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किस्सा ओलंपिक का: भारत के लिए फिर शुभ साबित होगा सात अगस्त? इस दिन भारोत्तोलन में पदक पर दावा ठोकेंगी मीरा
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Fri, 26 Jul 2024 05:46 PM IST
सार
टोक्यो ओलंपिक में 49 भार वर्ग का रजत पदक जीतने वाली मीरा एक और पदक के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। इसमें 2015 से तैयार की गई उनके अनुभवों की डायरी खूब मदद कर रही है।
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मीराबाई चानू
- फोटो : PTI
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विस्तार
नीरज चोपड़ा ने सात अगस्त, 2021 को ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतकर इसे भारतीय खेलों के इतिहास का स्वर्णिम दिन बना दिया। अब सात अगस्त को यादगार बनाने की बारी भारोत्तोलक मीराबाई चानू की है। मीरा सात अगस्त को ही पेरिस में एक और ओलंपिक पदक के लिए दावा ठोकने उतरेंगी। उन्हें भी मालूम है कि सात अगस्त को नीरज ने स्वर्ण जीता था। मीरा कहती हैं, वह इस दिन की अहमियत जानती हैं और इसे वापस भारतीय खेलों का सबसे शुभ दिन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी।
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डायरी बनी सहारा
टोक्यो ओलंपिक में 49 भार वर्ग का रजत पदक जीतने वाली मीरा एक और पदक के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। इसमें 2015 से तैयार की गई उनके अनुभवों की डायरी खूब मदद कर रही है। जब भी वह थोड़ा निराश होती हैं तो अप्रैल, 2021 के दिनों की तैयारी का हिस्सा खोल लेती हैं। इन पन्नों पर उनकी ओर सेे खुद उकेरे गए शब्द उनमें वापस स्फूर्ति का संचार कर देते हैं। अप्रैल, 2021 में ही उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में 119 किलो का वजन उठाकर क्लीन एंड जर्क में विश्व कीर्तिमान रचा था।
टोक्यो ओलंपिक में 49 भार वर्ग का रजत पदक जीतने वाली मीरा एक और पदक के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। इसमें 2015 से तैयार की गई उनके अनुभवों की डायरी खूब मदद कर रही है। जब भी वह थोड़ा निराश होती हैं तो अप्रैल, 2021 के दिनों की तैयारी का हिस्सा खोल लेती हैं। इन पन्नों पर उनकी ओर सेे खुद उकेरे गए शब्द उनमें वापस स्फूर्ति का संचार कर देते हैं। अप्रैल, 2021 में ही उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में 119 किलो का वजन उठाकर क्लीन एंड जर्क में विश्व कीर्तिमान रचा था।
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विश्व रिकॉर्ड से मिल रही ऊर्जा
मीरा कहती हैं, बीते कुछ वर्ष चोट के कारण उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहे हैं। कई बार नकारात्मकता हावी हो जाती है। ऐसे में कोच विजय शर्मा उन्हें अच्छे दिनों की याद दिलाते हैं। वह डायरी में हर अच्छी बात और तैयारियों को लिखती आई हैं। 119 का विश्व रिकॉर्ड उनके सबसे करीब है। पेरिस की तैयारियों में यह रिकॉर्ड उनमें ऊर्जा भर रहा है। मीराबाई ने टोक्यो ओलंपिक में कुल 202 किलो वजन उठाकर रजत पदक जीता था। स्नैच राउंड में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास 87 किलो वजन का रहा था, जबकि क्लीन एंड जर्क राउंड में उन्होंने 115 किलो वजन उठाया था।
अभी 80 से 85 प्रतिशत वजन उठा रही हैं
पेरिस के लिए मीरा की तैयारियां हटकर हैं। वह और उनके कोच विजय शर्मा उस गलती को नहीं दोहराना चाहते हैं जो हांगझोऊ एशियाई खेलों के दौरान हुई थी। एशियाड से ठीक पहले मीरा ने अपनी क्षमता का 90 से 95 प्रतिशत वजन कंपटीशन से पहले कई बार उठाया। कंपटीशन वाले दिन वह चोटिल हो गईं। उनका इलाज जाने-माने चिकित्सक डॉ. दिनशी पारदीवाला ने किया, लेकिन दर्द का कारण नहीं पता लगा। इसके बाद मीरा ने लंबे समय तक वजन को हाथ नहीं लगाया। पहले उन्होंने अपने शरीर को मजबूत किया और जीरो से शुरुआत की। मीरा के मुताबिक वह अभी वह 80 से 85 प्रतिशत वजन उठा रही हैं।
मीरा कहती हैं, बीते कुछ वर्ष चोट के कारण उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहे हैं। कई बार नकारात्मकता हावी हो जाती है। ऐसे में कोच विजय शर्मा उन्हें अच्छे दिनों की याद दिलाते हैं। वह डायरी में हर अच्छी बात और तैयारियों को लिखती आई हैं। 119 का विश्व रिकॉर्ड उनके सबसे करीब है। पेरिस की तैयारियों में यह रिकॉर्ड उनमें ऊर्जा भर रहा है। मीराबाई ने टोक्यो ओलंपिक में कुल 202 किलो वजन उठाकर रजत पदक जीता था। स्नैच राउंड में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास 87 किलो वजन का रहा था, जबकि क्लीन एंड जर्क राउंड में उन्होंने 115 किलो वजन उठाया था।
अभी 80 से 85 प्रतिशत वजन उठा रही हैं
पेरिस के लिए मीरा की तैयारियां हटकर हैं। वह और उनके कोच विजय शर्मा उस गलती को नहीं दोहराना चाहते हैं जो हांगझोऊ एशियाई खेलों के दौरान हुई थी। एशियाड से ठीक पहले मीरा ने अपनी क्षमता का 90 से 95 प्रतिशत वजन कंपटीशन से पहले कई बार उठाया। कंपटीशन वाले दिन वह चोटिल हो गईं। उनका इलाज जाने-माने चिकित्सक डॉ. दिनशी पारदीवाला ने किया, लेकिन दर्द का कारण नहीं पता लगा। इसके बाद मीरा ने लंबे समय तक वजन को हाथ नहीं लगाया। पहले उन्होंने अपने शरीर को मजबूत किया और जीरो से शुरुआत की। मीरा के मुताबिक वह अभी वह 80 से 85 प्रतिशत वजन उठा रही हैं।
कमरे में स्थापित किए बजरंगबली
कोच विजय शर्मा का मानना है कि मीरा को सात अगस्त से पहले एक बार उनका अधिकतम भार देना है। अभी तक उन्होंने यह भार मीरा को नहीं दिया है। यह रणनीति का हिस्सा है। मीरा को तैयारियों के साथ भगवान पर भी विश्वास है। वह फ्रांस में जिस दिन से पहुंची हैं। उन्होंने अपने कमरे में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित कर रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करती हैं। यही नहीं वह ध्यान भी लगाती हैं। इस ध्यान में वह अपनी पुरानी अच्छी परफॉरमेंस को महसूस करने की कोशिश करती हैं।
कोच विजय शर्मा का मानना है कि मीरा को सात अगस्त से पहले एक बार उनका अधिकतम भार देना है। अभी तक उन्होंने यह भार मीरा को नहीं दिया है। यह रणनीति का हिस्सा है। मीरा को तैयारियों के साथ भगवान पर भी विश्वास है। वह फ्रांस में जिस दिन से पहुंची हैं। उन्होंने अपने कमरे में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित कर रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करती हैं। यही नहीं वह ध्यान भी लगाती हैं। इस ध्यान में वह अपनी पुरानी अच्छी परफॉरमेंस को महसूस करने की कोशिश करती हैं।
कड़ा है मुकाबला
मीरा के 49 भार वर्ग में इस बार उनका मुकाबला चीन, रोमानिया, अमेरिका और थाईलैंड की लिफ्टर से है। चीनी लिफ्टर ने हाल ही में थाईलैंड ओपन में 217 किलो वजन उठाया है, जबकि बाकी तीनों लिफ्टर 200 या उससे अधिक वजन उठा चुकी हैं। मीरा का श्रेष्ठ 205 किलो है, लेकिन दिसंबर, 2022 के बाद से उन्होंने 200 किलो वजन नहीं उठाया है। विजय मानते हैं कि दुनिया इस बार मीरा को पदक का दावेदार नहीं मान रही है और यही उनके लिए सकारात्मक पक्ष है।
मीरा के 49 भार वर्ग में इस बार उनका मुकाबला चीन, रोमानिया, अमेरिका और थाईलैंड की लिफ्टर से है। चीनी लिफ्टर ने हाल ही में थाईलैंड ओपन में 217 किलो वजन उठाया है, जबकि बाकी तीनों लिफ्टर 200 या उससे अधिक वजन उठा चुकी हैं। मीरा का श्रेष्ठ 205 किलो है, लेकिन दिसंबर, 2022 के बाद से उन्होंने 200 किलो वजन नहीं उठाया है। विजय मानते हैं कि दुनिया इस बार मीरा को पदक का दावेदार नहीं मान रही है और यही उनके लिए सकारात्मक पक्ष है।