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Ayodhya News: अयोध्या में एक साथ एक लाख श्रद्धालु कर सकेंगे राम मंदिर की परिक्रमा
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राम मंदिर में निर्माणाधीन परकोटा व दर्शन को जाते श्रद्धालु
- फोटो : राम मंदिर में निर्माणाधीन परकोटा व दर्शन को जाते श्रद्धालु
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अयोध्या। राम मंदिर में एक साथ एक लाख श्रद्धालु परिक्रमा कर सकेंगे। परिक्रमा के दौरान मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच टकराव ना हो इसके लिए मंदिर की पूरब दिशा में 200 मीटर लंबी टनल का भी निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि यह देश का पहला ऐसा मंदिर होगा, जिसके मुख्य द्वार के नीचे से होकर श्रद्धालु निकास द्वार तक पहुंचेंगे।
मंदिर के चारों ओर आठ एकड़ की परिधि में भूतल से 48 फीट ऊंचे परकोटे का भी निर्माण किया जा रहा है, जिसका 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। अक्तूबर तक परकोटा बनकर तैयार हो जाएगा। परकोटे के भीतर छह मंदिरों का भी निर्माण किया गया है। राम मंदिर में सिंह द्वार से प्रवेश करने के पहले पूरब दिशा में परकोटे पर भी एक मुख्य द्वार बना है। जहां से रामजन्म भूमि आने वाले श्रद्धालु मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे। उसी के बगल से निकास द्वार भी बनाया गया है। प्रवेश द्वार के नीचे बन रहे टनल के माध्यम से श्रद्धालु पहुंचेंगे और बाहर भी जा सकेंगे।
कार्यदायी संस्था के एक इंजीनियर ने बताया कि परकोटा में एक साथ एक लाख श्रद्धालु चल सकेंगे। श्रद्धालुओं को परकोटा से होकर मंदिर तक आना होगा। पूजा के दौरान जो दर्शनार्थी परिक्रमा करेंगे और परकोटे में जाएंगे, उनके बीच कोई टकराव न हो इसके लिए टनल का निर्माण कराया गया है। भूमिगत रास्ते की चौड़ाई 20 फीट है, जबकि गहराई परकोटे की सतह से 16 फीट है। 14 फीट रास्ता होगा, जबकि छह फीट रोशनी व हवा के लिए छोड़ा गया है।
ध्वजारोहण से पहले मार्ग खोलने की तैयारी
- 25 नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भव्य ध्वजारोहण समारोह आयोजित करने जा रहा है। इस समारोह में आठ हजार से अधिक मेहमान शामिल होंगे। राम मंदिर ट्रस्ट, विहिप व संघ के साथ मिलकर आयोजन की रूपरेखा तैयार कर रहा है। वहीं नवनिर्मित भूमिगत मार्ग को भी ध्वजारोहण समारोह से पहले खोलने की तैयारी है। इसलिए मार्ग की फिनिशिंग का काम तेजी से चल रहा है, जो इस माह के अंत तक पूरा हो जाएगा। भूमिगत मार्ग से निकलकर श्रद्धालु शेषावतार, सप्तमंडपम व कुबेर टीला के दर्शन के लिए भी जा सकेंगे।

मंदिर के चारों ओर आठ एकड़ की परिधि में भूतल से 48 फीट ऊंचे परकोटे का भी निर्माण किया जा रहा है, जिसका 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। अक्तूबर तक परकोटा बनकर तैयार हो जाएगा। परकोटे के भीतर छह मंदिरों का भी निर्माण किया गया है। राम मंदिर में सिंह द्वार से प्रवेश करने के पहले पूरब दिशा में परकोटे पर भी एक मुख्य द्वार बना है। जहां से रामजन्म भूमि आने वाले श्रद्धालु मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे। उसी के बगल से निकास द्वार भी बनाया गया है। प्रवेश द्वार के नीचे बन रहे टनल के माध्यम से श्रद्धालु पहुंचेंगे और बाहर भी जा सकेंगे।
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कार्यदायी संस्था के एक इंजीनियर ने बताया कि परकोटा में एक साथ एक लाख श्रद्धालु चल सकेंगे। श्रद्धालुओं को परकोटा से होकर मंदिर तक आना होगा। पूजा के दौरान जो दर्शनार्थी परिक्रमा करेंगे और परकोटे में जाएंगे, उनके बीच कोई टकराव न हो इसके लिए टनल का निर्माण कराया गया है। भूमिगत रास्ते की चौड़ाई 20 फीट है, जबकि गहराई परकोटे की सतह से 16 फीट है। 14 फीट रास्ता होगा, जबकि छह फीट रोशनी व हवा के लिए छोड़ा गया है।
ध्वजारोहण से पहले मार्ग खोलने की तैयारी
- 25 नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भव्य ध्वजारोहण समारोह आयोजित करने जा रहा है। इस समारोह में आठ हजार से अधिक मेहमान शामिल होंगे। राम मंदिर ट्रस्ट, विहिप व संघ के साथ मिलकर आयोजन की रूपरेखा तैयार कर रहा है। वहीं नवनिर्मित भूमिगत मार्ग को भी ध्वजारोहण समारोह से पहले खोलने की तैयारी है। इसलिए मार्ग की फिनिशिंग का काम तेजी से चल रहा है, जो इस माह के अंत तक पूरा हो जाएगा। भूमिगत मार्ग से निकलकर श्रद्धालु शेषावतार, सप्तमंडपम व कुबेर टीला के दर्शन के लिए भी जा सकेंगे।