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Trump Tariffs: भारत सरकार का बड़ा फैसला, ब्रॉडबैंड डिवाइस की अनिवार्य टेस्टिंग की समय सीमा सितंबर तक बढ़ी

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्रदीप पाण्डेय Updated Wed, 09 Apr 2025 09:47 AM IST
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सार

नए आदेश में कहा गया है, "1 सितंबर 2025 से ऐसे सभी उत्पादों को भारतीय दूरसंचार सुरक्षा आश्वासन आवश्यकताओं (ITSAR) के तहत ComSec योजना के अंतर्गत अनिवार्य रूप से प्रमाणित किया जाएगा।"

Big decision of Indian Government, deadline for mandatory testing of broadband devices extended till September
WIFI Router - फोटो : FREEPIK
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विस्तार
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दूरसंचार विभाग ने ब्रॉडबैंड उपकरणों की अनिवार्य टेस्टिंग और प्रमाणन की समय-सीमा को 1 सितंबर 2025 तक बढ़ा दिया है। यह फैसला अमेरिका के साथ टैरिफ (शुल्क) से जुड़े मुद्दों पर चल रही बातचीत के बीच लिया गया है। अमेरिका सरकार ने भारत में दूरसंचार क्षेत्र में लागू टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन नियमों को बोझिल करार दिया है, जिससे अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में अपने उत्पाद बेचना महंगा और मुश्किल हो जाता है।

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दूरसंचार विभाग के तहत काम करने वाला नेशनल सेंटर फॉर कम्युनिकेशन सिक्योरिटी (NCCS) ने 7 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि ऑप्टिकल नेटवर्क टर्मिनल (ONT) और ऑप्टिकल लाइन टर्मिनल (OLT) जैसे उत्पाद 31 अगस्त 2025 तक वॉलंटरी सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन (VSC) व्यवस्था के तहत आएंगे। इस दौरान प्रशासनिक शुल्क और सुरक्षा टेस्ट का मूल्यांकन शुल्क नहीं लिया जाएगा।

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इससे पहले विभाग ने उन ONT उपकरणों के लिए जो पहले से नेटवर्क में लगाए जा चुके हैं और जिनमें हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर में बदलाव प्रस्तावित हैं, उनके लिए 1 अप्रैल 2025 से अनिवार्य टेस्टिंग की समय-सीमा तय की थी। वहीं, जिन ONT उपकरणों का अब तक सर्टिफिकेशन नहीं हुआ है और जो भारत में बेचे जाने हैं, उनके लिए 2 फरवरी 2025 की अंतिम तिथि तय की गई थी।

नए आदेश में कहा गया है, "1 सितंबर 2025 से ऐसे सभी उत्पादों को भारतीय दूरसंचार सुरक्षा आश्वासन आवश्यकताओं (ITSAR) के तहत ComSec योजना के अंतर्गत अनिवार्य रूप से प्रमाणित किया जाएगा।" गौरतलब है कि OLT उपकरण ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं की तरफ लगाए जाते हैं जो ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से सिग्नल ट्रांसमिट करते हैं, जबकि ONT उपकरण ग्राहक के यहां लगाए जाते हैं जो सेवा को एक्सेस करने के लिए होते हैं।

 

दूरसंचार विभाग ने 2020 में 'कम्युनिकेशन सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन स्कीम (ComSec)' शुरू की थी, जिसके अंतर्गत सभी दूरसंचार उपकरणों की सुरक्षा टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन अनिवार्य की गई है। इस योजना के अंतर्गत राउटर्स, कोर इक्विपमेंट, 5G बेस स्टेशन और सर्वर जैसे विभिन्न टेलीकॉम उपकरण शामिल हैं।

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