{"_id":"69024a66b5f54560b90dd598","slug":"ayodhya-awakened-by-the-footsteps-of-devotees-14-kosi-parikrama-began-ayodhya-news-c-97-1-ayo1002-137285-2025-10-29","type":"story","status":"publish","title_hn":"Ayodhya News: भक्तों के कदमताल से जागी अयोध्या, 14 कोसी परिक्रमा शुरू","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    Ayodhya News: भक्तों के कदमताल से जागी अयोध्या, 14 कोसी परिक्रमा शुरू
 
            	    संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या             
                        
       Updated Wed, 29 Oct 2025 10:39 PM IST
        
       
    विज्ञापन
    
        
    
       
    
 
      
             
                            
                        50-सरयू तट का विहंगम दृश्य
                                
    
        
    
विज्ञापन
 
                                                 
                अयोध्या। शुभ मुहूर्त से पहले ही सरयू तट पर आस्था का जनसागर लहराने लगा। माथे पर तिलक, कंधे पर गमछा और होंठों पर रामनाम, हर भक्त के कदम में भक्ति का नाद था। यह दृश्य अयोध्या की 14 कोस की आध्यात्मिक परिधि का था। रामनाम सुनकर जगने वाली अयोध्या बृहस्पतिवार सुबह भक्तों के कदमताल सुनकर जगी। 14 कोसी परिक्रमा के साथ ही कार्तिक मेला शुरू हो चुका है।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
दर्जन भर से ज्यादा स्थानों पर अंतर्मन में लहराती आस्था की लहर आखिरकार मुहूर्त से पहले ही छलक उठी। आस्था का समुद्र परिक्रमा पथ पर जगह-जगह लहराने लगा। परिक्रमा का मुहूर्त 30 अक्तूबर की सुबह 04:50 बजे से था, लेकिन श्रद्धालुओं ने रात करीब दो बजे से ही परिक्रमा शुरू कर दी। जब तब आकाश में हलकी लालिमा फैली, तब तक पूरा परिक्रमा पथ भक्तों से अट-पट गया था। भोर होते-होते रामनगरी के 14 कोस की परिधि अटूट मानव शृंखला में बंध सी गई। गगनभेदी जयघोष की सामूहिक आध्यात्मिक स्वरों से 14 कोसी परिक्रमा पथ गुंजायमान होने लगा। दर्शननगर, भीखापुर, देवकाली, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, मोदहा, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, सआदतगंज, अफीम कोठी, नयाघाट आदि स्थानों से श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति की रौ में परिक्रमा करना शुरू कर दिया है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
श्रद्धालुओं की सेवा के लिए जगह जगह सेवा शिविर भी लगाए गए हैं। जलपान से लेकर चिकित्सा के पूरे इतंजाम परिक्रमा पथ पर किए गए हैं। वहीं, रामनगरी में यातायात प्रतिबंध लागू करते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नयाघाट स्थित कंट्रोल रूम में मंडलायुक्त राजेश कुमार, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम निखिल टीकाराम फुंडे, एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने कैंप कर रखा है, पूरे मेला क्षेत्र की पल-पल निगरानी की जा रही है।
सुबह से ही रामनगरी में उमड़ पड़ी भीड़
आस्था के पथ को नापने के लिए रामनगरी में बुधवार की सुबह से ही श्रद्धालु जुटने लगे थे। रामलला के दरबार में सुबह सात बजे भक्तों की लंबी कतार थी। श्रद्धालुओं ने सरयू स्नान कर रामलला व हनुमंतलला के दरबार में हाजिरी लगाई। शाम होते-होते सरयू पाटों से लेकर मठ-मंदिर भक्तों से गुलजार हो उठे। ट्रेन व बसों समेत ट्रैक्टर-ट्रालियों से श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ने लगा। कुछ श्रद्धालुओं ने बृहस्पतिवार की सुबह सरयू स्नान कर परिक्रमा का श्रीगणेश किया।
भ्रम में एक दिन पहले ही शुरू कर दी परिक्रमा
14 कोसी परिक्रमा के मुहूर्त को लेकर श्रद्धालुओं में इस बार उहापोह की स्थिति रही। परिक्रमा का मुहूर्त 30 अक्तूबर की सुबह 04:50 बजे है। उसकी जगह सोशल मीडिया पर 29 अक्तूबर को परिक्रमा का मुहूर्त बता दिया गया। इसके चलते कुछ श्रद्धालुओं ने भ्रमवश 29 अक्तूबर की सुबह 4 बजकर 50 मिनट पर ही परिक्रमा आरंभ कर दी। सुबह-सुबह जब परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई, तो सब हैरान हो गए। अंबेडकरनगर के परिक्रमार्थी अंगद ने बताया कि उन्हें पता नहीं था, अब परिक्रमा शुरू कर दिए हैं तो पूरी करेंगे।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
         
