AI: नई दिल्ली में आयोजित होगा 'एआई इम्पैक्ट समिट'; ग्लोबल साउथ तय करेगा दुनिया का एआई एजेंडा
भारत 19-20 फरवरी 2026 को नई दिल्ली में 'इंडिया-एआई इम्पैक्ट समिट 2026' की मेजबानी करेगा। जो ग्लोबल साउथ के देशों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के वैश्विक एजेंडे को आकार देने का एक ऐतिहासिक अवसर होगा।
विस्तार
भारत 2026 की शुरुआत में 'एआई इम्पैक्ट समिट' (AI Impact Summit) की मेजबानी करने जा रहा है। 19-20 फरवरी के बीच होने वाला ये समिट 'ग्लोबल साउथ' के देशों के लिए एक बड़ा अवसर होगा। यहां वे न सिर्फ एक साथ मिलकर समाधानों पर चर्चा करेंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के एजेंडे को सक्रिय रूप से आकार भी देंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।
समिट की मुख्य बातें
'इंडिया-एआई इम्पैक्ट समिट 2026' का आयोजन 19-20 फरवरी 2026 को नई दिल्ली में किया जाएगा। इस आयोजन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह पहली बार होगा जब 'ग्लोबल साउथ' में कोई वैश्विक एआई समिट आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले ब्लेचली पार्क (यूनाइटेड किंगडम), सियोल और पेरिस में ऐसे समिट हो चुके हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने समझाया महत्व
जितिन प्रसाद ने स्पष्ट किया कि यह आयोजन केवल दिखावे के लिए नहीं है, बल्कि इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में एआई के अधिकतर यूजर और डाटा उभरती हुई और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं से आएंगे। इसलिए, "इन देशों की जरूरतों, सीमाओं और नवाचारों को ही वैश्विक एआई इकोसिस्टम का आधार होना चाहिए"।
क्या होगा समिट का विजन?
यह समिट तीन बातों पर केंद्रित होगी- लोग, धरती और विकास। भारत का मानना है कि तकनीक तब सबसे ज्यादा काम की तब होती है जब उसे शुरू से ही सभी के लिए बनाया जाए। यह खुली और पारदर्शी हो और लोग उस पर भरोसा कर सकें। इस समिट में सरकार, कंपनियां, वैज्ञानिक और समाज से जुड़े लोग एक साथ आएंगे, ताकि एआई का इस्तेमाल इंसानों की भलाई और सभी को साथ लेकर आगे बढ़ने के लिए किया जा सके।
समिट में कौन हैं 7 प्रमुख सहयोग क्षेत्र?
यह समिट 'विजन से निष्पादन' के विचार पर केंद्रित होगा। इसमें सहयोग के सात प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा:
1. मानव पूंजी और सामाजिक समावेश
2. सुरक्षित एआई
3. लचीलापन
4. वैज्ञानिक सहयोग
5. एकसमान पहुंच
6. आर्थिक विकास के लिए एआई को स्केल करना
7. जनकल्याण
समिट को मिला वैश्विक समर्थन
फ्रांस की एआई और डिजिटल एम्बेसडर क्लारा चापाज ने कहा कि यह समिट सिर्फ चर्चा के लिए नहीं है। बल्कि अब बातों को काम में बदलने का सही मौका है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के टेक्नोलॉजी दूत अमनदीप सिंह गिल ने कहा कि सोशल मीडिया और परमाणु ऊर्जा जैसे पुराने तकनीकी बदलावों से यह साफ हो चुका है। कि देशों को मिलकर काम करना जरूरी होता है। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब किसी विकासशील देश में एआई समिट हो रही है। इससे वैश्विक बातचीत में ज्यादा देशों और लोगों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।