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Quantum: वैज्ञानिकों ने खोजा एक अनोखा क्रिस्टल, क्या इससे क्वांटम कंप्यूटिंग की दुनिया में क्रांति आएगी?

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Mon, 29 Dec 2025 10:55 AM IST
सार

वैज्ञानिकों ने प्लेटिनम-बिस्मथ-टू (PtBi2) नाम के एक अनोखे क्रिस्टल की खोज की है, जो क्वांटम कंप्यूटिंग के भविष्य को नई दिशा दे सकता है। यह क्रिस्टल बाहर से सुपरकंडक्टर की तरह काम करता है, जबकि इसका अंदरूनी हिस्सा एक सामान्य धातु जैसा व्यवहार करता है।

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Quantum Computing’s Future: A ‘Magical’ Crystal That Could Change Everything
क्वांटम कंप्यूटिंग (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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विस्तार
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वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसा अनोखा क्रिस्टल खोजा है जो क्वांटम कंप्यूटिंग की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकता है। इस क्रिस्टल का नाम प्लेटिनम-बिस्मथ-टू (PtBi2) है। यह इसलिए खास है क्योंकि यह बाहर से सुपरकंडक्टर की तरह काम करता है, लेकिन अंदर से एक सामान्य धातु जैसा व्यवहार करता है। सीधे शब्दों में कहें तो यह क्रिस्टल फिजिक्स के पुराने नियमों को चुनौती देता है।

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प्लेटिनम-बिस्मथ-टू क्या है?

प्लेटिनम-बिस्मथ-टू (PtBi2) एक चमकीला ग्रे रंग का क्रिस्टल है। आमतौर पर जब कोई चीज सुपरकंडक्टर होती है तो उसमें पूरे मैटेरियल में बिना रुकावट बिजली बहती है। लेकिन PtBi2 में ऐसा नहीं है। इसकी ऊपरी और निचली सतह पर बिजली बिना ऊर्जा गंवाए बहती है जबकि इसका अंदरूनी हिस्सा एक सामान्य धातु की तरह काम करता है। यानी, सुपरकंडक्टिविटी सिर्फ इसकी सतह तक सीमित रहती है, यही बात इसे खास बनाता है।

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यह खोज इतनी खास क्यों है?

इस क्रिस्टल में कुछ ऐसी खूबियां हैं, जो पहले कभी नहीं देखी गईं। इसकी सतह पर इलेक्ट्रॉन्स एक छह-गुना (Sixfold) पैटर्न में जोड़ी बनाते हैं। ऐसा पैटर्न पहले किसी भी मैटेरियल में नहीं मिला था। IFW Dresden के अध्ययन के मुताबिक, अगर इस क्रिस्टल को काट भी दिया जाए तो नई सतह पर इलेक्ट्रॉन्स फिर से जोड़ी बना लेते हैं और सुपरकंडक्टिविटी बनी रहती है। कम तापमान पर अंदर का हिस्सा सामान्य रहता है लेकिन सतह सुपरकंडक्टर बन जाती है। 

क्वांटम कंप्यूटिंग और मेजराना कणों में क्या संबध है?

इस खोज का सबसे अहम हिस्सा मेजराना कण (Majorana Particles) है। ये ऐसे कण होते हैं जो खुद ही अपना एंटी-पार्टिकल होते हैं। ये कण बेहद स्थिर माने जाते हैं। PtBi2 की खासियत यह है कि यह अपने किनारों पर इन मेजराना कणों को प्राकृतिक रूप से पकड़कर रख सकता है। 

क्यों है ये क्वांटम कंप्यूटर के लिए फायदेमंद?

क्वांटम कंप्यूटर, क्यूबिट्स (Qubits) पर काम करते हैं। अभी की सबसे बड़ी समस्या यह है कि क्यूबिट्स बहुत नाजुक होते हैं। थोड़ी सी गड़बड़ी में ही ये खराब हो जाते हैं। PtBi2 को एक प्राकृतिक टोपोलॉजी सुपरकंडक्टर माना जा रहा है। इसका मतलब है इसके किनारों पर मौजूद मेजराना कणों से बहुत मजबूत और स्थिर क्यूबिट्स बनाए जा सकते हैं।

भविष्य की क्या हैं संभावनाएं?

Jeroen van den Brink का मानना है कि यह खोज टोपोलॉजी (Topology) क्वांटम कंप्यूटिंग को हकीकत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब वैज्ञानिक इस क्रिस्टल को बेहतर तरीके से कंट्रोल करने पर काम कर रहे हैं। जैसे इसे ज्यादा पतला बनाना और चुंबकीय क्षेत्र की मदद से मेजराना कणों को खास जगह पर लॉक करना

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