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Smartphones In 2026: क्या नए साल में और भी स्मार्ट बनेंगे स्मार्टफोन? जानिए कौन-सी तकनीकें लाएंगी बड़ा बदलाव
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Wed, 17 Dec 2025 05:10 PM IST
सार
अगले साल स्मार्टफोन्स की कीमतें बढ़ने वाली हैं। सिर्फ कीमत ही नहीं, बल्कि बैटरी तकनीक, कूलिंग सिस्टम और डिजाइन में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इस रिपोर्ट में जानिए 2026 में मोबाइल की दुनिया कैसे बदलने वाली है।
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अगले साल स्मार्टफोन इंडस्ट्री में क्या बदलेगा?
- फोटो : AI
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विस्तार
अगर आप पिछले कुछ वर्षों से लॉन्च हो रहे स्मार्टफोन्स पर नजर डालें, तो एक बात साफ है कि अब फोन्स में कुछ नया दिखना बंद हो गया है। चाहे वह Apple हो, Samsung हो या Google, बड़ी कंपनियां हर साल अपने नए मॉडल तो ला रही हैं, लेकिन डिजाइन और हार्डवेयर के मामले में वही पुरानी चीजें दोहराई जा रही हैं। iPhone के Pro मॉडल्स हों या Galaxy S सीरीज, सब कुछ एक ठहराव पर आ गया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर 2026 में क्या बदलेगा?
क्या हमें फिर से वही पुराने छोटे-मोटे अपडेट्स मिलेंगे या कंपनियां वास्तव में कुछ क्रांतिकारी पेश करने वाली हैं? आइए विस्तार से समझते हैं कि अगला साल मोबाइल इंडस्ट्री के लिए कैसा रहने वाला है।
कीमतों में उछाल से स्मार्टफोन होंगे महंगे
सबसे पहले एक कड़वी खबर यह है कि 2026 में स्मार्टफोन्स की कीमतें बढ़ने वाली हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि पूरी दुनिया में AI डेटा सेंटर्स तेजी से बढ़ रहे हैं और इन सेंटर्स को चलाने में भारी मात्रा में मेमोरी चिप्स की जरूरत होती है। ऐसे में चिप बनाने वाली कंपनियां एआई चिप्स तैयार करने को प्राथमिकता दे रही हैं। इससे मोबाइल फोन सेगमेंट की चिप्स की कमी हो गई है। ऐसे में ज्यादा डिमांड और कम सप्लाई होने के कारण मेमोरी चिप्स महंगी हो गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बजट स्मार्टफोन्स बनाने की सामग्री लागत 30% तक और मिड-रेंज या प्रीमियम फोन की लागत 15% तक बढ़ गई है, जिसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ना तय है।
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क्या हमें फिर से वही पुराने छोटे-मोटे अपडेट्स मिलेंगे या कंपनियां वास्तव में कुछ क्रांतिकारी पेश करने वाली हैं? आइए विस्तार से समझते हैं कि अगला साल मोबाइल इंडस्ट्री के लिए कैसा रहने वाला है।
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कीमतों में उछाल से स्मार्टफोन होंगे महंगे
सबसे पहले एक कड़वी खबर यह है कि 2026 में स्मार्टफोन्स की कीमतें बढ़ने वाली हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि पूरी दुनिया में AI डेटा सेंटर्स तेजी से बढ़ रहे हैं और इन सेंटर्स को चलाने में भारी मात्रा में मेमोरी चिप्स की जरूरत होती है। ऐसे में चिप बनाने वाली कंपनियां एआई चिप्स तैयार करने को प्राथमिकता दे रही हैं। इससे मोबाइल फोन सेगमेंट की चिप्स की कमी हो गई है। ऐसे में ज्यादा डिमांड और कम सप्लाई होने के कारण मेमोरी चिप्स महंगी हो गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बजट स्मार्टफोन्स बनाने की सामग्री लागत 30% तक और मिड-रेंज या प्रीमियम फोन की लागत 15% तक बढ़ गई है, जिसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ना तय है।
स्मार्टफोन
- फोटो : AI जनरेडेड
AI और कूलिंग टेक्नोलॉजी पर बढ़ेगा फोकस