दर्जन भर से ज्यादा स्थानों पर अंतर्मन में लहराती आस्था की लहर आखिरकार मुहूर्त से पहले ही छलक उठी। आस्था का समुद्र परिक्रमा पथ पर जगह-जगह लहराने लगा। परिक्रमा का मुहूर्त 30 अक्तूबर की सुबह 04:50 बजे से था, लेकिन श्रद्धालुओं ने रात करीब दो बजे से ही परिक्रमा शुरू कर दी। जब तब आकाश में हलकी लालिमा फैली, तब तक पूरा परिक्रमा पथ भक्तों से अट-पट गया था। भोर होते-होते रामनगरी के 14 कोस की परिधि अटूट मानव शृंखला में बंध सी गई। गगनभेदी जयघोष की सामूहिक आध्यात्मिक स्वरों से 14 कोसी परिक्रमा पथ गुंजायमान होने लगा। दर्शननगर, भीखापुर, देवकाली, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, मोदहा, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, सआदतगंज, अफीम कोठी, नयाघाट आदि स्थानों से श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति की रौ में परिक्रमा करना शुरू कर दिया है।
विज्ञापन
    
 
                     
                विज्ञापन
                
                    
                
            
            श्रद्धालुओं की सेवा के लिए जगह जगह सेवा शिविर भी लगाए गए हैं। जलपान से लेकर चिकित्सा के पूरे इतंजाम परिक्रमा पथ पर किए गए हैं। वहीं, रामनगरी में यातायात प्रतिबंध लागू करते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नयाघाट स्थित कंट्रोल रूम में मंडलायुक्त राजेश कुमार, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम निखिल टीकाराम फुंडे, एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने कैंप कर रखा है, पूरे मेला क्षेत्र की पल-पल निगरानी की जा रही है।
सुबह से ही रामनगरी में उमड़ पड़ी भीड़
आस्था के पथ को नापने के लिए रामनगरी में बुधवार की सुबह से ही श्रद्धालु जुटने लगे थे। रामलला के दरबार में सुबह सात बजे भक्तों की लंबी कतार थी। श्रद्धालुओं ने सरयू स्नान कर रामलला व हनुमंतलला के दरबार में हाजिरी लगाई। शाम होते-होते सरयू पाटों से लेकर मठ-मंदिर भक्तों से गुलजार हो उठे। ट्रेन व बसों समेत ट्रैक्टर-ट्रालियों से श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ने लगा। कुछ श्रद्धालुओं ने बृहस्पतिवार की सुबह सरयू स्नान कर परिक्रमा का श्रीगणेश किया।
भ्रम में एक दिन पहले ही शुरू कर दी परिक्रमा
14 कोसी परिक्रमा के मुहूर्त को लेकर श्रद्धालुओं में इस बार उहापोह की स्थिति रही। परिक्रमा का मुहूर्त 30 अक्तूबर की सुबह 04:50 बजे है। उसकी जगह सोशल मीडिया पर 29 अक्तूबर को परिक्रमा का मुहूर्त बता दिया गया। इसके चलते कुछ श्रद्धालुओं ने भ्रमवश 29 अक्तूबर की सुबह 4 बजकर 50 मिनट पर ही परिक्रमा आरंभ कर दी। सुबह-सुबह जब परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई, तो सब हैरान हो गए। अंबेडकरनगर के परिक्रमार्थी अंगद ने बताया कि उन्हें पता नहीं था, अब परिक्रमा शुरू कर दिए हैं तो पूरी करेंगे।

50-सरयू तट का विहंगम दृश्य

50-सरयू तट का विहंगम दृश्य

50-सरयू तट का विहंगम दृश्य

50-सरयू तट का विहंगम दृश्य