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Indian Army: AI के क्षेत्र में सेना ने साबित किया लोहा, हासिल किया स्वदेशी AI बेस्ड डिफेंस तकनीक का पेटेंट
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Thu, 11 Sep 2025 06:30 PM IST
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सार
Indian Army New AI System Patent: भारतीय सेना ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस एक अनोखी तकनीक का पेटेंट हासिल किया है। यह सिस्टम अपने आप दुश्मन के टारगेट्स की पहचान कर उन्हें क्लासिफाई कर सकता है, जिससे ऑपरेशनल क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।

नए पेटेंट से सेना को मिलेगी AI के क्षेत्र में बढ़त
- फोटो : X/@adgpi
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विस्तार
भारतीय सेना ने एक एआई आधारित ‘ऑटोमैटिक टारगेट क्लासिफाइंग सिस्टम’ का पेटेंट हासिल किया है। खास बात ये है कि इसकी टेक्नोलॉजी को कर्नल कुलदीप यादव द्वारा इन-हाउस विकसित किया गया है। यह सिस्टम पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित है, जो बिना मानवीय हस्तक्षेप के राडार पर आने वाले टारगेट्स की पहचान और वर्गीकरण कर सकता है।
कैसे काम करता है सिस्टम
यह तकनीक सेंसर और एडवांस्ड एल्गोरिदम की मदद से रियल-टाइम डेटा जैसे इमेज और राडार सिग्नल को स्कैन करती है। इसके बाद उन्हें डेटाबेस से तुलना करके तेजी से टारगेट्स को पहचान लेती है। इंसानों की तुलना में यह सिस्टम ज्यादा तेज और सटीक रिजल्ट देता है, इसलिए इसे मिसाइल गाइडेंस और अन्य रक्षा संबंधित प्रयोगों में बेहद उपयोगी माना जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम
भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक X पोस्ट में लिखा कि कर्नल यादव की यह इनोवेशन सेना की इनोवेशन क्षमता, तकनीकी आत्मनिर्भरता और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
कर्नल यादव की दूसरी इनोवेशन भी खास
इससे पहले कर्नल यादव की एक और तकनीक को भी पेटेंट मिल चुका है। साल 2023 में उन्हें AI-पावर्ड एक्सीडेंट प्रिवेंशन सिस्टम का पेटेंट मिला था, जिसकी वैधता 20 साल तक रहेगी। यह सिस्टम ड्राइवर की नींद या थकान को पहचानकर उन्हें तुरंत अलर्ट कर देता है, जिससे सड़क हादसों को रोकने में बड़ी मदद मिल सकती है।

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कैसे काम करता है सिस्टम
यह तकनीक सेंसर और एडवांस्ड एल्गोरिदम की मदद से रियल-टाइम डेटा जैसे इमेज और राडार सिग्नल को स्कैन करती है। इसके बाद उन्हें डेटाबेस से तुलना करके तेजी से टारगेट्स को पहचान लेती है। इंसानों की तुलना में यह सिस्टम ज्यादा तेज और सटीक रिजल्ट देता है, इसलिए इसे मिसाइल गाइडेंस और अन्य रक्षा संबंधित प्रयोगों में बेहद उपयोगी माना जा रहा है।
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आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम
भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक X पोस्ट में लिखा कि कर्नल यादव की यह इनोवेशन सेना की इनोवेशन क्षमता, तकनीकी आत्मनिर्भरता और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
#IndianArmy has been successfully granted a patent for its in-house innovation — ‘Automatic Target Classifying System based on Artificial Intelligence’. This innovative solution will autonomously identify and classify targets on radar without the need for human intervention,… pic.twitter.com/lKzrLSjPHJ
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) September 10, 2025
कर्नल यादव की दूसरी इनोवेशन भी खास
इससे पहले कर्नल यादव की एक और तकनीक को भी पेटेंट मिल चुका है। साल 2023 में उन्हें AI-पावर्ड एक्सीडेंट प्रिवेंशन सिस्टम का पेटेंट मिला था, जिसकी वैधता 20 साल तक रहेगी। यह सिस्टम ड्राइवर की नींद या थकान को पहचानकर उन्हें तुरंत अलर्ट कर देता है, जिससे सड़क हादसों को रोकने में बड़ी मदद मिल सकती है।