जब फोन के डिजाइन में कुछ बहुत नया करने को नहीं बचा, तो कंपनियां अब अपना पूरा जोर सॉफ्टवेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर लगा रही हैं। 2026 में NPUs (Neural Processing Units) का बोलबाला होगा, जो फोन के अंदर ही AI टास्क को सुरक्षित रूप से प्रोसेस करेंगे। Google अपने Tensor G5 और Apple अपने A19 चिप्स के जरिए फोन को सुपर-इंटेलिजेंट बनाने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, जब फोन में इतना पावरफुल AI चलेगा, तो जाहिर है कि वह गर्म भी ज्यादा होगा। इस समस्या से निपटने के लिए अगले साल कूलिंग सिस्टम पर बड़ा काम होगा। Apple ने iPhone 17 Pro सीरीज में वेपर कूलिंग चैंबर और एल्युमिनियम बॉडी का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, और अन्य ब्रांड्स भी फोन को ठंडा रखने के लिए नई तकनीकों को अपनाएंगे।
यह भी पढ़ें: न iPhone और न ही Samsung, बिक्री के मामले में आज तक इस फोन को कोई नहीं दे पाया टक्कर
बैटरी क्रांति, डिस्प्ले और फोल्डेबल का भविष्य
बैटरी तकनीक में भी एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। चीनी कंपनियां पहले ही सिलिकॉन-कार्बन बैटरी का इस्तेमाल कर 10,000mAh तक की क्षमता दे रही हैं, लेकिन Apple और Samsung अब तक इससे बचते रहे हैं। 2026 में यह बदलने वाला है। जैसे-जैसे यह तकनीक सुरक्षित हो रही है, उम्मीद है कि बड़ी टेक कंपनियां भी अब अपने फोन्स में ज्यादा क्षमता वाली बैटरी और तेज चार्जिंग देंगी।
आम होंगे अंडर-डिस्प्ले कैमरा वाले फोन
इसके अलावा, स्क्रीन पर मौजूद पंच-होल या नॉच को हटाने के लिए अंडर-डिस्प्ले कैमरा तकनीक प्रीमियम फोन्स में मेनस्ट्रीम बन सकती है। वहीं, फोल्डेबल फोन्स की दुनिया में मुकाबला और भी दिलचस्प होने वाला है। कुल मिलाकर, 2026 में कैमरे में तो बहुत बड़े बदलाव नहीं दिखेंगे, लेकिन बैटरी, स्क्रीन और AI परफॉरमेंस के मामले में यह साल रोमांचक होगा।
जब फोन के डिजाइन में कुछ बहुत नया करने को नहीं बचा, तो कंपनियां अब अपना पूरा जोर सॉफ्टवेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर लगा रही हैं। 2026 में NPUs (Neural Processing Units) का बोलबाला होगा, जो फोन के अंदर ही AI टास्क को सुरक्षित रूप से प्रोसेस करेंगे। Google अपने Tensor G5 और Apple अपने A19 चिप्स के जरिए फोन को सुपर-इंटेलिजेंट बनाने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, जब फोन में इतना पावरफुल AI चलेगा, तो जाहिर है कि वह गर्म भी ज्यादा होगा। इस समस्या से निपटने के लिए अगले साल कूलिंग सिस्टम पर बड़ा काम होगा। Apple ने iPhone 17 Pro सीरीज में वेपर कूलिंग चैंबर और एल्युमिनियम बॉडी का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, और अन्य ब्रांड्स भी फोन को ठंडा रखने के लिए नई तकनीकों को अपनाएंगे।
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बैटरी क्रांति, डिस्प्ले और फोल्डेबल का भविष्य
बैटरी तकनीक में भी एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। चीनी कंपनियां पहले ही सिलिकॉन-कार्बन बैटरी का इस्तेमाल कर 10,000mAh तक की क्षमता दे रही हैं, लेकिन Apple और Samsung अब तक इससे बचते रहे हैं। 2026 में यह बदलने वाला है। जैसे-जैसे यह तकनीक सुरक्षित हो रही है, उम्मीद है कि बड़ी टेक कंपनियां भी अब अपने फोन्स में ज्यादा क्षमता वाली बैटरी और तेज चार्जिंग देंगी।
आम होंगे अंडर-डिस्प्ले कैमरा वाले फोन
इसके अलावा, स्क्रीन पर मौजूद पंच-होल या नॉच को हटाने के लिए अंडर-डिस्प्ले कैमरा तकनीक प्रीमियम फोन्स में मेनस्ट्रीम बन सकती है। वहीं, फोल्डेबल फोन्स की दुनिया में मुकाबला और भी दिलचस्प होने वाला है। कुल मिलाकर, 2026 में कैमरे में तो बहुत बड़े बदलाव नहीं दिखेंगे, लेकिन बैटरी, स्क्रीन और AI परफॉरमेंस के मामले में यह साल रोमांचक होगा।