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Ayodhya News: अब अलग-अलग परिसर में संकायों के संचालन की कवायद
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अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब अलग-अलग परिसर में संकायों के संचालन की कवायद शुरू हो गई है। इसके माध्यम से विश्वविद्यालय में अध्ययन और अध्यापन की केंद्रीयकृत व्यवस्था लागू करने की तैयारी है।
इस दिशा में कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह की पहल पर प्रक्रिया शुरू की गई है। विश्वविद्यालय में इस समय विभिन्न संकायों से संबंद्ध शैक्षणिक विभागों की कक्षाओं का संचालन अलग-अलग भवनों में होता है। एक ही विभाग की विभिन्न कक्षाओं में पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राओं को चक्रवती भवन, दीक्षा भवन और प्रचेता भवन समेत अन्य भवनों की दौड़ लगानी पड़ती है। इसके चलते विद्यार्थियों के साथ ही शिक्षकों को भी परेशानी होती है।
इस समस्या के समाधान के लिए यूजी और पीजी की संकायवार कक्षाओं का संचालन एक ही भवन में किए जाने की दिशा में काम चल रहा है। इसके लिए नए सिरे से टाइम टेबल भी बन चुका है। इस टाइम टेबल से नियमित शिक्षकों को भी जोड़ा गया है। इसके माध्यम से नियमित शिक्षकों को परास्नातक पाठ्यक्रमों के साथ स्नातक पाठ्यक्रमों की कक्षाएं भी लेनी होंगी। कुलपति की ओर से लगातार इस पर जोर भी दिया जा रहा है।
विश्वविद्यालय के पास इस समय तीन भवन हैं। इसमें पुराना आवासीय परिसर, आईईटी परिसर और नवीन परिसर शामिल है। नई कवायद के अनुसार इन तीनों परिसर में कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय को अलग-अलग शिफ्ट करने पर विचार हो रहा है। हालांकि इस कार्ययोजना को अमल में लाने में कुछ अड़चनें भी हैं। इस प्रस्ताव को कार्य परिषद में स्वीकृत कराने के साथ विश्वविद्यालय परिनियमावली में भी संशोधन करना होगा।
इतना ही नहीं विश्वविद्यालय के अलग-अलग परिसर में संकायों के संचालन की स्थिति में विभिन्न पाठ्यक्रमों के समन्वयकों की भूमिका खत्म हो जाएगी। विभिन्न संकायों के डीन ही शैक्षणिक व्यवस्था के केंद्र में होंगे। गवर्निंग में आसानी होगी। टुकड़ों की बजाय विभिन्न संकायों की कक्षाओं का संचालन केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत होने का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे कक्षाओं के नियमित संचालन में कोई अवरोध नहीं आने पाएगा। विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को भी सहूलियत होगी।

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इस दिशा में कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह की पहल पर प्रक्रिया शुरू की गई है। विश्वविद्यालय में इस समय विभिन्न संकायों से संबंद्ध शैक्षणिक विभागों की कक्षाओं का संचालन अलग-अलग भवनों में होता है। एक ही विभाग की विभिन्न कक्षाओं में पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राओं को चक्रवती भवन, दीक्षा भवन और प्रचेता भवन समेत अन्य भवनों की दौड़ लगानी पड़ती है। इसके चलते विद्यार्थियों के साथ ही शिक्षकों को भी परेशानी होती है।
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इस समस्या के समाधान के लिए यूजी और पीजी की संकायवार कक्षाओं का संचालन एक ही भवन में किए जाने की दिशा में काम चल रहा है। इसके लिए नए सिरे से टाइम टेबल भी बन चुका है। इस टाइम टेबल से नियमित शिक्षकों को भी जोड़ा गया है। इसके माध्यम से नियमित शिक्षकों को परास्नातक पाठ्यक्रमों के साथ स्नातक पाठ्यक्रमों की कक्षाएं भी लेनी होंगी। कुलपति की ओर से लगातार इस पर जोर भी दिया जा रहा है।
विश्वविद्यालय के पास इस समय तीन भवन हैं। इसमें पुराना आवासीय परिसर, आईईटी परिसर और नवीन परिसर शामिल है। नई कवायद के अनुसार इन तीनों परिसर में कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय को अलग-अलग शिफ्ट करने पर विचार हो रहा है। हालांकि इस कार्ययोजना को अमल में लाने में कुछ अड़चनें भी हैं। इस प्रस्ताव को कार्य परिषद में स्वीकृत कराने के साथ विश्वविद्यालय परिनियमावली में भी संशोधन करना होगा।
इतना ही नहीं विश्वविद्यालय के अलग-अलग परिसर में संकायों के संचालन की स्थिति में विभिन्न पाठ्यक्रमों के समन्वयकों की भूमिका खत्म हो जाएगी। विभिन्न संकायों के डीन ही शैक्षणिक व्यवस्था के केंद्र में होंगे। गवर्निंग में आसानी होगी। टुकड़ों की बजाय विभिन्न संकायों की कक्षाओं का संचालन केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत होने का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे कक्षाओं के नियमित संचालन में कोई अवरोध नहीं आने पाएगा। विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को भी सहूलियत होगी।