सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Technology ›   Tech Diary ›   Russia tightens internet control: facetime, snapchat and roblox blocked under new security crackdown

Russia Internet Control: रूस में बढ़ी इंटरनेट सख्ती; स्नैपचैट और फेसटाइम पर पाबंदी, यूट्यूब पर भी असर

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Fri, 05 Dec 2025 12:51 PM IST
सार

रूस ने इंटरनेट पर कड़ा रुख दिखाते हुए स्नैपचैट और एपल के फेसटाइम को बैन कर दिया है। आरोप है कि आतंकी गतिविधी, धोखाधड़ी और अन्य अपराधों में ये एप्स शामिल थे। इसके अलावा यूट्यूब पर भी असर बताया जा रहा है। 

विज्ञापन
Russia tightens internet control: facetime, snapchat and roblox blocked under new security crackdown
रूस ने स्नैपचैट और एपल की फेसटाइम पर पाबंदी लगाई। (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : Amar Ujala
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

रूस ने एप्पल की वीडियो कॉलिंग सर्विस फेसटाइम पर नई पाबंदी लगा दी है। देश की इंटरनेट निगरानी एजेंसी Roskomnadzor का कहना है कि फेसटाइम का इस्तेमाल देश में आतंकी गतिविधियों, लोगों को भड़काने, धोखाधड़ी और अन्य अपराधों में किया जा रहा है। इसी वजह से सरकार ने इस सर्विस की पहुंच को सीमित कर दिया है। एप्पल की ओर से इस फैसले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

Trending Videos

स्नैपचैट भी हुआ ब्लॉक

Roskomnadzor ने यह भी बताया कि उसने लोकप्रिय मैसेजिंग एप स्नैपचैट को भी ब्लॉक कर दिया है। एजेंसी का कहना है कि स्नैपचैट पर भी वही आपत्तियां थीं, जैसी फेसटाइम पर थीं। हालांकि यह पाबंदी 10 अक्तूबर को ही लगा दी गई थी, लेकिन इसकी जानकारी अब सार्वजनिक की गई है।

विज्ञापन
विज्ञापन

इंटरनेट पर बढ़ती सख्ती

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शासन में रूस इंटरनेट पर अपना नियंत्रण लगातार बढ़ा रहा है। सरकार ने कई सख्त कानून बनाए हैं, और जो वेबसाइटें या प्लेटफॉर्म इन नियमों का पालन नहीं करते, उन्हें ब्लॉक कर दिया जाता है। इसके साथ ही ऑनलाइन ट्रैफिक की निगरानी और कंट्रोल करने वाली तकनीक को भी और मजबूत किया गया है। 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद रूस ने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी पाबंदी लगा दी थी।

यूट्यूब पर भी असर

पिछले साल रूस में यूट्यूब की स्पीड जानबूझकर धीमी कर दी गई थी, इसे विशेषज्ञ थ्रॉटलिंग कहते हैं। लेकिन सरकार ने इसका आरोप गूगल पर लगा दिया। हालांकि लोग VPN की मदद से कुछ साइट्स तक अभी भी पहुंच सकते हैं, लेकिन रूस समय-समय पर VPN सर्विसेज को भी ब्लॉक करता रहता है।

मोबाइल इंटरनेट पर भी नियंत्रण

इस साल गर्मियों में रूस के कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट को बड़े पैमाने पर बंद कर दिया गया। सरकार का कहना था कि यह कदम यूक्रेनी ड्रोन हमलों को रोकने के लिए उठाया गया।
लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह इंटरनेट पर और ज्यादा नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश है। कई क्षेत्रों में सिर्फ सरकार के जरिए मंजूर वेबसाइट्स की वाइट लिस्ट जारी की गई और लोग केवल इन्हीं साइट्स को खोल सकते हैं।

मैसेजिंग एप्स पर कार्रवाई

रूस ने हाल के वर्षों में कई लोकप्रिय मैसेजिंग एप्स पर भी कार्रवाई की है। 2024 में सिग्नल और वाइबर को ब्लॉक कर दिया गया था। 2025 में वाट्सएप और टेलीग्राम पर कॉलिंग फीचर पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सरकार का कहना है कि इन एप्स का इस्तेमाल अपराधों के लिए किया जा रहा था।

देश में बने मैसेंजर MAX को बढ़ावा

इन्हीं हालात के बीच सरकार अपने नए घरेलू एप MAX को बढ़ावा दे रही है। यह एप मैसेजिंग, पेमेंट, सरकारी सेवाएं और कई दूसरी सुविधाएं देता है। लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह एप निगरानी के लिए बनाया गया प्लेटफॉर्म लग रहा है। क्योंकि जरूरत पड़ने पर यह उपयोगकर्ताओं का डाटा सरकार को दे सकता है। इसके अलावा इस एप में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन भी नहीं है।

लोकप्रिय गेमिंग प्लेटफॉर्म रोब्लॉक्स भी ब्लॉक

इस हफ्ते रूस ने लोकप्रिय गेमिंग प्लेटफॉर्म रोब्लॉक्स को भी ब्लॉक कर दिया। सरकार का दावा है कि यह कदम बच्चों को अवैध कंटेंट और ऑनलाइन शिकारियों (पेडोफाइल्स) से बचाने के लिए उठाया गया है।

फेसटाइम और रोब्लॉक्स को क्यों रोका गया?

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ स्तानिस्लाव सेलेजनेव के अनुसार, रूस का कानून किसी भी मैसेजिंग वाले प्लेटफॉर्म को 'सूचना प्रसार आयोजक' मानता है। यानी ऐसे हर एप या प्लेटफॉर्म को कुछ सख्त नियम मानने पड़ते हैं जैसे:

  • उन्हें Roskomnadzor (रूस की इंटरनेट निगरानी एजेंसी) के साथ रजिस्टर करना पड़ता है।
  • प्लेटफॉर्म को सुरक्षा एजेंसी FSB को जरूरत पड़ने पर यूजर अकाउंट की जानकारी देनी पड़ती है।
  • अगर कोई कंपनी इन नियमों को नहीं मानती, तो रूस उसे ब्लॉक कर देता है।

 

विशेषज्ञों के अनुसार

रूस में रोब्लॉक्स के महीने के करीब 80 लाख यूजर्स थे। वहीं फेसटाइम का इस्तेमाल भी करोड़ों लोग कर रहे थे। फेसटाइम का इस्तेमाल तब ज्यादा होने लगा था जब वाट्सएप और टेलीग्राम पर कॉलिंग बंद कर दी गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि फेसटाइम पर पाबंदी लगना पहले से ही तय जैसा था। उनका यह भी मानना है कि रूस में जो प्लेटफॉर्म इंटरनेट नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें भी जल्द ब्लॉक किया जा सकता है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News App अपने मोबाइल पे|
Get all Tech News in Hindi related to live news update of latest mobile reviews apps, tablets etc. Stay updated with us for all breaking news from Tech and more Hindi News.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed