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Alexandr Wang: मेटा के AI चीफ की बच्चों को नसीहत, कहा- सफल बनना है तो 13 साल की उम्र में ही शुरू कर दो ये काम
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Thu, 13 Nov 2025 11:36 AM IST
सार
Meta के चीफ AI ऑफिसर Alexandr Wang का कहना है कि जो बच्चे आज से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीखना शुरू कर देंगे, वही भविष्य की दौड़ में आगे रहेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों को 13 साल की उम्र से ही AI टूल्स का इस्तेमाल सीख लेना चाहिए।
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मेटा में चीफ एआई ऑफिसर हैं एलेक्जेंडर वांग
- फोटो : Alexandr Wang/Instagram
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विस्तार
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) कई क्षेत्रों में बदलाव ला रहा है। इसके बारे में जानकारी रखना अब हर प्रोफेशनल के लिए जरूरी बनता जा रहा है। Meta के चीफ AI ऑफिसर Alexandr Wang का कहना है कि अगर आने वाली पीढ़ी को भविष्य में सफलता हासिल करनी है, तो उन्हें अभी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में डूब जाना होगा। उन्होंने कहा कि जैसे बिल गेट्स और मार्क जुकरबर्ग ने अपने किशोरावस्था में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी को सीखा और समझा, जिससे वे आने वाले समय के लिए तैयार हो सके। वैसे ही आज के बच्चों को AI टूल्स के साथ समय बिताना चाहिए।
13 की उम्र से ही शुरू करें ‘Vibe-Coding’
Meta Connect 2025 के दौरान TBPN पॉडकास्ट में Wang ने कहा, “अगर आप 13 साल के हैं, तो अपना ज्यादातर समय ‘vibe-coding’ में लगाइए। यह वही पल है, जैसा बिल गेट्स और जुकरबर्ग के लिए 80s में था। जो बच्चे अभी से AI के साथ काम करना सीखेंगे, उन्हें आने वाले दशक में सबसे बड़ा फायदा होगा।”
उन्होंने बताया कि बिल गेट्स जैसे लोग रात में लैब में छिपकर प्रोग्रामिंग सीखते थे, और आज वही मानसिकता AI सीखने में अपनानी चाहिए।
क्या है Vibe-Coding?
Wang ने vibe-coding शब्द का इस्तेमाल किया, जो सीखने की एक नई शैली है। इसमें बच्चे और युवा AI टूल्स और कोडिंग असिस्टेंट्स के साथ प्रयोग करते हैं, गलतियां करते हैं, सुधारते हैं और सिस्टम को समझते हैं। यह पारंपरिक कोर्स से हटकर प्रैक्टिकल लर्निंग पर आधारित है। Wang का कहना है कि अगर कोई बच्चा 10,000 घंटे तक AI टूल्स के साथ एक्सपेरिमेंट करता है, तो वह दूसरों से कहीं ज्यादा आगे रहेगा। उनका मानना है कि AI को सबसे अच्छे तरीके से इस्तेमाल करना सीखना ही असली खेल है।
Meta की AI में रेस और कंपनी में बदलाव
Meta इस वक्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बड़ा दांव खेल रही है। हालांकि, कंपनी हाल ही में अपने AI डिवीजन से करीब 600 कर्मचारियों की छंटनी भी कर चुकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Wang के नेतृत्व में बने Superintelligence Labs के नए कर्मचारियों को इससे प्रभावित नहीं किया गया है। Meta फिलहाल अपने संसाधनों को पुनर्गठित कर रही है ताकि AI रेस में Google और OpenAI जैसे दिग्गजों से मुकाबला कर सके।
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13 की उम्र से ही शुरू करें ‘Vibe-Coding’
Meta Connect 2025 के दौरान TBPN पॉडकास्ट में Wang ने कहा, “अगर आप 13 साल के हैं, तो अपना ज्यादातर समय ‘vibe-coding’ में लगाइए। यह वही पल है, जैसा बिल गेट्स और जुकरबर्ग के लिए 80s में था। जो बच्चे अभी से AI के साथ काम करना सीखेंगे, उन्हें आने वाले दशक में सबसे बड़ा फायदा होगा।”
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उन्होंने बताया कि बिल गेट्स जैसे लोग रात में लैब में छिपकर प्रोग्रामिंग सीखते थे, और आज वही मानसिकता AI सीखने में अपनानी चाहिए।
क्या है Vibe-Coding?
Wang ने vibe-coding शब्द का इस्तेमाल किया, जो सीखने की एक नई शैली है। इसमें बच्चे और युवा AI टूल्स और कोडिंग असिस्टेंट्स के साथ प्रयोग करते हैं, गलतियां करते हैं, सुधारते हैं और सिस्टम को समझते हैं। यह पारंपरिक कोर्स से हटकर प्रैक्टिकल लर्निंग पर आधारित है। Wang का कहना है कि अगर कोई बच्चा 10,000 घंटे तक AI टूल्स के साथ एक्सपेरिमेंट करता है, तो वह दूसरों से कहीं ज्यादा आगे रहेगा। उनका मानना है कि AI को सबसे अच्छे तरीके से इस्तेमाल करना सीखना ही असली खेल है।
Meta की AI में रेस और कंपनी में बदलाव
Meta इस वक्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बड़ा दांव खेल रही है। हालांकि, कंपनी हाल ही में अपने AI डिवीजन से करीब 600 कर्मचारियों की छंटनी भी कर चुकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Wang के नेतृत्व में बने Superintelligence Labs के नए कर्मचारियों को इससे प्रभावित नहीं किया गया है। Meta फिलहाल अपने संसाधनों को पुनर्गठित कर रही है ताकि AI रेस में Google और OpenAI जैसे दिग्गजों से मुकाबला कर सके।