सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Amroha News ›   Amroha: system is disrepair, 18 thousand children are fighting battle against malnutrition, 17 children admitt

Amroha: व्यवस्था हुई बेहाल, कुपोषण से जंग लड़ रहे 18 हजार नौनिहाल, 17 बच्चे एनआरसी वार्ड में भर्ती

अमर उजाला नेटवर्क, अमरोहा Published by: विमल शर्मा Updated Fri, 24 May 2024 03:45 PM IST
विज्ञापन
सार

 यूपी के अमरोहा जिले में करीब 18516 बच्चे कुपोषण से जंग लड़ रहे हैं। स्थिति ये है कि 6931 बच्चे लाल श्रेणी में हैं। विभाग के मुताबिक 17 बच्चों का जिला अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में इलाज चल रहा है। 

Amroha: system is disrepair, 18 thousand children are fighting battle against malnutrition, 17 children admitt
जिला अस्पताल के एनआरसी वार्ड में भर्ती मरीज - फोटो : संवाद
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कुपोषण को खत्म करने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं धरातल पर बेअसर साबित हो रही हैं और कुपोषण की काली छाया मासूमों की जिंदगी को बर्बाद कर रही है। यही कारण है कि जिले के करीब 18516 बच्चे कुपोषण से जंग लड़ रहे हैं। स्थिति ये है कि 6931 बच्चे लाल श्रेणी में हैं।

loader
Trending Videos


इसके अलावा 2577 कुपोषण की गंभीर चिकित्सीय अवस्था (सैम) और 5190 कुपोषण की चिकित्सीय अवस्था (मैम) की श्रेणी में हैं। बच्चों में कुपोषण खत्म करने के लिए जिले में 1430 आंगनबाड़ी केंद्र बने हैं। यहां पर ऐसे बच्चों की लंबाई और वजन के हिसाब से उनके स्वास्थ्य की जांच होती है।
विज्ञापन
विज्ञापन


विभाग के आंकड़ों के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों पर 123541 बच्चे पंजीकृत हैं। अप्रैल माह में 96. 52 प्रतिशत यानी एक 19236 बच्चों का वजन किया गया। इनमें से 18516 बच्चे कुपोषण का शिकार पाए गए। इनमें से 6931 बच्चे गंभीर कुपोषित हैं, जो लाल श्रेणी में रखे गए हैं।

इसके अलावा केवल अप्रैल महीने में गंभीर रूप से कुपोषित 17 बच्चों को जिला अस्पताल स्थिति पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती किया गया है।

कुपोषित बच्चों के आहार
- तीन साल के बच्चे को 24 घंटे में 2 कप दूध, दो कटोरी दाल, 3-4 कटोरी मिक्स अनाज 6 से 8 बार खिलाना ठीक रहता है।
- बच्चों को साफ पानी ही देना चाहिए।
- कोई भी संक्रमण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- छह माह के बच्चों को मां के दूध के अलावा दो कटोरी मसला हुआ खाना दिनभर में थोड़-थोड़ा कर के खिलाना चाहिए।
- आठ से दस महीनों के बच्चों को मां के दूध के अलावा तीन कटोरी प्रोटीन युक्त खाना दिनभर में खिला देना चाहिए।
- हर मौसम में विभिन्न मौसमी फलों या उनके रस को बच्चों को दें।

कुपोषण के लक्षण
- जन्म के समय दो किलो से कम वजन होना
- बच्चे में चिड़चिड़ापन और सुस्ती रहना
- बार-बार बीमारियों की चपेट में आना
- बच्चे में उम्र के साथ वजन न बढ़ना
- कई बच्चे ऐसे होते हैं, जो खाया पिया नहीं पचा पाते

इस तरह करें बचाव और बरतें सावधानी
- रोगों से बचाने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
- नौ माह की आयु तक बच्चे को मां अपना दूध पिलाएं
- जन्म से लेकर दो साल तक बच्चे रोज तीन कप दूध दें
- रोजाना दो कटोरी दाल और दलिया दिया जाए
- बच्चे को उबला हुआ पानी ठंडा कर पिलाएं
 
अत्यंत कुपोषित बच्चों को समुचित उपचार दिलाया जाता है। इसमें अभिभावकों को भी गंभीरता दिखानी चाहिए। सही देखभाल से बच्चा जल्दी ही कुपोषण की श्रेणी से बाहर आ जाता है। विभाग समय-समय पर केंद्रों पर बच्चों वजन तौलने के अलावा चेकअप भी कराता है। -संजीव कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी
 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed