दिया। भाविना ने टेबल टेनिस क्लास 4 स्पर्धा के महिला एकल फाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की झाउ यिंग से मुकाबला किया। स्वर्ण पदक के लिए हुए इस मुकाबले में भाविन को भले ही 0-3 से शिकस्त मिली, लेकिन उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से रजत पदक पक्का कर लिया। 34 साल की भाविना को पैरालंपिक की दो बार की स्वर्ण पदक विजेता झाउ के खिलाफ 19 मिनट में 7-11 5-11 6-11 से हार का सामना करना पड़ा। भाविना भले ही गोल्ड से चूक गईं लेकिन उन्होंने इतिहास रच दिया। 'चांदी' जीतकर भी उन्होंने पूरे हिंदुस्तान का दिल जीत लिया। वह दीपा मलिक (रियो पैरालंपिक, 2016) के बाद इन खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। बता दें कि भाविना ने मौजूदा पैरालंपिक में देश को पहला पदक दिलाया। ऐसे में आइए जानते हैं रजत पदक विजेता भाविना पटेल का गुजरात के मेहसाणा से टोक्यो तक का सफर..
मेहसाणा से टोक्यो तक का सफर
- 12 महीने की उम्र में ही पोलियो हो गया था।
- उन्होंने गुजरात के मेहसाणा के छोटे गांव सुधिया में अपनी पढ़ाई पूरी की।
- इसके बाद वो कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने के लिए अहमदाबाद पहुंचीं
- भाविना 13 साल से टोक्यो पैरालंपिक के लिए तैयारी कर रही थीं।
- भाविना दो बस और कई ऑटो रिक्शा बदलकर प्रैक्टिस वेन्यू तक पहुंचती थीं।
- वहां टेबल टेनिस खेलने वाले दिव्यांग बच्चों से प्रेरणा लेकर उन्होंने इस खेल को चुना।
- लॉकडाउन के दौरान उन्होंने प्रैक्टिस करने के लिए पुराना रोबोट भी खरीदा।
- अब उन्होंने पैरालंपिक टेबल टेनिस में देश को पहला पदक दिलाया।
गुजरात सरकार देगी तीन करोड़ रुपये का नगद इनाम
गुजरात सरकार ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में रविवार को ऐतिहासिक रजत पदक जीतने वाली टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल को तीन करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की। गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया, 'मुख्यमंत्री विजय रुपाणीने गुजरात के मेहसाणा जिले की बेटी भाविना पटेल को पैरालंपिक खेलों में टेबल टेनिस में शानदार उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित करने के लिए बधाई दी है।'
पीएम मोदी ने भाविना से फोन पर बात
मोदी ने ट्वीट किया, 'भाविना पटेल ने इतिहास रचा। उन्होंने ऐतिहासिक रजत पदक जीता है। इसके लिए उन्हें बधाई। जीवन में उनकी यात्रा प्रेरणादायी है और यह अधिक युवाओं को खेलों से जोड़ेगी।' प्रधानमंत्री ने भाविना से बात भी की और उन्हें इस शानदार उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने इस खिलाड़ी को भविष्य के लिए भी शुभकामनाएं दी। गुजरात के मेहसाणा के बड़नगर के सुंधिया गांव की रहने वाली भाविना से मोदी ने कहा कि वह भी कई बार सुंधिया जाते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या अब भी उनका परिवार वहां रहता है। भाविना ने कहा कि उनके माता-पिता अब भी वहां रहते हैं।